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एक दिन पहले हुई बारिश का पानी निकला नहीं और दूसरे दिन 115 एमएम बरसात

शहर और छावनी में पहले दिन हुई बरसात का पानी अभी निकला नहीं और दूसरे दिन उससे भी अधिक बरसात हो गई। ऐसे में सेक्टरों समेत पाश कालोनियों में लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना मुश्किल बना रहा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 07:10 AM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 07:10 AM (IST)
एक दिन पहले हुई बारिश का पानी निकला नहीं और दूसरे दिन 115 एमएम बरसात

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : शहर और छावनी में पहले दिन हुई बरसात का पानी अभी निकला नहीं और दूसरे दिन उससे भी अधिक बरसात हो गई। ऐसे में सेक्टरों समेत पाश कालोनियों में लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना मुश्किल बना रहा। मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो सोमवार को 100 एमएम बरसात हुई थी, लेकिन मंगलवार को यह आंकड़ा भी पार हो गया, जिसमें 115 एमएम बरसात हुई। अंबाला छावनी के मिल के पीछे कई घरों में पानी घुस गया जिसे लोगों ने बाल्टियां भर कर बाहर निकाला।

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मंगलवार को अलसुबह से दोपहर 11 बजे तक बरसात होती रही। इसके बाद दोपहर तक मौसम साफ बना रहा, लेकिन अढाई बजे अचानक मौसम ने करवट ले ली। आसमान में काले बादल छा गए और तेज हवा चलने लगी। जिसमें तेज हवा के साथ जमकर मेघा बरसे। बरसात शाम के सवा चार बजे तक जारी रही। इससे सड़कों और कालोनियों में पानी इकट्ठा हो गया।

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ये रहेगा मौसम का हाल

मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को अधिकतम तापमान 31.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से दो डिग्री कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 25.3 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम में 87 फीसदी नमी रही। जबकि बुधवार को तापमान में ओर गिरावट आ सकती है। जिसमें न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। इसके साथ ही गरज या बिजली गिरने की संभावना के साथ आम तौर पर बादल छाए रहेंगे।

---- पानी घुसने से परेशान रहे लोग

पहले हुई बरसात के कारण नाले ओवरफ्लो होकर पानी से भरकर चल रहे थे। सेक्टरों और कालोनियों से पानी घटने लगा था। लेकिन दूसरे दिन बरसात से फिर से सड़कों पर पानी जमा हो गया। पानी भर जाने से सड़कों ने तालाब का रूप ले लिया। जिसमें वाहन चालकों को निकलना मुश्किल बना रहा। वहीं जिन लोगों के घरों में पानी घुस गया वह दिन भर पानी निकालने में जुटे रहे। वहीं बरसात से किसान भी संतुष्ट नजर आए, क्योंकि किसानों के खेतों में धान की फसल लगाने के लिए जरूरत से अधिक बरसात हो गई है।


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