ट्विटर पर खूब शक्ति प्रदर्शन कर रही बबीता फौगाट, इंतजार 2024 का, पढ़ें और भी रोचक खबरें...
कई ऐसी खबरें होती हैं जो मीडिया में सुर्खियां नहीं बन पाती। आइए सफेद सच कालम में कुछ ऐसी ही रोचक खबरों पर नजर डालते हैं...
हिसार [जगदीश त्रिपाठी]। बबीता फौगाट। देश की रेसलिंग स्टार। फिलहाल वह अपनी शक्ति का प्रदर्शन ट्विटर पर कांग्रेसियों को पटकनी देने में करती रहती हैं। रोज ट्विटर पर उनका कोई न कोई ट्वीट ऐसा आता है कि कांग्रेसी जल भुन जाते हैं। कुछ उत्तर भी देते हैं तो उन्हेंं तुरंत प्रति उत्तर मिल जाता है। कांग्रेसियों से दो-दो हाथ करते हुए।
फिलहाल बबीता को इंतजार है 2024 का, इसलिए नहीं कि उन्हेंं लोकसभा चुनाव में उतरना है। वह तो बाद की बात है। दरअसल, उनके छोटे भाई दुष्यंत फौगाट ओलंपिक में जाने की तैयारियां कर रहे हैं। दुष्यंत पिछले साल सब जूनियर नेशनल में सिल्वर मेडल जीतकर ओलंपिक में जाने की अपनी दावेदारी जता चुके हैं। बबीता ने छोटे भाई की तस्वीर डालते हुए ट्वीट किया है-इंतजार छोटे भाई 2024 का। दुष्यंत अपनी चार बहनों के इकलौते भाई हैं। चारों से छोटे। उनसे फौगाट परिवार को ही नहीं पूरे हरियाणा को उम्मीद है।
बहू हो तो कर्णम मल्लेश्वरी जैसी
देश के बाकी हिस्सो के बारे में तो इस अल्पज्ञ को पता नहीं, लेकिन उत्तर भारत के बारे में तो जानता है। जब भी घर में नई बहू आती है तो उसे चौखट पर अन्न से भरा कलश अपने दाहिने पैर से गिरा कर घर मे प्रवेश करना होता है। इसके पीछे धारणा है कि दुल्हन लक्ष्मी का रूप होती है। उसके पैरों से कलश गिरने से घर मे सुख, समृद्धि-संपत्ति आएगी। सन् 1997 में ऐसी ही एक बहू हरियाणा में आई। कर्णम मल्लेश्वरी। सन 2000 में ओलंपिक में खुद कांस्य जीतकर लाई। उसके बाद तो कोई ओलंपिक ऐसा नहीं गया. जिसमें देश के लिए हरियाणा के खिलाड़ी पदक न जीत कर लाए हों। एशियाड और कामनवेल्थ में तो पदकों के ढेर लग जाते हैं। इस बार तो खेल पुरस्कारों के लिए प्रस्तावित सर्वाधिक खिलाड़ी हरियाणा के हैं-जैसे विनेश फौगाट, मनु भाकर, नीरज चोपड़ा, अमित पंघाल, विकास कृष्णन, रानी रामपाल।
कांग्रेस ने डॉक्टर साहब को मजदूरी भी नहीं दी
भाग्य के भंवर में फंसे डॉक्टर साहब हाथ धोने के बाद अब सिर धुन रहे हैं कि कांग्रेस ने उनसे पांच साल काम कराया और मजदूरी नहीं दी। जब डॉक्टर साहब ही मजदूरी से हाथ धो बैठे तो समर्थकों को कहां से दे पाते। फिलहाल तो कोई दूसरा भी डॉक्टर साहब को काम का मानकर काम नहीं दे रहा। ऐसे में उनके समर्थकों को लगता है कि डॉक्टर साहब से तो हाथ छूट ही गया, अब हम सिस्टर की अंगुली पकड़ लें। सिस्टर भी शैल पुत्री हैं। दूसरी तरफ भूप हैं तो बहन जी भी देवी हैं। शैलपुत्री हैं। शक्तिशाली हैं। भक्तों पर स्नेह बरसाने वाली हैं। वैसे भी भूप का हाथ तो वे पकड़ नहीं सकते, अभी तक तो उन्हीं से जंग लड़ रहे थे। बहन जी से इसलिए भी उम्मीद है कि वह उन पर कृपा बरसाने में आगे रहती हैं, जिन पर भूप जी की कृपादृष्टि नहीं होती।
कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज बाथरूम में फिसलकर गिर जाने के बाद घायल हैं। मोहाली के मैक्स अस्पताल में बेड से ही वह रोज अफसरों से बात करते हैं। उन्हेंं निर्देश देते हैं। कोरोना संक्रमण पर अंकुश के लिए किए जा रहे कार्यों का ब्योरा लेते हैं। दायित्व निर्वहन के प्रति उनकी इस लगन की सराहना सभी कर रहे हैं। यह बात अलग है कि कुछ लोगों के मुताबिक विज को भय है कि कहीं उनके कुछ दायित्व स्वास्थ्य का हवाला देते हुए ले न लिए जाएं, इसलिए इतनी सक्रियता दिखा रहे हैं। लेकिन लोगों की इस बात में दम नहीं। वह क्या है कि लोगों का काम है कहना, इसलिए कह रहे हैं। सक्रियता और सेवाभाव विज के स्वभाव में है। हां, इतना जरूर है कि जब से प्रधानमंत्री मोदी ने फोन कर उनसे बात की है और हालचाल लिया है, तब से वह कुछ अधिक ही उत्साहित हैं।
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