आसौदा रेलवे स्टेशन पर फुटओवर ब्रिज मंजूर, जल्द बनेगा प्रस्ताव
काफी इंतजार के बाद आखिरकार रेलवे ने आसौदा स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज को मंजूरी दे दी है। अब जल्द ही इसका प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। उसके बाद टेंडर आमंत्रित होंगे। इस र्प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। ताकि निर्माण शुरू होने में देरी न हो। रेलवे अपने खर्च से ही यह फुट ओवर ब्रिज बनाएगा। दरअससल आसौदा रेलवे स्टेशन बहादुरगढ़ से करीब 10 किलोमीटर दूर है। यहां रोजाना ¨जदगी और मौत के बीच जंग हेाती है। दिन भर यहां हजारों रेल यात्री जब ट्रेन के पायदान से पैर जमीन पर रखते हैं तो अगले कदम पर उनका मौत से सामना होता है। दो-दो ट्रैक पर खड़ी माल गाड़ियां और अक्सर तीसरी लाइन पर भी आती ट्रेन का जब हार्न कानों में पड़ता है, तो ¨जदगी बचाना चुनौती बन जाता है। पढ़
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
काफी इंतजार के बाद आखिरकार रेलवे ने आसौदा स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज को मंजूरी दे दी है। अब जल्द ही इसका प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। उसके बाद टेंडर आमंत्रित होंगे। इस र्प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। ताकि निर्माण शुरू होने में देरी न हो। रेलवे अपने खर्च से ही यह फुट ओवर ब्रिज बनाएगा।
दरअससल आसौदा रेलवे स्टेशन बहादुरगढ़ से करीब 10 किलोमीटर दूर है। यहां रोजाना ¨जदगी और मौत के बीच जंग होती है। दिन भर यहां हजारों रेल यात्री जब ट्रेन के पायदान से पैर जमीन पर रखते हैं तो अगले कदम पर उनका मौत से सामना होता है। दो-दो ट्रैक पर खड़ी माल गाड़ियां और अक्सर तीसरी लाइन पर भी आती ट्रेन का जब हॉर्न कानों में पड़ता है, तो ¨जदगी बचाना चुनौती बन जाता है। पढ़ने और सुनने भर में ही ये हालात कितने खौफनाक लगते हैं, मगर हजारों लोग इन परिस्थितियों को हर दिन जीते हैं और वह इसलिए कि अब तक इस स्टेशन को एक फुट ओवर ब्रिज नहीं मिला । मगर अब रेलवे ने इस पर संज्ञान लिया है। यहां से भेजे गए 85 लाख के रफ कोस्ट एस्टीमेट को मंजूर कर दिया गया है। इससे संबंधित पत्र यहां पहुंच चुका है।
यह है स्थिति : दिल्ली-रोहतक रूट पर आसौदा एक अहम रेलवे स्टेशन है। छह से ज्यादा गांवों के लोग सुबह इसी स्टेशन से रोजगार के लिए निकलते हैं। स्टेशन के पास ही एचपीसीएल का गैस प्लांट, इंडियन ऑयल का प्लांट। आसपास में कई फैक्टरी हैं। ऐसे में न केवल रोजाना यहां से हजारों यात्रियों का आवागमन होता है, बल्कि एक तरह से रेलवे की आमदनी के लिहाज से यह कामर्शियल प्वाइंट भी है। इसके बावजूद यह स्टेशन विभागीय और सरकारी तौर पर उपेक्षा का दंश झेलता रहा है। इस रूट के विद्युतीकरण के बावजूद आज तक यहां के प्लेटफार्मो को ऊंचा नही किया गया। ऐसे में फुट ओवर ब्रिज भी लंबे समय तक दूर की कौड़ी बना रहा। इस स्थिति में रोजाना हजारों यात्री न केवल परेशान होते हैं, बल्कि जान हथेली पर रखकर ट्रैक पार करते हैं। पहले एमपी कोटे से निर्माण होना हुआ था तय
आसौदा रेलवे स्टेशन पर फुटओवर ब्रिज के निर्माण के लिए लगभग 85 लाख का रफ कोस्ट एस्टीमेट स्थानीय अधिकारियों की ओर से भेजा गया था। डिवीजन कार्यालय की ओर से ही बाकायदा यह एस्टीमेट मांगा गया था। पहले यह तय हुआ था कि इसका निर्माण एमपी कोटे से होगा। मगर स्थानीय सांसद की ओर से इसके लिए सिफारिश नहीं की गई थी। ऐसे में यह कार्य लटक गया था। इसके साथ ही दिल्ली के घेवरा का एस्टीमेट भी भेजा गया था। उसे तो एमपी कोटे से निर्माण की अनुमति मिल गई, लेकिन आसौदा स्टेशन पर अब रेलवे विभाग ने खुद ही ध्यान दिया है।
वर्जन.
डिवीजन कार्यालय से कुछ समय पहले आसौदा स्टेशन के लिए फुट ओवर ब्रिज का एस्टीमेट मांगा गया था। यह करीब 85 लाख रफ कोस्ट का बनाकर भेज दिया गया था। इस पर अब मंजूरी आ गई है। नया एस्टीमेट जल्द ही बनाकर भेज दिया जाएगा।
-आर एल जांगड़ा, एसएसई, रेलवे विभाग।