Faridabad News: बीच सड़क पर बेसुध पड़ा था युवक, कार चालक ने कुचला और निकल गया; CCTV फुटेज से खुला मामला
Faridabad News फरीदाबाद में 11 सितंबर को हुए सड़क हादसे के मामले कार चालक की अमानवीयता और पुलिस की लापरवाही उजागर हुई है। इसका खुलासा सीसीटीव फुटेज से हुआ था। इस हादसे में एक युवक की मौत हो गई थी।
फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। सेक्टर-17 के रहने वाले 24 वर्षीय नीरज कुमार नाम के युवक का 11 सितंबर को सड़क पर शव पड़ा मिला था। पुलिस ने अज्ञात मानकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। इसकी जानकारी स्वजन को बाद में मिली। अब इस मामले में एक सीसीटीवी फुटेज सामने आई है। इसमें अर्टिगा कार चालक की अमानवीयता साफ देखी जा सकती है।
फुटेज में दिखाई दे रहा है कि नीरज सड़क के बीचों-बीच पड़ा हुआ है। उसके आस-पास से वाहन चालक गुजर रहे हैं, वे उसे देखते हुए जा रहे हैं, मगर कोई मदद की कोशिश नहीं करता। थोड़ी देर बाद एक अर्टिगा कार आती है। चालक सड़क पर पड़े नीरज के ऊपर सीधे कार चढ़ा देता है। कार के अगले पिछले दो टायर नीरज के ऊपर से निकल गए।
चालक थोड़ी आगे जाकर ब्रेक मारता है और पीछे देखता है। इसके बाद वहां से कार सहित फरार हो जाता है। पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों का कहना है कि अगर सही समय पर नीरज को अस्पताल पहुंचा दिया जाता तो शायद उसकी जान बच जाती।
पुलिस ने भी दिखाई लापरवाही
नीरज के भाई आकाश ने बताया कि नीरज घरों में पेंट का काम करते थे। 11 सितंबर को वे घर से कुछ सामान लेने निकले थे। इसके बाद वापस नहीं लौटे। तीन-चार दिन तलाश के बाद भी जब उनका कुछ पता नहीं चला तो वे 14 सितंबर को वे फोटो लेकर सेक्टर-17 थाने पहुंचे। वहां पुलिसकर्मियों ने बात करने की बजाय उन्हें और तलाश करने को कहा। 16 सितंबर को वे फिर गए तो मालूम चला कि नीरज का शव सेक्टर-17 में सड़क पर पड़ा मिला था।
पुलिस ने 15 सितंबर को अज्ञात के रूप में उनका अंतिम संस्कार करा दिया। आकाश का कहना है कि पुलिस ने नीरज का शव अज्ञात के रूप में रखवाया हुआ था। 14 सितंबर जब वे अपने भाई के गुम होने की शिकायत लेकर पहुंचे तो पुलिस ने नहीं सुनी। अगर पुलिस पहले दिन ही सुन लेती तो शायद उनके भाई का अंतिम संस्कार अज्ञात के रूप में नहीं होता। पुलिस ने इसके एक दिन बाद अंतिम संस्कार कराया था।
सड़क पर पड़े होना समझ से परे
आकाश का कहना है कि नीरज का सड़क पर पड़े होना उनकी समझ से परे हैं। उनका कहना है कि हो सकता है नीरज को चलते हुए चक्कर आ गए और वे गिर पड़े। तब भी अगर कोई व्यक्ति उनकी मदद कर देता तो शायद उनकी जान बच जाती।
रोड सेफ्ट आर्गनाइजेशन उपाध्यक्ष एसके शर्मा ने बताया कि लोग अक्सर कानूनी पचड़े से बचने के लिए सड़क पर पड़े व्यक्ति की मदद नहीं करते। अगर कोई व्यक्ति सड़क पर पड़े किसी व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराता है, वह इसमें किसी तरह के कानूनी पचड़े में नहीं पड़ता। अगर वह व्यक्ति नहीं चाहेगा तो पुलिस उसे जांच में शामिल नहीं करेगी। अगर किसी की कार से कोई दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है तो चालक को चाहिए कि घायल की मदद करे।
सेक्टर-17 प्रभारी धन प्रकाश ने कहा कि इस मामले की जांच कराई जाएगी। यह पता किया जा रहा है कि नीरज के स्वजन किस पुलिसकर्मी से मिले। अगर उसकी गलती होगी तो कार्रवाई की जाएगी। सीसीटीवी फुटेज में कार का नंबर स्पष्ट नहीं दिख रहा। कार चालक की तलाश की जा रही है। उसे जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
सड़क हादसे में हर महीने जा रही 20 लोगों की जान
शहर में रोज कोई न कोई तेज रफ्तार की चपेट में आ रहा है। शहर की सड़कों पर सरपट दौड़ रहे वाहन का आलम यह है कि वह हर महीने करीब 20 लोगों की जान ले रहा है। करीब 34 लोगों को घायल कर रहे हैं। पुलिस के अनुसार जनवरी से अगस्त तक ओवर स्पीड से 163 लोगों की जान गई है।
साल-2020 में 136 व साल-2021 में 150 लोगों की जान गई। लोगों का आरोप है कि इस तरह के सड़क हादसों व तेज रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए यातायात पुलिस विभाग व संबंधित विभागों के पास कोई ठोस योजना नहीं है। अंधेरी सड़कों पर सड़क पर खड़े भारी वाहन व जर्जर सड़कें भी जानलेवा हादसों की प्रमुख वजह बन रही है।
दो सड़कों को छोड़ कहीं नहीं है स्पीड मानक
यातायात पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि फरीदाबाद में दो सड़कों को छोड़कर बाकी सड़क पर कोई स्पीड मानक निर्धारित नहीं है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर कार के लिए 80 किलोमीटर प्रति घंटा व भारी वाहनों के लिए 65 किलोमीटर निर्धारित है। इसके अलावा फरीदाबाद-गुरुग्राम रोड पर कार के लिए 60 व बाइक के लिए 50 किलोमीटर प्रति घंटा स्पीड मानक निर्धारित है।
यातायात पुलिस 200 चालान हर रोज काट रही
यातयात पुलिस के अधिकारियों की मानें तो इस समय उनके पास चार इंटरसेपटर मशीन हैं। इसको शहर की प्रमुख सड़कों पर लगाकर वाहनों के स्पीड को मापा जाता है। तय मानक से अधिक रफ्तार में दौड़ रहे वाहनों का चालान किया जाता है।
अधिकारियों के अनुसार इन वाहनों को फरीदाबाद-गुरुग्राम रोड, राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगाए जाते हैं। रोजाना 200 से अधिक चालान काटे जा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि बावजूद वाहन चालकों में सुधार नहीं आ रहा। इससे हादसे लगातार बढ़ रहे हैं।
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