Gurugram: अरावली वन्य जीवों के लिए सोहना में बनेगा रेस्क्यू सेंटर, लंबे समय तक बीमार जीवों को मिलेगा संरक्षण
अरावली वन्य जीवों के लिए सोहना के नजदीक रेस्क्यू सेंटर बनाया जाएगा। वन विभाग की वन्य जीव शाखा ने योजना बनाने का काम शुरू कर दिया है। इस महीने योजना तैयार कर अनुमति के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के साथ ही सेंट्रल जू अथॉरिटी को भेज दिया जाएगा।
गुरुग्राम, जागरण संवाददाता: अरावली के वन्य जीवों के लिए सोहना के नजदीक रेस्क्यू सेंटर बनाया जाएगा। इसके लिए वन विभाग की वन्य जीव शाखा ने योजना बनाने का काम शुरू भी कर दिया है। इस महीने के भीतर हर स्तर पर योजना तैयार कर अनुमति के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के साथ ही सेंट्रल जू अथॉरिटी को भेज दिया जाएगा। अरावली में ही जंगल सफारी विकसित करने के ऊपर काम चल रहा है। इसमें कई प्रकार के वन्य जीव होंगे। इस सेंटर में टाइगर रखने के ऊपर भी मंथन चल रहा है।
जीवों की संख्या को देखते हए रेस्क्यू सेंटर बनाना आवश्यक
वन विभाग के वन्य जीव शाखा का मानना है कि पिछले कुछ सालों के दौरान अरावली पहाड़ी क्षेत्र में वन्य जीवों की संख्या बढ़ी है। इसे देखते हुए रेस्क्यू सेंटर बनाना आवश्यक है, ताकि कोई वन्य जीव बीमार होता है तो उसके ऊपर लंबे समय तक ध्यान रखा जा सके। सेंटर सोहना के नजदीक बनाया जाएगा क्योंकि इसके 30 से 40 किलोमीटर के दायरे में ही अधिकतर वन्य जीव हैं। ऐसे में वन्य जीवों को लाने में कम से कम समय लगेगा। फिलहाल विभाग के पास सोहना में उपचार केंद्र है। उसमें अधिक से अधिक 10 से 15 दिन तक ही किसी वन्य जीव को रख सकते हैं। इसके बाद जंगल में छोड़ना अनिवार्य है। रेस्क्यू सेंटर में हमेशा के लिए भी वन्य जीव (जो गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं) को रखा जा सकेगा। सेंटर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम हमेशा मौजूद रहती है, जो वन्य जीवों के ऊपर 24 घंटे नजर रखती है।
कैंसर से हुई थी तेंदुए की मौत
पिछले महीने ही सोहना इलाके की अरावली पहाड़ी क्षेत्र में एक मादा तेंदुए का शव मिला था। पोस्टमार्टम से पता चला कि वह कैंसर से पीड़ित थी। रेस्क्यू सेंटर बनाए जाने के बाद ऐसे वन्य जीवों की पहचान की जाएगी जो बीमार हैं। उन्हें लाकर रेस्क्यू सेंटर में रखा जाएगा। जब वे पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगे फिर उन्हें जंगल में छोड़ा जाएगा। यदि वे ठीक होने की स्थिति में नहीं होंगे तो उन्हें अंतिम समय तक रेस्क्यू सेंटर में ही रखा जाएगा।
10 हजार एकड़ में जंगल सफारी
केंद्र सरकार ने गुरुग्राम और नूंह जिले की लगभग 10 हजार एकड़ में अरावली सफारी पार्क विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है। जल्द ही जमीनी स्तर पर काम शुरू होगा। दायरे में आने वाली लगभग छह हजार एकड़ भूमि गुरुग्राम जिले में और लगभग चार हजार एकड़ भूमि नूंह जिले में पड़ती है। अधिकतम भूमि अरावली पहाड़ी क्षेत्र के दायरे में ही आती है। पार्क के दायरे में गुरुग्राम जिले के 10 और नूंह जिले के छह गांव आएंगे।
गुरुग्राम जिले के जो गांव दायरे में आएंगे वे हैं
गांव सकतपुर, गैरतपुर बास, नरसिंहपुर, बार गुर्जर, टिकरी, शिकोहपुर, घामड़ौज, अकलीमपुर, भोंडसी तथा अलीपुर। नूंह जिले के जो गांव दायरे में आएंगे वे हैं : कोटा खंडेवला, गंगवानी, मोहम्मदपुर अहीर, खरक जलालपुर, भंगो और चाहलका।
अरावली में वन्य जीव वन्य जीव संख्या
गीदड़ 166
लकड़बग्घा 126
सेहली 91
बिज्जू 61
नेवला 50
तेंदुआ 31
जंगली बिल्ली 26
लोमड़ी 4
भेड़िया 3
लंगूर की प्रजाति 2
विशेषज्ञों से ली जा रही राय
अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक एमएस मलिक ने कहा कि अरावली पहाड़ी क्षेत्र में वन्य जीवों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसे देखते हुए रेस्क्यू सेंटर बनाने के लिए योजना बनाई जा रही है। जल्द ही योजना बनाकर अनुमति के लिए भेजा जाएगा। सेंटर बनाने के लिए विशेषज्ञ से भी राय ली जा रही है ताकि बेहतर से बेहतर बनाया। कितनी जमीन में बनाया जाएगा, कितनी लागत आएगी, क्या-क्या सुविधाएं होंगी आदि जानकारी अगले 10 से 15 दिनों के भीतर सामने आ जाएगी।
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