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गुरुग्राम : दिवाली से पहले घरों में फेस्टिव मेकओवर, ट्रेडिशनल थीम की बढ़ी मांग

लोग घरों की साज सज्जा में भी इसे प्रमुखता से शामिल कर रहे हैं। इंटीरियर डिजाइनर जाह्नवी के मुताबिक अब लोग क्रिस्टल लाइटों व सिरेमिक से ऊपर उठ चुके हैं और फिर से परंपराओं की तरफ लौट रहे हैं।

By Neel RajputEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 12:52 PM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 12:52 PM (IST)
गुरुग्राम : दिवाली से पहले घरों में फेस्टिव मेकओवर, ट्रेडिशनल थीम की बढ़ी मांग
फेस्टिव सीजन में बढ़ी पारंपरिक इंटीरियर की मांग

गुरुग्राम [प्रियंका दुबे मेहता]। फेस्टिव सीजन की शुरुआत के साथ ही घरों के इंटीरियर में बदलाव शुरु हो गया है। लोग फेस्टिव सीजन के लिए पारंपरिक डेकोरेशन को थीम बना रहे हैं। इंटीरियर डेकोरेटर्स को यह थीम दिए जा रहे हैं और वे घरों के साइज के आधार पर इंटीरियर कर रहे हैं। इंटीरियर डेकोरेटर्स का कहना है कि अब लोग स्टाइलिश इंटीरियर की जगह अब पारंपरिक साज सज्जा को तरजीह दे रहे हैं।

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इंटीरियर डिजाइनर पूनम सोढ़ी ने बताया कि ‘इस फेस्टिव सीजन फेस्टिव लुक की मांग हो रही है। लोग अपने घरों को परंपरा के रंगों से सजाना चाहते हैं। ऐसे में हमें उन्हें वह सारे विकल्प देते हैं। इसमें लाइटों से लेकर टेराकोटा व राजस्थानी व गुजराती लुक के आइडिया देते हैं और फिर घरों की डेकोरेशन करते हैं। अब लोग फिर से त्योहारों को महत्व देने लगे हैं ऐसे में घर को भी इसी तरह से सजाना चाहते हैं।’

टेराकोटा लाइटनिंग

नवरात्र के साथ ही हर जगह रोशनी फैलने लगी है। ऐसे में लोग घरों की साज सज्जा में भी इसे प्रमुखता से शामिल कर रहे हैं। इंटीरियर डिजाइनर जाह्नवी के मुताबिक अब लोग क्रिस्टल लाइटों व सिरेमिक से ऊपर उठ चुके हैं और फिर से परंपराओं की तरफ लौट रहे हैं। खासकर इस फेस्टिव सीजन डेराकोटा की डिमांड बढ़ गई है। टेराकोटा से बने लैंप को लोग बहुत पसंद कर रहे हैं। इसमें लगे एलईडी व रंग बिरंगे बल्ब घरों को परंपरा की रोशनी से सराबोर कर रहे हैं। इससे टेराकोटा कलाकारों का काम भी बढ़ा है।

फर्श ही नहीं, दीवारों पर भी रंगोली के रंग

पहले केवल फर्श पर रंगोली बनाई जाती थी लेकिन अब लोग इसे दीवारों पर भी बनवा रहे हैं। इसके लिए स्टिकर रंगोली के साथ साथ पेंटिंग व वॉल पेपर का सहारा लिया जा रहा है। कमरों के आकार व आकृति को ध्यान में रखकर डेकोरेटर रंगोली डिजाइनिंग पर काम कर रहे हैं।

पपेट डेकोरेशन

इंटीरियर डिजाइन नुपुर के मुताबिक इस फेस्टिव सीजन हैंगिग्स व पपेट (कठपुतली) की मांग बढ़ गई है। राजस्थानी व गुजराती पपेट घरों की दीवारों को खूबसूरत बना रहे हैं। नुपुर के मुताबिक यह पपेट बजट में भी आ जाते हैं और इससे कमरे की खूबसूरती पर भी निखार आता है। यह घरों के भीतर व बाहर की दीवारों पर सजाई जा रही हैं।

कुशन के पारंपरिक डिजाइन बेड हो या सोफा या फिर चेयर हर जगह पारंपरिक डिजाइनों वाले कुशन रखे जा रहे हैं। इंटीरियर डिजाइनर हिना के मुताबिक कुशन के गुजराती, राजस्थानी व मधुबनी प्रिंट लोगों को खासा लुभा रहे हैं। कुशन के रंगों के संयोजन से घरों को मनचाहे पारंपरिक रंगों में रंगा जा रहा है।

इंटीरियर डिजाइनर निशा सिंह के मुताबिक, ‘लोगों में फेस्टिव मेकओवर का क्रेज देखने को मिल रहा है। इंटीरियर पर इस तरह का मेकओवर फेस्टिव फील लाता है। फेस्टिवल्स से जुड़ रहे लोग घरों पर भी ऐसा फील चाहते हैं। रंग और रोशनी वैसे भी पाजटिव एनर्जी का संचार करते हैं। इसी सोच के साथ लोग घरों में इस तरह का इंटीरियर करवा रहे हैं।’

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