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हरिद्वार पुलिस ने क्राइम ब्रांच के सिपाही की हत्या के मामले में आरोपितों को दो दिन की रिमांड पर लिया

क्राइम ब्रांच सेक्टर-30 ने तीनों को उनके साथी अंशु उर्फ मोनू सहित बृहस्पतिवार को हरिद्वार में गिरफ्तार कर लिया था। इनमें से आरोपित अंशु ने क्राइम ब्रांच के सिपाही संदीप को गोली मार दी थी। पुलिस ने आरोपितों को दो दिन की रिमांड पर लिया है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Sat, 02 Oct 2021 08:00 PM (IST)Updated: Sat, 02 Oct 2021 08:00 PM (IST)
क्राइम ब्रांच के सिपाही संदीप का फाइल फोटो।

फरीदाबाद, [हरेंद्र नागर]। सेक्टर-23 में 28 सितंबर को किराने की दुकान में डकैती के आरोपितों अभिषेक, मनीष और अमित को क्राइम ब्रांच हरिद्वार से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आएगी। क्राइम ब्रांच सेक्टर-30 ने तीनों को उनके साथी अंशु उर्फ मोनू सहित बृहस्पतिवार को हरिद्वार में गिरफ्तार कर लिया था। इनमें से आरोपित अंशु ने क्राइम ब्रांच के सिपाही संदीप को गोली मार दी थी। इसमें संदीप शहीद हो गए थे। क्राइम ब्रांच की जवाबी कार्रवाई में अंशु को भी हाथ में गोली लगी थी।

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इसके बाद हरिद्वार पुलिस ने अभिषेक, मनीष और अमित को गिरफ्तार कर दो दिन की रिमांड पर लिया। वहीं अंशु का इलाज अस्पताल में चल रहा है। तीनों की रिमांड पूरी होने के बाद जब हरिद्वार पुलिस उन्हें जेल भेज देगी, तब क्राइम ब्रांच सेक्टर-30 उन्हें प्रोडक्शन वारंट पर लेगी। वहीं चौथे आरोपित अंशु को इलाज के बाद प्रोडक्शन वारंट पर लाया जाएगा।

इंस्पेक्टर ने संदीप को साथ ले जाने से किया था इन्कार

क्राइम ब्रांच सेक्टर-30 को जब आरोपितों की लोकेशन हरिद्वार में मिली तो इंस्पेक्टर विमल ने टीम गठित कर वहां छापेमारी की तैयारी की और चलने लगे। टीम में सिपाही संदीप को शामिल नहीं किया था। संदीप ने भी साथ चलने की जिद की। इंस्पेक्टर विमल ने संदीप को समझाया कि तुम यहीं रहो। इस पर संदीप ने कहा कि वह हरिद्वार जाकर गंगा में डुबकी लगाना चाहता है। इंस्पेक्टर विमल सिपाही संदीप को इन्कार नहीं कर सके और उन्हें दूसरी कार में बैठने को कहा दिया।

रह-रहकर आंखों में घूम जाता है दृश्य

हरिद्वार से क्राइम ब्रांच टीम वापस लौट आई है। क्राइम ब्रांच के कर्मियों की आंखों के आगे वह दृश्य बार-बार घूम जाता है। मौके पर मौजूद क्राइम ब्रांच कर्मियों में से एक ने बताया कि वे आरोपित अंशु व उसके एक साथी को उसकी कार में बिठाकर पूछताछ की जा रही थी। आरोपित ने कार के मैट के नीचे पिस्टल छिपाई हुई थी। क्राइम ब्रांच वहां से रवाना होने के लिए तैयार हुई तो आरोपितों को अपनी कार में बिठाने लगी। इसी दौरान आरोपित ने चुपके से मैट के नीचे से पिस्टल निकाल ली।

सिपाही संदीप ने अंशु को बाहर निकालने के लिए जैसे ही कार का दरवाजा खोला, उसने सीधा फायर कर दिया। संदीप वहीं गिर पड़े। अंशु कार से उतरकर भागने लगा। हेड कांस्टेबल संदीप माछरौली और इंस्पेक्टर विमल ने उसका पीछा किया। भागते हुए आरोपित पीछे मुड़कर गोली चला रहा था। आत्मरक्षा में इंस्पेक्टर विमल ने भी गोलियां चलाईं। इंस्पेक्टर विमल की गोली आरोपित के हाथ में लगी। वहीं संदीप माछरौली की पिस्टल में गोली फंस गई, इसलिए वे फायर नहीं कर पाए। बाकी कर्मी संदीप को संभाल रहे थे।

उन कर्मियों ने चिल्लाकर इंस्पेक्टर विमल को वापस बुलाया। इसके बाद वे संदीप को कार में डालकर अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां डाक्टरों ने जवाब दे दिया। क्राइम ब्रांच कर्मी संदीप को दूसरे अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया। संदीप ने इंस्पेक्टर विमल और सिपाही मनोज के हाथों में दम तोड़ा।


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