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मरीज का रुतबा देखकर मिल रहा दाखिला

कोरोना की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है लेकिन कई प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना मरीज को आइसीयू बेड उसका रुतबा देख कर ही दिया जा रहा है। स्वजन को यह कहकर टाल दिया जाता है कि हमारे यहां आइसीयू बेड या वेंटिलेटर बेड खाली नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 07:11 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 07:11 PM (IST)
मरीज का रुतबा देखकर मिल रहा दाखिला

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: कोरोना की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है, लेकिन कई प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना मरीज को आइसीयू बेड उसका रुतबा देख कर ही दिया जा रहा है। स्वजन को यह कहकर टाल दिया जाता है कि हमारे यहां आइसीयू बेड या वेंटिलेटर बेड खाली नहीं है, जबकि स्वास्थ्य विभाग की लिस्ट में बेड व आइसीयू बेड खाली हैं। कुछ प्राइवेट अस्पताल कोविड संक्रमण के ऐसे मरीजों को भी भर्ती कर ले रहे हैं जो होम आइसोलेशन में रहकर भी ठीक हो सकते हैं। भर्ती करने का कारण है उनका हेल्थ इंश्योरेंस होना। ऐसा किए जाने पर अति गंभीर संक्रमित मरीजों को अस्पताल में बेड नहीं मिल पाते। न्यू कालोनी निवासी रमेश कुमार ने बताया कि उनके पिता कोरोना संक्रमित हो गए और शहर के तीन नामी अस्पतालों में दाखिल कराने के लिए संपर्क किया तो हेल्थ इंश्योरेंस नहीं होने की वजह से आइसीयू में भर्ती नहीं किया गया। यह पीड़ा रमेश जैसे कई भुक्तभोगियों की है।

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40 प्राइवेट अस्पतालों में 2,650 बेड आरक्षित

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 40 प्राइवेट अस्पतालों में 2,650 बेड कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध हैं। यहां कोरोना मरीजों के लिए 369 आइसीयू बेड और 253 वेंटिलेटर बेड आरक्षित बेड हैं। गुरुग्राम के 378 मरीज अस्पताल में इलाज ले रहे हैं, जिसमें 15 मरीज आइसीयू में है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि अगर जरूरत हुई तो बेड संख्या बढ़ा दी जाएगी।

इस मुद्दे को लेकर मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सभी प्राइवेट अस्पतालों के प्रबंधन के साथ बैठक की है और कहा गया है कि गुरुग्राम के मरीजों के लिए बेड मिलने चाहिए। गुरुग्राम में मरीजों की संख्या 6000 से अधिक है और इसमें 5889 मरीज होम आइसोलेशन में इलाज ले रहे हैं। अगर प्राइवेट अस्पतालों की बात की जाए तो गुरुग्राम के 378 मरीज इलाज ले रहे हैं और 15 ऐसे मरीज हैं जो आइसीयू में भर्ती हैं। रोज अपडेट करनी है बेड की उपबल्धता

सभी सरकारी तथा निजी अस्पतालों को सामान्य श्रेणी के कम से कम 40 प्रतिशत तथा आइसीयू और वेंटिलेटर श्रेणी के 70 प्रतिशत बेड कोविड मरीजों के लिए आरक्षित होने चाहिए। सभी अस्पताल प्रबंधन को बेड की उपलब्धता संबंधित साइट पर रोजाना अपडेट करनी है।

अस्पताल प्रबंधन मरीज की भर्ती करते समय निर्धारित मानदंडों का विशेष रूप से ध्यान रखें। जिस मरीज को वार्ड में एडमिट करने की जरूरत है उसे वार्ड में तथा जिसे वेंटिलेटर आदि की जरूरत है, उन्हें आइसीयू में भर्ती करें। ऐसा नहीं करने वालों से जिला प्रशासन सख्ती से निपटेगा और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। मंगलवार को प्राइवेट अस्पतालों के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में सख्त निर्देश दिए गए हैं। कुछ अस्पतालों से कोई नहीं आया तो उनके प्रबंधन को नोटिस दिया जा रहा है।

डा. यश गर्ग, उपायुक्त


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