दिल्ली के बाद अब फरीदाबाद में टला बाढ़ का संकट, तीन फुट तक घटा यमुना का जलस्तर Faridabad News
दिल्ली से फरीदाबाद में यमुना नदी का जलस्तर कम हो रहा है। सिंचाई विभाग के अनुसार यमुना का जलस्तर तीन फुट घट चुका है।
फरीदाबाद, जेएनएन। रविवार को छोड़ा गया 8.28 लाख क्यूसिक पानी फरीदाबाद की सीमा से निकल चुका है। बृहस्पतिवार को ओखला बैराज पर 42 हजार 500 क्यूसिक पानी जमा था। सिंचाई विभाग के अनुसार, यमुना का जलस्तर तीन फुट घट चुका है। जलस्तर कम होने से प्रशासन ने और स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। जिले में किसी गांव व शहरी आबादी में कोई भी दुर्घटना नहीं घटी है।
अभी तक गांव अरुआ के स्कूल में आए गांव लतीपुर के ग्रामीणों को अभी प्रशासन ने वापस उनके घरों को लौटने के लिए नहीं कहा है। उन्होंने दोपहर का भोजन शिविर में ही किया। यमुना में पानी ज्यादा आने के कारण प्रशासन ने बुधवार की रात को सवा नौ बजे गांव लतीपुर के शेष ग्रामीणों को भी पुलिस ने अरुआ के अस्थायी शिविर लाकर ठहराया था।
अभी शिविर में रहेंगे लोग
अस्थायी शिविर में ठहरे हुए लोगों की संख्या करीब 100 थी। इन की देख-रेख के लिए थाना छांयसा पुलिस, मोहना उपतहसील के नायब तहसीलदार हरीश कुमार मौजूद थे। लतीपुर के ग्रामीणों को शिविर में तब तक रखा जाएगा, जब तक यमुना का पानी गांव के चोरों तरफ से निकल नहीं जाता है। अब गांव लतीपुर के लोगों को अपने कच्चे मकानों के गिरने की चिंता सता रही है।
कई कच्चे मकान गिरे, प्रशासन ने दिया भरोसा
गांव में गोपाल, नेपाल, रमेश, कर्म सिंह आदि के कच्चे मकान यमुना के पानी आने से गिर गए हैं। गांव साहुपुरा खादर के सरपंच तारा चंद ने ग्रामीणों को कच्चे मकानों को ठीक कराने का आश्वासन दिया है। अब पानी नीचे उतर रहा है। जब पानी उतरता है, तो कई बार भूमि कटाव हो जाता है। ऐसे में कटाव का ध्यान रखने के लिए कर्मचारियों से कह दिया है।
ये भी पढ़ेंः दिल्ली में टला बाढ़ का खतरा, यमुना का जलस्तर कम होने से लाखों लोगों को राहत
सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता वीएस रावत ने बताया कि बृहस्पतिवार की दोपहर बाद 3 बजे ओखला बैराज में 42 हजार 700 क्यूसिक पानी था, जो फरीदाबाद की सीमा से बह रहा था। फिलहाल पीछे से भी यमुना में जलस्तर बढ़ने की उम्मीद नहीं है। वहीं, बल्लभगढ़ के एसडीएम त्रिलोक चंद ने कहा कि यमुना में जलस्तर घटने के बाद अब किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं है। गांव लतीपुर के लोगों को एक या दो दिन बाद वापस गांव में भेजा जाएगा। जब तक ये शिविर में ही ठहरेंगे। गांव साहुपुरा के सरपंच और मोहना के नायब तहसीलदार हरीश कुमार से कह दिया है।