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Indian Cotton Conference: स्मृति ईरानी बोलीं- किसानों को नहीं होगी किसी तरह की परेशानी

स्मृति ईरानी ने कहा कि यह तय है कि हम किसानों की कीमत पर आगे नहीं बढ़ेंगे। वर्तमान की चुनौतियों को देखते हुए भविष्य की योजनाएं तैयार हो रही हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 05:50 PM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 09:15 PM (IST)
Indian Cotton Conference: स्मृति ईरानी बोलीं- किसानों को नहीं होगी किसी तरह की परेशानी
Indian Cotton Conference: स्मृति ईरानी बोलीं- किसानों को नहीं होगी किसी तरह की परेशानी

गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि सबसे अच्छा विकास वह होता है जो किसी की कीमत पर न हो। केंद्र सरकार की ओर से किसानों के हित को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में किसानों को और इंडस्ट्री को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसके लिए बीच का रास्ता निकालना जरूरी है। इसी दिशा में कदम आगे बढ़ाए जा रहे हैं। यह तय है कि हम किसानों की कीमत पर आगे नहीं बढ़ेंगे। वर्तमान की चुनौतियों को देखते हुए भविष्य की योजनाएं तैयार हो रही हैं। उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल के क्षेत्र में माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) के हित को लेकर भी ठोस कदम उठाए गए हैं। 

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भारत चीन के बीच कॉटन मामले को प्राथमिकता से किया हल

स्मृति ईरानी ने यह बातें रविवार को दिल्ली-गुरुग्राम स्थित द लीला एंबियंस होटल में इंडियन कॉटन एसोसिएशन द्वारा आयोजित इंडियन कॉटन कॉफ्रेंस 2019 के चौथे अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के दौरान बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने कहा कि जब कॉटन इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने तीन साल पहले उनके समक्ष यह मुद्दा उठाया था कि भारत से चीन जो कॉटन भेजा जाता है उससे भी अधिक किराया मुंबई से चेन्नई कॉटन भेजने पर लगता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस मसले का सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया।

किसानों और उद्योगों के बीच न्यायसंगत व्यवस्था 

उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) किसानों और उद्योगों के बीच न्यायसंगत व्यवस्था है। मिलावट मुक्त कॉटन पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर का भी कॉटन इंडस्ट्री को प्रभावित करेगा।

कृषि नीति में उत्पादकता के साथ-साथ आय को जोडऩे का बहुत बड़ा निर्णय

इस मौके पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने भी कॉटन इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों एवं कॉटन उत्पादकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश की कृषि नीति में उत्पादकता के साथ-साथ आय को जोडऩे का बहुत बड़ा निर्णय प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिया गया था। इसी के बाद से किसानों की आय को लेकर चर्चा शुरू हुई। उन्होंने कहा कि कृषि के साथ-साथ उद्योगों को भी चलाना है। एक को बढ़ावा देते हुए दूसरा खत्म हो जाए ऐसा नहीं होना चाहिए, इसलिए सरकार बीच का मार्ग निकाल रही है।

एक हजार किसानों का ग्रुप

उन्होंने कहा कि आज देश का किसान कांट्रेक्ट फार्मिंग कानूनी रूप से कर सकता है। केंद्रीय राज्य मंत्री ने कॉटन इंडस्ट्री के लोगों को सुझाव दिया कि वह एक हजार किसानों का ग्रुप बना लें। इससे कॉटन उत्पादन के लिए बड़ी जोत उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें इजरायल की तर्ज पर इस मामले में प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिंग कॉटन को लेकर भी तेजी से अब चर्चा होने लगी है। कांफ्रेंस में किसान नेता पाशा पटेल ने कॉटन किसानों की दिक्कतों का मुद्दा उठाया।

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