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Prince Murder Case: चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ CBI कोर्ट में चालान पेश

prince murder case Gurugram पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता सुशील टेकरीवाल ने बताया कि सीबीआइ द्वारा पेश चालान की कापी अभी मुझे नहीं मिली है। जहां तक जानकारी मिली है उसके मुताबिक चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ चालान पेश किया गया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 02:33 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 02:33 PM (IST)
Prince Murder Case: चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ CBI कोर्ट में चालान पेश
पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता सुशील टेकरीवाल की फोटोःजागरण

गुरुग्राम (आदित्य राज)। प्रिंस हत्याकांड मामले में सीबीआइ ने चार पुलिस अधिकारियों तत्कालीन सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) बिरम सिंह, भोंडसी थाने के तत्कालीन प्रभारी नरेंद्र खटाना, सब-इंस्पेक्टर शमशेर सिंह एवं ईएएसआइ सुभाषचंद के खिलाफ पंचकूला की विशेष सीबीआइ अदालत में चालान पेश कर दिया। चारों को सीबीआइ ने अपनी ओर से तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करने का दोषी माना है। यही नहीं बस सहायक को फंसाने के लिए अदालत में चार झूठे बयान दर्ज कराए गए। बताया जाता है कि मामले मेें स्कूल प्रबंधन को क्लीनचिट दे दी गई है, हालांकि समाचार लिखे जाने तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई थी।

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बता दें कि आठ सितंबर 2017 को सोहना रोड स्थित एक नामी विद्यालय के बाथरूम में छात्र प्रिंस (बाल सत्र न्यायालय द्वारा दिया गया नाम) की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। आरोपित के रूप में विद्यालय का एक छात्र भोलू (बाल सत्र न्यायालय द्वारा दिया गया नाम) न्यायिक हिरासत में है। आरोपित के रूप में भोलू की पहचान सीबीआइ ने की थी। सीबीआइ से पहले गुरुग्राम पुलिस ने अपने स्तर पर जांच करते हुए स्कूल के एक बस सहायक को आरोपित बना दिया था लेकिन सीबीआइ जांच शुरू होने के कुछ ही दिनों के भीतर यह साफ हो गया था कि आरोपित बस सहायक नहीं बल्कि स्कूल का ही छात्र भोलू है।

वारदात के बाद साफ कर दिया था बाथरूम

प्रिंस की हत्या करने के कुछ ही मिनट बाद न केवल स्कूल का बाथरूम साफ कर दिया गया था बल्कि बस सहायक को गिरफ्तार कर लिया गया था। उससे आशंका हो गई थी कि मामले में कुछ न कुछ खेल किया गया है। प्रिंस के माता-पिता को भी लग रहा था कि बस सहायक को फंसाया जा रहा है। उनकी मांग पर ही प्रदेश सरकार ने सीबीआइ को जांच सौंप दी थी। सीबीआइ की टीम ने बस सहायक से पूछताछ की तो उसने डरते-डरते पूरी सच्चाई उगल दी। फिर छानबीन के दौरान आरोपित के रूप में भोलू की पहचान करते हुए गिरफ्तार किया गया था। तभी से आरोपित न्यायिक हिरासत में है। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक स्वजन पहुंच चुके हैं लेकिन कहीं से भी जमानत नहीं मिली।

पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता सुशील टेकरीवाल ने बताया कि सीबीआइ द्वारा पेश चालान की कापी अभी मुझे नहीं मिली है। जहां तक जानकारी मिली है उसके मुताबिक चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ चालान पेश किया गया है। इससे साफ हो गया कि वारदात के बाद बहुत बड़ा खेल किया गया था। एक निर्दोष को फंसाने का प्रयास किया गया था। यदि मामले में स्कूल को क्लीनचिट दे दी गई है या दे दी गई तो रिपोर्ट के खिलाफ अदालत में चुनौती दी जाएगी। मामले में स्कूल प्रबंधन दोषी है। सुरक्षात्मक लापरवाही की वजह से वारदात हुई थी। ऐसे में प्रबंधन कैसे बच सकता है? चालान की कापी मिलते ही आगे का काम शुरू किया जाएगा।

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