Gurugram Property News: 146 गांवों को धारा 7ए के अधीन लाने के लिए डीटीपी ने लिखा पत्र
Gurugram Property News शहर के चारों तरफ अवैध कालोनियों को जाल बिछा हुआ है। इस जाल को खत्म करने के लिए महानिदेशक केएम पांडुरंग के निर्देशों पर डीटीपी एन्फोर्समेंट ने लगातार तोड़-फोड़ अभियान भी चलाए हैं। बावजूद इसके अवैध कॉलोनियां लगातार विकसित हो रही है।
गुरुग्राम [गौरव सिंगला]। Gurugram Property News: गुरुग्राम के नगर योजनाकार विभाग के डीटीपी (Gurugram District Town Planner ) एन्फोर्समेंट ने विभाग के महानिदेशक को जिले के 146 गांवों को अर्बन एक्ट की धारा-7ए के अधीन लाने के लिए एक पत्र लिखा है। इस संबंध में उन्होंने महानिदेशक कार्यालय को फिर से स्मृति पत्र भी भेजा है। उक्त गांवों में 7ए के लागू न होने से अवैध कॉलोनियों के विकसित होने और उनमें प्लाट की रजिस्ट्री होने पर चिंता जताई गई है।
बता दें कि शहर के चारों तरफ अवैध कालोनियों को जाल बिछा हुआ है। इस जाल को खत्म करने के लिए महानिदेशक केएम पांडुरंग के निर्देशों पर डीटीपी एन्फोर्समेंट ने लगातार तोड़-फोड़ अभियान भी चलाए हैं। बावजूद इसके अवैध कॉलोनियां लगातार विकसित हो रही हैं।
क्या है 7ए नियम
अर्बन एक्ट की धारा-7ए लागू इलाकों में नगर योजनाकार विभाग के एन्फोर्समेंट कार्यालय से कोई भी रजिस्ट्री करने से पहले संबंधित जमीन की एनओसी लेना अनिवार्य होता है। जहां पर 7ए लागू नहीं होता, वहां डीटीपी कार्यालय से एनओसी की कोई आवश्यकता नहीं होती और वहां तहसील में आसानी से जमीन की रजिस्ट्री हो जाती है।
7ए में पटौदी और फरुखनगर के ज्यादातर गांव शामिल नहीं
जिले के पटौदी और फरुखनगर इलाके के अधिक्तर गांव 7ए के अधीन नहीं आते। इसी के चलते डीटीपी एन्फोर्समेंट की तरफ से सोहना, भोंडसी और बादशाहपुर में लगातार हुई कार्रवाई के बाद अवैध कालोनी काटने वालों ने पटौदी और फरुखनगर का रूख कर लिया है और अवैध कॉलोनियां विकसित करनी शुरू कर दी हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि यहां पर डीटीपी से एनओसी नहीं लेनी पड़ती और आसानी से तहसील में टुकड़ों में (यानी प्लाट)रजिस्ट्री हो जाती है।
पहले भेजा था 63 गांवों का प्रस्ताव
डीटीपी ने पहले मई-जून 2020 में 63 गांवों को 7ए के अधीन शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा था, लेकिन बाद में 27 जुलाई को मिले निर्देशों के बाद 146 गांवों का प्रस्ताव भेजा गया है, जिसके लिए अब इस पर कार्रवाई के लिए फिर से स्मरण पत्र महानिदेशक कार्यालय को भेजा गया है। अभी हाल में जिले के मानचित्र पर लगभग 94 गांव 7ए के अधीन आते हैं। यहां पर किसी भी प्रकार की रजिस्ट्री के लिए पहले डीटीपी से एनओसी लेनी पड़ती है।
आरएस बाठ (डीटीपी एन्फोर्समेंट) का कहना है कि अवैध कॉलोनियों पर पूरी तरह से लगाम लगाने के लिए उक्त 146 गांवों को अर्बन एक्ट की धारा-7ए के अधीन लाना अत्यंत आवश्यक है। यहां पर एनओसी का प्रावधान न होने की वजह से निगरानी नहीं हो पा रही जिसका अवैध कॉलोनी काटने वाले फायदा उठाते हैं। इसी को लेकर महानिदेशक को पत्र लिखा गया है।
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