गुरुग्राम : स्कूलों के डीपीई और पीटीआइ को दिया जाएगा योगा प्रशिक्षण
उपायुक्त ने बताया कि व्यक्ति योग क्रियाएं करके अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर स्वस्थ रह सकता है। उन्होंने बताया कि जिला आयुष विभाग द्वारा होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए एक घंटे का योग सैशन वर्चुअल माध्यम से भी करवाया जा रहा है।
गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण से बचाव तथा बच्चों समेत आमजन को योगा से जोड़ने के उद्देश्य से आयुष विभाग द्वारा जल्द ही सरकारी स्कूलों के डीपीई तथा पीटीआइ के लिए प्रशिक्षण सत्रों की शुरूआत की जा रही है। जिन विद्यालयों में डीपीई व पीटीआई नही हैं वहां विद्यालय द्वारा नामित अध्यापक को यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल 8 नवंबर को प्रातः 10 बजे वर्चुअल माध्यम से करेंगे।
इस बारे में जानकारी देते हुए उपायुक्त अमित खत्री ने बताया कि योगा का प्रशिक्षण लेने के उपरांत डीपीई व पीटीआई विद्यालयों में बच्चों को योग क्रियाओं का प्रशिक्षण देंगे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 8 नवंबर से शुरू होकर 14 से 21 दिनों तक चलेगा। उपायुक्त ने बताया कि व्यक्ति योग क्रियाएं करके अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर स्वस्थ रह सकता है। उन्होंने बताया कि जिला आयुष विभाग द्वारा होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए एक घंटे का योग सैशन वर्चुअल माध्यम से भी करवाया जा रहा है।
इस दौरान कोरोना संक्रमित मरीजों को उन योग क्रियाओं की जानकारी दी जाती है जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े तथा वे जल्द इस बीमारी से रिकवर कर पाएं। यह वर्चुअल योग सैशन प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से 10 बजे तक एक घंटे के लिए योग प्रशिक्षक भूदेव द्वारा करवाया जाता है। इस दौरान कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए उपयोगी योग आसन करने की विधि बताई जाती है और उन्हें ये आसन करके भी दिखाए जाते हैं।
जिला आयुष अधिकारी डा. मंजू बांगड़ ने इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि प्राणायाम व ध्यान का अभ्यास संबंधी आसन बीमार व्यक्ति के लिए संजीवनी बूटी के समान हैं जो बीमारियों को ठीक करने के साथ साथ हमारे जीवन को तनावमुक्त बनाता है। इनका चयन सभी व्यक्तियों के लिए अलग-अलग हो सकता है। उन्होंने बताया कि आज पूरा देश कोरोना महामारी के प्रकोप से जूझ रहा है। यदि लोग नियमित दो आसन -‘उष्टरासन‘ और ‘मरकट‘आसन करें या कुछ फेफड़ों व पेट से जुड़े आसन जैसे- ‘उत्थान मंडूक‘ आसन तथा प्राणायाम में 5 मिनट कपालभाति करें तो वे स्वयं को निरोग बना सकते हैं।
योगाचार्य भूदेव का कहना है कि हर व्यक्ति को उज्जाई प्राणायाम कमसे कम दो मिनट जरूर करना चाहिए। इससे व्यक्ति को बुखार नही आएगा। उज्जाई प्राणायाम से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकासहोता है जिससे बुखार आने की सम्भावना कम हो जाएगी । बुखार नही आना इस कोरोना काल में व्यक्ति के लिए बहुत राहत की बात है। उज्जाई प्राणायाम व उत्थानमडूक आसन फेफड़ों के लिए काफी लाभदायक है और इनसे शरीर में आॅक्सीजन लेवल भी संतुलित रहता है।
इन आसनों में गले से सांसों को खींचते हुए थोड़ी-थोड़ी आवाज निकालनी होती है। यदि 10- 10 मिनट के दो क्रम अनुलोम-विलोम व प्राणायाम करेंगें तो निश्चित ही व्यक्ति स्वयं को स्वस्थ रख सकता है। प्राणायाम व्यक्ति के शरीर व मन में बेहतर तालमेल बिठाता है। पेट व फेफड़ों की क्रियाएं ठीक होने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगती है। यह योग नियमित तौर पर करना अत्यंत लाभकारी है। यदि नाक के रोगों से परेशान व्यक्ति नेति और प्राणायाम करें। इससे व्यक्ति को जल्द ही स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।
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