इंस्पेक्टर विशाल के सरेंडर पर लोग बोले- किसने कहने पर कारोबारी को उठाया था, हो जांच
मामले में आरोपित इंस्पेक्टर विशाल जैसे ही अदालत में सरेंडर करने के लिए पहुंचा वैसे ही सूचना जंगल में आग की तरफ न केवल अदालत परिसर में बल्कि पूरे शहर में फैल गई थी। मामले को लेकर अदालत परिसर मेंं तरह-तरह की चर्चाएं चलती रहीं।
गुरुग्राम (आदित्य राज)। जिला अदालत परिसर में सोमवार दिन भर रिश्वत कांड की चर्चा चलती रही। हर कोई रिश्वत कांड से हैरान दिखा। दबी जुबान से सभी के मुख से यही निकला कि किसके कहने पर काल सेंटर संचालक को खेड़कीदौला थाना पुलिस ने उठाया था और किसने दी थी संचालक के बारे में सूचना, यह जानकारी सामने आनी चाहिए। जब तक जड़ तक पुलिस नहीं पहुंचेगी तब तक इस तरह के कांड सामने आते रहेंगे।
बताया जाता है दिल्ली के काल सेंटर संचालक नवीन भूटानी का एक अन्य कारोबारी के साथ लेन-देन को लेकर विवाद चल रहा था। एक तीसरे व्यक्ति ने दोनों को बैठकर विवाद को सुलझाने का सुझाव दिया था। विवाद सुलझाने के लिए ही नवीन भूटानी अपने एक रिश्तेदार के साथ कुछ दिन पहले गुरुग्राम पहुंचे थे। उनके साथ उनका ड्राइवर भी था। सभी एक होटल में थे, उसी दौरान खेड़कीदौला थाने की टीम पहुंची थी और तीनों को उठा लिया था। उन्हें एक फार्म हाउस में रखा गया था। थर्ड डिग्री दी गई। डर से संचालक ने 57 लाख रुपये दे दिए थे।
इतने पैसे जुटाने के लिए उन्होंने आभूषण तक बेच दिए थे। पैसे लेने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था लेकिन लैपटाप टीम ने ही रख लिया था। इसी को लौटाने के बदले 10 लाख रुपये की मांग की जा रही थी। जिसमें पांच लाख रुपये लेते हुए हेड कांस्टेबल अमित गिरफ्तार किया गया था।
पूरे शहर में कुछ ही देर में पहुंच गई थी सूचना
मामले में आरोपित इंस्पेक्टर विशाल जैसे ही अदालत में सरेंडर करने के लिए पहुंचा वैसे ही सूचना जंगल में आग की तरफ न केवल अदालत परिसर में बल्कि पूरे शहर में फैल गई थी। मामले को लेकर अदालत परिसर मेंं तरह-तरह की चर्चाएं चलती रहीं। सबसे अधिक चर्चा इस बात को लेकर चलती रही कि इंस्पेक्टर विशाल आत्मसपर्मण करने के लिए अदालत पहुंच गया और फरीदाबाद विजिलेंस को कानोंकान खबर तक नहीं लगी। टीम लगभग तीन घंटे बाद अदालत में पहुंची थी।
मुख्यमंत्री के सख्त रूख से किया आत्मसमर्पण
अदालत परिसर में तीन दिन पहले मुख्यमंत्री मनोहरलाल के बयान के ऊपर भी चर्चा चलती रही। मुख्यमंत्री ने ग्रीवेंस कमेटी की बैठक लेने के बाद कहा था कि जल्द ही फरार चल रहे इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया जाएगा। बताया जाता है कि सरकार ने इंस्पेक्टर के खिलाफ काफी सख्त कार्रवाई करने का भी मन बना लिया था। संभवत यही वजह रही कि उसने आत्मसमर्पण कर दिया। अब रिमांड के दौरान पूछताछ से साफ होगा कि मामले में कौन-कौन लोग शामिल हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता व सेवानिवृत्त अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रेशम सिंह का कहना है कि मामले की जड़ तक जाना चाहिए। यह बहुत ही गंभीर मामला है। इससे पुलिस की छवि काफी धूमिल हुई है। पुलिस के ऊपर बदमाशों की तरह कृत्य करने का आरोप लगा है।
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