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पंजोखरा साहिब में गुरमत समागम के साथ संगत ने लगाई श्रद्धा की डुबकी

ऐतिहासिक गुरुद्वारा पंजोखरा साहिब में आठवीं पातशाही गुरु हरकृष्ण साहिब के प्रकाशोत्सव पर्व पर दूसरे दिन रविवार को कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसके चलते गुरुद्वारा साहिब में श्रद्धा का सैलाब उमड़ गया। संगत ने गुरुद्वारा साहिब में न केवल शीश नवाया बल्कि श्रद्धा की डुबकी भी लगायी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 06:45 AM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 06:45 AM (IST)
पंजोखरा साहिब में गुरमत समागम के साथ संगत ने लगाई श्रद्धा की डुबकी

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : ऐतिहासिक गुरुद्वारा पंजोखरा साहिब में आठवीं पातशाही गुरु हरकृष्ण साहिब के प्रकाशोत्सव पर्व पर दूसरे दिन रविवार को कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसके चलते गुरुद्वारा साहिब में श्रद्धा का सैलाब उमड़ गया। संगत ने गुरुद्वारा साहिब में न केवल शीश नवाया बल्कि श्रद्धा की डुबकी भी लगायी। प्रकाश पर्व को लेकर आयोजित तीन दिवसीय समागम में दूसरे दिन गुरुद्वारा में दूर दराज से संगत पहुंची। दिन भर गुरुद्वारा साहिब में मेले सा माहौल रहा। इसके अलावा रागी ढाडी जत्थों ने संगत को गुरु महिमा से निहाल किया।

गुरुद्वारा साहिब में पवित्र सरोवर, दीवान घर, लंगर घर आदि में दिनभर संगत उमड़ी रही। जोड़ा सेवा व लंगर के अलावा पार्किंग में भी संगत ने कार सेवा की। रविवार को सुबह व शाम को दीवान सजाए गए। सोमवार को सुबह से शाम 4 बजे तक दीवान सजेंगे, जिसमें रागी, ढाडी व कविसरी जत्थे संगत को गुरु इतिहास व गुरबाणी से जोड़ेंगे। सतनाम सिंह ने बताया कि सुबह साढ़े 5 बजे से रात को डेढ़ बजे तक कार्यक्रम चला और रात को कीर्तन दरबार रहा। जिसमें जसवंत सिंह और कंवलजीत सिंह रागी श्री दरबार साहिब, भाई सर्वजीत सिंह कथा वाचक अमृतसर पहुंचे। सोमवार को गुरप्रीत सिंह लांडरा और दलवीर सिंह गिल कविश्रर जत्था, भाई अमनदीप सिंह, भाई मंगप्रीत सिंह शबद कीर्तन करेंगे।

----- -आज आएंगी एसजीपीसी प्रधान बीबी जगीर कौर

एसजीपीसी के पूर्व मेंबर गुरदीप सिंह भानोखेड़ी ने बताया कि आठवीं पातशाही श्री गुरु हरकृष्ण साहिब गुरुद्वारा पंजोखरा में बड़े स्तर पर धार्मिक कार्यक्रम किया जा रहा है। इसमें हरियाणा पंजाब के अलावा ओर जगह से काफी संख्या में संगत पहुंच रही हैं। वहीं इस कार्यक्रम में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की प्रधान बीबी जगीर कौर भी आज पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि आठवीं पातशाही श्री गुरु हरकरिशन साहिब जी 1664 मे दिल्ली जाते हुए अंबाला गांव पंजोखरा में रुके। जहां पंडित लाल चंद का अहंकार तोड़ा था। गुरु जी ने 8 साल की उम्र में ही एक गूंगे बहरे व्यक्ति से गीता के श्लोक के अर्थ करवाए थे। लाल चंद अहंकार टूटते ही गुरु जी का सेवक बन गया था।

------ संगत के लिए तैयारी पूरी

गुरुद्वारा मैनेजर सुखदेव सिंह हुंडल ने बताया कि प्रकाश पर्व को लेकर गुरुद्वारा साहिब में संगत को दिक्कत न आए इसके लिए पूरा प्रबंध किया हुआ है। गुरुद्वारा साहिब में दूसरे दिन लगभग सवा लाख संगत पहुंची है। गुरुद्वारा साहिब में पार्किंग तक की व्यवस्था की हुई थी।


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