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Haryana Farmers: ओले या बारिश ही नहीं आग भी बरसा रही किसानों पर आफत, 16 एकड़ में फैली गेहूं की फसल खाक

देश भर में किसानों के खेत सुनहरे रंग में रंगारंग हैं। लेकिन बारिश और ओलों ने लोगों की परेशानी को बढ़ा रखा है। हरियाणा के विभिन्न जिलों में भी किसानों के हाल-बेहाल हैं। उनमें भय है कि कहीं उनकी फसल वर्षा या फिर ओलावृष्टि की शिकार न हो जाए। इसी बीच अब आग भी किसानों के लिए एक नई परेशानी बनकर उभरी है।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Published: Sat, 20 Apr 2024 10:58 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2024 10:58 AM (IST)
Haryana Farmers: ओले या बारिश ही नहीं आग भी बरसा रही किसानों पर आफत

जागरण टीम, पानीपत/हिसार। Haryana Farmers News Update: आग-वर्षा व ओलावृष्टि से शुक्रवार को किसानों को नुकसान हुआ। दादरी, अंबाला और जींद में खेतों में आग लगने से गेहूं की खड़ी फसल जल गई। 16 एकड़ में नुकसान हुआ। वहीं, दोपहर बाद अचानक मौसम बदलने से करनाल, कैथल व पानीपत के समालखा में 20 मिनट वर्षा के साथ ओलावृष्टि हुई।

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मंडियों में गेहूं की ढेरियां और लाखों बोरी ओलों से ढक गई। करीब आठ लाख क्विंटल गेहूं भीग गया। खेतों में खड़ी फसल भी बर्बाद हो गई।

वहीं सोनीपत के गोहाना में भी वर्षा और ओलावृष्टि होने से अनाज मंडी में करीब 50 हजार क्विंटल गेहूं भीग गया। करनाल के इंद्री, गढ़ी बीरबल क्षेत्र में ओलावृष्टि हुई। वहीं घरौंडा, करनाल व यमुनानगर में हल्की वर्षा हुई।

कैथल के पूंडरी, पानीपत के समालखा और अंबाला के मुलाना में भी वर्षा के साथ ओलावृष्टि हुई है। तेज आंधी से अंबाला में खंभे टूट गए। कई छतों से टिन उड़ गईं। हिसार में भी शाम को धूल भरी आंधी चली। इससे पहले 3, 4, 14 और 18 अप्रैल को भी वर्षा होने से फसल को नुकसान हो चुका है।

21 तक मौसम परिवर्तनशील

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 21 अप्रैल तक उत्तर हरियाणा सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में मौसमी उतार-चढ़ाव की संभावना है। दक्षिण और दक्षिण पूर्व हरियाणा के रोहतक, सोनीपत से लेकर सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद और भिवानी जिलों में भी मौसमी परिवर्तन की संभावना है। औसत अधिकतम तापमान में 0.2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की है।

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उठान नहीं होने से मंडियों में पड़ा है गेहूं करनाल में करीब 49 लाख 69 हजार 985 क्विंटल गेहूं की आवक हुई है। इसमें 46 लाख 04 हजार 910 क्विंटल की खरीद की जा चुकी है।

लाखों क्विंटल गेहूं मंडियों में रखा है

तीन लाख 65 हजार 075 क्विंटल गेहूं मंडियों में बिका नहीं है। बिना उठान के कट्टों में भी लाखों क्विंटल गेहूं मंडियों में है।

पानीपत के समालखा ढाई लाख क्विंटल गेहूं भीग गया। कैथल के पूंडरी में लगभग एक लाख बैग गेहूं पड़ा है। खेतों में खड़ी फसल होगी खराब गेहूं कटाई का कार्य रफ्तार पर चल रहा है।

हालांकि अनुमान के अनुसार अभी भी करीब 40 प्रतिशत गेहूं की फसल खेतों में खड़ी है। किसानों का कहना है कि ओलावृष्टि से इंद्री, गढ़ी बीरबल और घरौंडा इलाके में खड़ी फसल धरती में बिछ गई है।

आंधी से बिजली आपूर्ति ठप, सड़कों पर गिरे पेड़ पानीपत के मतलौडा क्षेत्र में आंधी से 50 खंभे गिरने से 10 गांवों की बिजली आपूर्ति ठप हो गई।

उधर, आंधी से अंबाला के मुलाना क्षेत्र में कई गांवों की बिजली आपूर्ति ठप रही। सड़कों पर पेड़ गिर गए। सिरसा में भी आंधी से नुकसान हुआ।

फाने जलने से किसानों को सताने लगी तूड़ी की चिंता

चरखी-दादरीके गांव सांजरवास में शुक्रवार को खेतों से गुजर रही बिजली की तार टूटने से आग लग गई। तीन किसानों की करीब ढाई एकड़ गेहूं की फसल जल गई।

अंबाला के मुलाना 10 एकड़ में गेहूं और फाने जल गए। जींद के गांव लौन में साढ़े तीन एकड़ में गेहूं की फसल व 25 एकड़ में खड़े फाने जलकर राख हो गए।

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