सूरजकुंड मेला: दोनों हाथों पर प्लास्टर, पर सिंगर गजेंद्र फौगाट संग खूब नाची तृष्ला
गीत बहू काले की फेम गजेंद्र फौगाट ने इस मेले को केंद्र में रखते हुए अपनी प्रस्तुति की शुरुआत देशभक्ति गीतों से की। उन्होंने अपना गीत एक शाम तो होनी चाहिए नाम शहीदा नै सबसे पहले कर लो तुम प्रणाम शहीदा नै से शुरू किया
फरीदाबाद [सुशील भाटिया]। गीत-संगीत की कोई भाषा नहीं होती, इसे सरहदों मे भी बांधा नहीं जा सकता है और उम्र की बंदिशें भी नहीं होती। यह जब बजता है, तो कदम खुद ब खुद थिरकने लगते हैं। कुछ ऐसे ही दृश्य देखने को मिले सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला प्रांगण में छोटी चौपाल पर, जहां प्रसिद्ध गायक व प्रदेश सरकार द्वारा पब्लिसिटी सेल के ओएसडी नियुक्त किए गए गजेंद्र फौगाट ने दो घंटे से अधिक समय तक अपने गीतों से खूब रंग जमाया। दिन भर धूप के बाद जब रविवार की शाम कुछ खुशगवार हुई, तो फिर ये हरियाणवी पाप संगीत को नई ऊंचाईयां देने वाले गजेंद्र फोगाट के नाम रही।
गीत बहू काले की फेम गजेंद्र फौगाट ने आजादी के अमृत महोत्सव के नाम इस मेले को केंद्र में रखते हुए अपनी प्रस्तुति की शुरुआत देशभक्ति गीतों से की। उन्होंने सबसे पहले बलिदानियों को नमन करते हुए अपना गीत एक शाम तो होनी चाहिए नाम शहीदा नै, सबसे पहले कर लो तुम प्रणाम शहीदा नै" से शुरू किया और उसके बाद मेरा रंग दे बसंती चोला और फिर वंदे मातरम गाकर दर्शकों में देशभक्ति की भावना का संचार किया।
गजेंद्र फौगाट को सुनने के लिए विशेष रूप से प्रदेश के सांस्कृतिक विभाग के प्रधान सचिव डा.डी सुरेश विशेष रूप से मंच के सामने विराजमान थे। उनके अलावा गजेंद्र को चाहने वाले कई युवा दर्शक मौजूद थे। इन दर्शकें की फरमाइशों को भी गजेंद्र ने पूरा किया।
गजेंद्र की गायकी का जलवा इतना जबरदस्त रहा कि एक नन्हीं बच्ची तृष्ला, जिसके दोनों हाथों पर नीले रंग का प्लास्टर चढ़ा था, यह बच्ची अन्य बालिकाओं संग मंच पर चढ़ गई और खूब नाची। उत्साही बच्ची और उसके दोनों हाथों पर प्लास्टर देख कर गजेंद्र फौगाट से भी रहा नहीं गया और बच्ची को उठा कर नाचे। गायक फौगाट ने बच्ची को 500 रुपये इनाम स्वरूप भी दिए, पर बालिका ने यह लेने से इन्कार कर दिया। गजेंद्र ने अपने प्रसिद्ध गीत बहू काले की, सेक्टर वाली कोठी में नहीं लगता जी, मैं तेरे गांव की हवा और उनका सुपरहिट गीत कल रात माता का मुझे ईमेल आया है सुना कर सभी को भाव विभोर कर दिया। कुल मिला कर रविवार की संगीतमयी शाम बेहद सुहावनी रही।