IS के इशारे पर भारत में टारगेट किलिंग! भाजपा-RSS नेताओं की हत्या की बड़ी साजिश; ATS ने अहमदाबाद से चारों आतंकियों को दबोचा
सभी आंतकियों के निशाने पर भाजपा व आरएसएस के नेता और यहूदी एवं ईसाई समुदाय के लोग थे। चारों श्रीलंका के नागरिक हैं और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के इरादे से गुजरात आए थे। एटीएस को सूचना मिली थी कि आइएस से जुड़े चार आतंकी कोलंबो से चेन्नई के रास्ते अहमदाबाद पहुंचने वाले हैं। सभी की सोच मुस्लिम समुदाय पर अन्याय का बदला लेना भी बताया गया है।
राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। गुजरात के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने अहमदाबाद एयरपोर्ट से इस्लामिक स्टेट (आइएस) से जुड़े चार आतंकियों को पकड़ा है। इनके निशाने पर भाजपा व आरएसएस के नेता और यहूदी एवं ईसाई समुदाय के लोग थे। चारों श्रीलंका के नागरिक हैं और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के इरादे से गुजरात आए थे। एटीएस को सूचना मिली थी कि आइएस से जुड़े चार आतंकी कोलंबो से चेन्नई के रास्ते अहमदाबाद पहुंचने वाले हैं।
पुलिस महानिदेशक विकास सहाय ने बताया कि सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डे पर एटीएस के एसपी के. सिद्धार्थ, केके पटेल एवं डीएसपी हर्ष उपाध्याय व उनकी टीम ने चारों आतंकियों 35 वर्षीय मोहम्मद नुसरत, 35 वर्षीय मोहम्मद फारूक, 27 वर्षीय मोहम्मद नफरान व 43 वर्षीय मोहम्मद रासदीन को दबोच लिया।
चारों रविवार को कोलंबो से पहुंचे थे चेन्नई
चारों रविवार को कोलंबो से चेन्नई पहुंचे थे और वहीं से दूसरी फ्लाइट पकड़कर रविवार शाम करीब आठ बजे अहमदाबाद पहुंचे थे। उनके मोबाइल फोन में मिली तस्वीरों के आधार पर गांधीनगर के नाना चिलोडा इलाके से पाकिस्तान में बनी तीन पिस्टल व 20 कािर्ट्रज बरामद किए। उनके पाकिस्तानी हेंडलर ने उन्हें वहां से उठा लेने का निर्देश दिया था।
एक के पास पाकिस्तान का वैध वीजा भी
मोहम्मद नुसरत के पास पाकिस्तान का वैध वीजा भी है। धार्मिक जिहाद के लिए चारों आत्मघाती हमलावर बनकर मरने को तैयार थे। वे आइएस संस्थापक के बताए मार्ग पर चलकर यहूदियों, ईसाइयों और भाजपा व आरएसएस के नेताओं को सबक सिखाना चाहते थे। उनकी सोच मुस्लिम समुदाय पर अन्याय का बदला लेने की भी है। उन्हें सिर्फ तमिल भाषा आती है, इसलिए उनसे अनुवादक के जरिये पूछताछ की गई।
आइएस के इशारे पर कर रहे थे काम
पहले चारों श्रीलंका के प्रतिबंधित आतंकी संगठन नेशनल तौहीत जमात से जुड़े थे, लेकिन पाकिस्तानी हेंडलर अबु बकर अल बगदादी के संपर्क में आने के बाद आइएस में शामिल हो गए और उसके इशारे पर काम करने लगे। सहाय ने बताया कि इस वर्ष फरवरी में ही चारों इंटरनेट मीडिया के जरिये पाकिस्तानी हेंडलर के संपर्क में आए थे और कट्टरपंथी विचारधारा के कारण एक-दूसरे के अधिक करीब आ गए।
भारत में आतंकी वारदातों को अंजाम देने का मिला आदेश
इनके बैग और बरामद हथियारों के पार्सल से आइएस के झंडे मिले हैं, जिसे उन्हें आतंकी घटना वाली जगह पर छोड़ना था। उनके मोबाइल से मिली तस्वीरें व संदेश उनके आइएस से संबंधों की पुष्टि करते हैं। उन्हें भारत में आतंकी वारदातों को अंजाम देने का आदेश दिया गया था। वे आत्मघाती हमलावर बनकर भारत आए और उनको इस काम के लिए श्रीलंका की मुद्रा में चार लाख रुपये मिले थे। उनकी एक प्रोटोन ड्राइव (क्लाउड ड्राइव) का भी पता चला जिसमें पांच फोटो मिले हैं। चारों के विरुद्ध गैरकानूनी गतिविधियां निरोधक कानून (यूएपीए) की धारा-18 एवं 38, आइपीसी की धारा 120 (बी) एवं 121(ए) तथा आम्र्स एक्ट की धारा 25(1बी)( ए)(एफ) के तहत केस दर्ज किया गया है।