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अभी नहीं थमा है भाजपा का अॉपरेशन सौराष्ट्र, तीन और बड़े कांग्रेस नेताओं पर है नजर

सौराष्ट्र व कच्छ की सात लोकसभा सीटों पर फिर से कब्जा जमाने के लिए भाजपा की नजर और तीन बडे़ कांग्रेस नेताओं पर है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 04 Jul 2018 06:00 PM (IST)Updated: Thu, 05 Jul 2018 12:20 PM (IST)
अभी नहीं थमा है भाजपा का अॉपरेशन सौराष्ट्र, तीन और बड़े कांग्रेस नेताओं पर है नजर

राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। सौराष्ट्र के दिग्गज नेता कुंवरजी बावलिया को भाजपा में शामिल करने के बाद भाजपा का आपरेशन सौराष्ट्र थमा नहीं है। चर्चा है कि सौराष्ट्र व कच्छ की सात लोकसभा सीटों पर फिर से कब्जा जमाने के लिए भाजपा की नजर और तीन बडे़ कांग्रेस नेताओं पर है। दूसरी तरफ, कांग्रेस ने गुरुवार को सौराष्ट्र व कच्छ के लोकसभा प्रत्याशियों के चयन के लिए प्रदेश कार्यालय पर बैठक बुलाई है।

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गत दिनों कांग्रेस में अपनी नाराजगी जताने वाले विधायकों पर भाजपा की नजर है। इनमें जामनगर के दिग्गज नेता विक्रम माडम, सुरेंद्रनगर लींबडी विधायक सोमाभाई पटेल व राजकोट जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले इंदनील राज्यगुरु शामिल हैं। इनमें से माडम कांग्रेस से व सोमाभाई भाजपा सांसद रह चुके हैं। माडम की भतीजी पूनमबेन माडम जामनगर से सांसद हैं। भाजपा ने वर्ष 2014 में कई युवा चेहरों को मौका दिया, लेकिन काम नहीं करने की वजह से उनके खिलाफ जनता में नाराजगी है। कांग्रेस इन सीटों पर दमदार नेताओं को उतारकर अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहती है। बावलिया के बाद भाजपा अन्य कई नेताओं पर डोरे डाल रही है। गत दिनों विक्रम ने प्रदेश आलाकमान से नाराज होने की बात कही थी। इंदनील राज्यगुरु ने तो पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा भी दे दिया था।

पार्टी ने फिलहाल उनके इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन माना जा रहा है कि बावलिया के भाजपा में जाने के बाद राज्यगुरु कांग्रेस के साथ फिर से संबंध बना लेंगे। भाजपा की नजर दक्षिण व उत्तर गुजरात के कुछ कांग्रेस नेताओं पर भी है। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री तुषार पटेल का नाम आते ही उन्होंने स्पष्ट किया कि वह पार्टी से नाराज नहीं हैं और कांग्रेस छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। कांग्रेस के गुजरात प्रभारी राजीव सातव गुरुवार को प्रदेश कार्यालय पर प्रदेश अध्यक्ष अमित चावडा व नेता विपक्ष परेश धनाणी के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन पर मंथन करेंगे। कांग्रेस अब चौकन्नी हो गई है तथा भाजपा को बिना कोई मौका दिए अपनी टीम को मजबूत करना चाहती है। इसलिए प्रत्याशियों के चयन की शुरुआत सौराष्ट्र व कच्छ से ही होगी।

कैबिनेट की बैठक में शामिल हुए बावलिया
कांग्रेस छोड़ भाजपा में आकर मंत्री बने कुंवरजी बावलिया बुधवार को कैबिनेट की बैठक में शामिल हुए। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने उन्हें जलापूर्ति, पशुपालन व ग्राम गृह निर्माण मंत्रालय सौंपने की घोषणा की। इसके बाद बावलिया ने स्वर्णिम संकुल दो में अपना पदभार संभाला।


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