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हांसी नगर परिषद ने कोविड फंड का किया गलत इस्तेमाल, सीएम फ्लाइंग ने मारा छापा

बीते वर्ष कोरोना महामारी के दौरान सरकार की तरफ से करोड़ों रुपये का फंड भेजा गया था। आरोप है कि यह फंड कोरोना महामारी रोकथाम के उपायों पर खर्च करने के बजाए अन्य कार्यों पर खर्च कर दिया। नगर परिषद द्वारा इस फंड से कर्मचारियों का वेतन भुगतान कर दिया।

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 04:30 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 04:30 PM (IST)
हांसी में कोविड फंड के दुरूपयोग मामले की जांच करने पहुंची सीएम फ्लाइंग

हिसार/हांसी, जेएनएन। कोविड फंड के गलत इस्तेमाल करने के मामले में सीएम फ्लाइंग की टीम गुरुवार को नगर परिषद कार्यालय में जांच करने पहुंची। परिषद कार्यालय में जांच टीम कई घंटे बैठी रही लेकिन कोई अधिकारी मौजूद नहीं मिला। आखिर सीएम फ्लाइंग टीम बरैंग लौट गई। सीएम फ्लाइंग की टीम ने बीड़ फार्म में डंपिंग स्टेशन पर जाकर भी जांच की और इसके अलावा शहर में नगर परिषद की जमीन पर अवैध कब्जे के मामले में भी टीम ने जांच की।

बता दें कि बीते वर्ष कोरोना महामारी के दौरान सरकार की तरफ से करोड़ों रुपये का फंड भेजा गया था। आरोप है कि यह फंड कोरोना महामारी रोकथाम के उपायों पर खर्च करने के बजाए अन्य कार्यों पर खर्च कर दिया। नगर परिषद द्वारा इस फंड से कर्मचारियों का वेतन भुगतान कर दिया। करीब तीन करोड़ रुपये के कोरोना फंड के दुरुपयोग करने का आरोप है। इस मामले में सीएम फ्लाइंग द्वारा जांच की जा रही है। जांच टीम के सदस्य इंस्पेक्टर कंवर पाल व अन्य गुरुवार को नगर परिषध कार्यालय में अधिकारियों से पूछताछ करने पहुंचे थे, लेकिन कोई भी अधिकारी कार्यालय में मौजूद नहीं मिला।

चेयरपर्सन भी कार्यलय में मौजूद नहीं थी। बिल्डिंग इंस्पेक्टर से जांच टीम ने पूछताछ की लेकिन उन्होंने जवाब दिया कि वह अभी कुछ दिन पूर्व ही नगर परिषद में स्थानांतरित होकर आए हैं। इस मामले में एमई से मुख्य तौर पर पूछताछ की जानी थी, लेकिन वह मौके पर नहीं मिले। सूत्रों ने बताया कि टीम फिर से नगर परिषद कार्यालय में आएगी। नगर परिषद के कोरोना फंड के गलत इस्तेमाल को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता जयभगवान गर्ग ने भी आरटीआई लगाकर कई खुलासे किए थे।

बताया जा रहा है कि इस मामले में शहर के ही एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा शिकायत की गई है। आरटीआई में जानकारी मिली थी कि कोरोना फंड से कर्मचारियों के अलावा अधिकारियों तक के वेतन का भुगतान कर दिया गया। इस मामले में नगर परिषद पर सवाल उठ रहे हैं कि वेतन का फंड होने के बावजूद कोविड फंड का वेतन देने में क्यों इस्तेमाल किया गया।


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