Gujarat Election: पिछले 32 साल से विधायक हैं BJP नेता पबुभा विरमभा माणेक, द्वारका सीट से लड़ेंगे चुनाव
जामनगर जिले की द्वारका सीट की तो यहां से भाजपा ने एक बार फिर पबुभा विरमभा माणेक को उम्मीदवार बनाया है। 2017 में बीजेपी के टिकट पर विरमभा माणेक ने कांग्रेस प्रत्याशी आहिर मेरामण मारखी को मात दी थी।
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क। गुजरात में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के इरादे से सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। एक तरफ जहां भाजपा एक बार फिर गुजरात में कमल खिलाने की कोशिश में जुटी है, वहीं कांग्रेस अपनी साख बचाने के लिए चुनाव लड़ रही है। दिलचस्प बात है कि इस बार दोनों पार्टियों को आम आदमी पार्टी से भी चुनौती मिल रही है।
बात करें अगर जामनगर जिले की द्वारका सीट की तो यहां से भाजपा ने एक बार फिर पबुभा विरमभा माणेक को उम्मीदवार बनाया है। 2017 में बीजेपी के टिकट पर विरमभा माणेक ने कांग्रेस प्रत्याशी आहिर मेरामण मारखी को मात दी थी। पबुभा, गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं। पबुभा माणेक, वाडेर जाति से आते हैं। पबुभा की छवि इस समाज के लोगों के बीच बड़े भाई जैसी है।
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं पबुभा
2 जुलाई 1956 को जन्में 66 वर्षीय पबुभा पिछले 32 साल से विधायक हैं। उन्होंने 34 साल की उम्र में पहला चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचे, जिसके बाद से वो लगातार चुनाव जीत रहे हैं। पबुभा माणेक ने निर्दलीय के रूप में पहले तीन चुनाव जीते हैं। साल 2002 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की। इसके बाद पबुभा मानेक ने दल बदल करते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया, लेकिन नतीजे नहीं बदले, उन्होंने 2007, 2012 और 2017 के चुनाव जीते।
विवादों से रहा है पुराना नाता
पबुभा मानेक कई विवादों की वजह से चर्चा मे भी रहे हैं। पबुभा माणेक ने एक बार अपने नामांकन में दोषों के कारण उच्च न्यायालय द्वारा उनकी उम्मीदवारी रद कर दी थी। हालांकि, पबुभा ने फिर से चुनाव जीता। 2019 में पबुभा मानेक का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वह आरटीआई कार्यकर्ताओं को धमकाते नजर आ रहे थे। पबुभा मानेक के तीन बेटे और एक बेटी है। उनके एक बेटे चंद्रसभा माणेक की मौत हो चुकी है।
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