Morbi Bridge Case: मुआवजे के भुगतान के संबंध में सकारात्मक समाधान लेकर आए ओरेवा समूह, हाई कोर्ट का स्पष्ट निर्देश
गुजरात हाई कोर्ट ने कहा है कि ओरेवा समूह को पीड़ितों के स्वजन को मुआवजे के भुगतान के संबंध में सकारात्मक समाधान सामने लाना चाहिए क्योंकि 2022 में ढह गए मोरबी झूलता पुल के संचालन और रख-रखाव की जिम्मेदारी उसी की थी। इस घटना में 135 लोग मारे गए थे। अदालत ने कहा कि जहां तक मुआवजे का सवाल है कंपनी को सकारात्मक समाधान और ठोस चीजें सामने लानी होंगी।
पीटीआई, अहमदाबाद। गुजरात हाई कोर्ट ने कहा है कि ओरेवा समूह को पीड़ितों के स्वजन को मुआवजे के भुगतान के संबंध में सकारात्मक समाधान सामने लाना चाहिए, क्योंकि 2022 में ढह गए मोरबी झूलता पुल के संचालन और रख-रखाव की जिम्मेदारी उसी की थी।
मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध पी मायी की खंडपीठ 30 अक्टूबर, 2022 को मोरबी में मच्छू नदी पर ब्रिटिश कालीन झूला पुल के ढहने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
इस घटना में 135 लोग मारे गए थे। अदालत ने कहा कि जहां तक मुआवजे का सवाल है, कंपनी को सकारात्मक समाधान और ठोस चीजें सामने लानी होंगी। मुख्य न्यायाधीश ने मौखिक रूप से कहा कि आपको मुआवजे के लिए एक ट्रस्ट बनाना होगा। हमने पिछली बार जो सुझाव दिया था, वह यह है कि आपको हर किसी का उसकी आखिरी सांस तक ख्याल रखना होगा।
कहा कि जहां तक कंपनी द्वारा पीड़ितों को मुआवजे के भुगतान का सवाल है, कंपनी इस बारे में प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही अधिकृत अधिकारियों का हलफनामा पेश करेगी। अब इस मामले की सुनवाई 26 फरवरी को होगी। अदालत के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार ने उन घायलों का विवरण प्रदान किया, जिन्हें उपचार की आवश्यकता थी।