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Rafale Jet in India News: अंबाला में पांच राफेल की हैप्‍पी लैंडिंग, Water Salute से हुआ स्‍वागत

Rafale fighter Jet in India News Update पांच राफेल अंबाला एयरबेस पर लैंड हो गए। विमानों ने लैंडिेंग से पहले एयरबेस का आकाश में चक्‍कर लगाया। इनकाे वाटर सैल्‍यूट दिया गया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 07:47 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 01:30 AM (IST)
Rafale Jet in India News: अंबाला में पांच राफेल की हैप्‍पी लैंडिंग, Water Salute से हुआ स्‍वागत
Rafale Jet in India News: अंबाला में पांच राफेल की हैप्‍पी लैंडिंग, Water Salute से हुआ स्‍वागत

अंबाला, जेएनएन/एएनआइ।   Rafale fighter Jet in India News Update: भारतीय वायुसेना के बेड़े में पांच सुपरसोनिक राफेल शामिल हो गए हैं। इन फाइटर विमानों की अंबाला एयरबेस पर दोपहर बाद 3.10 बजे हैप्‍पी लैंडिंग हो गई । विमानों का एयरबेस पर उतरने के बाद वाटर सैल्‍यूट (Water salute) देकर स्‍वागत किया गया। इस मौके पर वायुसेना अध्‍यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया सहित वायुसेना के प्रमुख अधिकारी मौजूद हैं। लैंडिंग से पहले इन विमानों ने अंबाला एयरबेस की परिक्रमा की। अंबाला में धूप निकल आई है। ऐसे में लैंडिग में कोई समस्‍या नहीं रही। 

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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह‍ ने राफेल की लैंडिंग के बाद खुशी जाहिर की। उन्‍होंने कहा कि इससे भारतीय वायुसेना और शक्तिशाली हो गई है। भारत के दुश्‍मनों को अब सावधान हो जाना चाहिए। अंबाला एयरबेस पर लैंडिंग के बाद पांचों राफेल सुपरसोनिक विमानों को वाटर सैल्‍यूट दिया गया। वाटर कैनन से यह सलामी दी गई। एयरबेस पर पहुंचने के बाद राफेल और इन्‍हें फ्रांस से लाने वाले जांबाज पालयटों का वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने स्‍वागत किया।

जानकारी के अनुसार पांचों राफेल फाइटर विमान को दो सुखोई MKI विमान एस्‍कोर्ट कर रहे थे। अंबाला एयरबेस के आसपास वाहनों की मूवमेंट पूरी तरह राेक दिया गया था।

अंबाला में राफेल की लैंडिंग के बाद उन्‍हें वाटर सैल्‍यूट दिया गया। उनको वाटर कैनन से Water salute दिया गया। यह दूसरा मौका है जब बड़े फाइटर विमान को अंबाला एयरबेस पर भारत में सबसे पहले लैंडिंग हुई है। इससे पहले जगुआर फाइटर प्‍लेन की अंबाला एयरफाेर्स स्‍टेशन पर लैंडिंग हुई थी।  पांचों राफेल विमान को लाने वाली टीम की अगुवाई वायुसेना अधिकारी ग्रुप कैप्‍टन हरकीरत सिंह कर रहे थे। उनकी विंग कमांडर पत्‍नी अभी अंबाला एयरफोर्स स्‍टेशन में ही कायर्रत हैं।

पांच राफेल विमानों को फ्रांस से लाने वाले पायलटों से मुलाकात करते एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया।

एयरबेस पर लैंडिंग के बाद सभी पायलटों का भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने स्‍वागत किया। एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने पायलटों की सराहना की और राफेल फाइटर विमान को फ्रांस से भारत बिना किसी बाधा व रुकावट के लाने के लिए तारीफ की। 

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अंबाला एयरबेस पर पांच राफेल विमानों की लैंडिंग पर खुशी जताई। उन्‍हाेंने ट्वीट कर अपनी खुशी जताई। उन्‍होंने लिखा, राफेल अंबाला में सुरक्षित रूप से उतर गए हैं। भारत में राफेल लड़ाकू विमान का टच डाउन हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है। ये मल्टीरोल विमान भारतीय वायु सेना की क्षमताओं में क्रांति लाएंगे।

इसके बाद उन्‍होंने दूसरा ट्वीट किया। उन्‍होंने कहा, मैं जोड़ना चाहूंगा, अगर ऐसा कोई है जिसे भारतीय वायु सेना की इस नई क्षमता के बारे में चिंतित या आलोचनात्मक होना चाहिए, तो यह वह होना चाहिए जो हमारी क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में डालना चाहते हैं।

मैं, जोड़ना चाहते हैं, तो यह उन सभी के बारे में चिंतित होना चाहिए या महत्वपूर्ण भारतीय वायु सेना की इस नई क्षमता के बारे में है, यह जो लोग हमारे क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा करना चाहते हैं होना चाहिए: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह।

 लैं‍डिंग के बाद पांचों राफेल फाइटर विमानाें को वाटर कैनन से वाटर सैल्‍यूट दिया जाएगा

वैसे, अंबाला में मौसम खराब होने की संभावना के बीच इन विमानों की लैंडिंग के लिए प्‍लान बी भी तैयार किया गया था। इसके तहत यदि अंबाला में मौसम खराब होता तो राफेल की लैंडिंग राजस्‍थान के जोधपुर एयरबेस पर कराई जाती। अंबाला में सुबह आसमान में बादल छाए हुए थे और तेज हवा चल रही थी लेकिन बारिेश नहीं हुई। करीब डेढ़ बजे आसमान साफ होने लगा और धूप भी निकल आई। माैसम विज्ञान विभाग ने दोपहर 12 बजे तक बारिश की संभावना जताई थी। 

 अंबाला एयरबेस के ऊपर राफेल विमान।

अंबाला एयरबेस के आसपास ड्रोन पर प्रतिबंध लगाया गया

दूसरी ओर, सुरक्षा की दृष्टि से एयरफोर्स स्टेशन के आसपास ड्रोन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इससे पहले मंगलवार दोपहर के बाद अगले आदेशों तक एयरफोर्स स्टेशन के भीतर बाहरी व्यक्तियों सहित मीडिया की एंट्री पर प्रतिबंध लगाया गया। किसी भी प्रकार की वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी पर प्रतिबंध लगा दिया गया। एयरबेस से तीन किलोमीटर के दायरे में ड्रोन को प्रतिबंधित कर दिया गया है।

राफेल विमानों को अंबाला एयरबेस पर वाटर सैल्‍यूट किया गया।

सुब‍ह से अंबाला खासकर एयरफोर्स स्‍टेशन के आसपास कड़ी सुरक्षा रही। पुलिस और ट्रैफिक पुलिस के जवान जगह-जगह तैनात रहे। एयरफोर्स स्टेशन में राफेल से जुड़े कई अन्य प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिनके लिए रोजाना काफी लोग जाते हैं। इन सभी प्रोजेक्टों को आज रोक दिया गया।

36 विमानों में से 18 अंबाला और 18 पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयरबेस पर रखे जाएंगे। बाद में इन दोनों एयरबेस से चार-चार राफेल हैदराबाद ट्रेनिंग सेंटर भी भेजे जा सकते हैं। राफेल को 11 गोल्डल ऐरा स्कवाड्रन के पायलट उड़ाएंगे, जिनकी ट्रेनिंग फ्रांस में पूरी हो चुकी है। 

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डीसी ने जारी किए आदेश, धारा 144 लागू

राफेल एयरक्राफ्ट के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर 29 जुलाई के आगमन को देखते हुए डीसी अशोक कुमार शर्मा ने भारतीय दंड संहित 1973 की धारा 144 के तहत आदेश जारी किए थे। आदेश के तहत एयरफोर्स स्टेशन के नजदीक लगते स्थानों धूलकोट, बलदेव नगर, गरनाला, पंजोखरा इत्यादि स्थानों से एयरफोर्स स्टेशन की किसी भी प्रकार की तस्वीर लेने पर प्रतिबंध लगाया गया।

 

अंबाला एयरबेस पर ही राफेल में मिसाइल और अन्य उपकरण जोड़े जाएंगे

फ्रांस से करीब सात हजार किलोमीटर की दूरी तय कर पांच राफेल आज  भारतीय वायुसेना का हिस्सा बन गए। अंबाला एयरबेस पर लैंड होने के बाद अगला चरण इनमें मिसाइल व अन्य उपकरणों को फिट करना है। मिसाइलों के साथ राफेल को फ्रांस से अंबाला तक आने की अनुमति कई देशों ने नहीं दी, जिसके चलते मिसाइलों को अलग से लाया गया। राफेल में फिट होने वाले अन्य उपकरण पहले ही अंबाला पहुंच चुके थे।

राफेल से जुड़े सभी उपकरण पहुंच चुके हैं अंबाला, पुराने हैंगरों को दुरुस्त कर राफेल खड़ा करने की तैयारी

फ्रांस की टीम भी लंबे समय तक अंबाला में ही रहेगी। उधर, राफेल की तैनाती के लिए दो पुराने हैंगरों को ही अपडेट कर दिया गया है। नए हैंगर और करीब 18 शेल्टर बनाने का कार्य चल रहा है, जिसे करीब छह माह का समय और लगेगा।

इस तरह से घातक है राफेल

राफेल के अधिकतम भार ढोने की क्षमता 24500 किलोग्राम है। ईंधन क्षमता 4700 किलोग्राम है। अधिकतम रफ्तार 2200 से 2500 तक किमी प्रतिघंटा है और इसकी रेंज 3700 किलोमीटर है। इसमें घातक एमबीडीए एमआइसीए, एमबीडीए मेटेओर, एमबीडीए अपाचे, स्टोर्म शैडो एससीएएलपी मिसाइलें लगी रहती हैं। इसमें थाले आरबीई-2 रडार और थाले स्पेक्ट्रा वारफेयर सिस्टम लगा होता है।

साथ ही इसमें ऑप्ट्रॉनिक सेक्योर फ्रंटल इंफ्रा-रेड सर्च और ट्रैक सिस्टम भी लगा है। 30 एमएम की तोप से 2500 राउंड गोले दागे जा सकते हैं। विमान 1900 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। 300 किलोमीटर की रेंज से हवा से जमीन पर हमला करने में सक्षम है। 9.3 टन वजन के साथ 1650 किलोमीटर तक उड़ान भरने में सक्षम बताया जा रहा है। 14 हार्ड प्वाइंट के जरिये भारी हथियार भी गिराने की क्षमता है।

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