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गुजरात: RTE के तहत फर्जी दाखिला लेने वाले 621 एडमिशन निरस्त, पहले राउंड में 54,000 से ज्यादा को मिला था प्रवेश

आरटीई प्रवेश प्रक्रिया के तहत पहले दौर में कुल मिलाकर 54903 बच्चों को प्रवेश दिया गया। इसके बावजूद पिछले साल पहली कक्षा में पढ़ने वाले कुछ बच्चों के RTE के तहत ऑनलाइन फॉर्म भरकर इस साल स्कूलों में प्रवेश पाने का मामला जिला और राज्य स्तर पर सामने आया है।

By Jagran NewsEdited By: Amit SinghFri, 26 May 2023 01:02 AM (IST)
गुजरात: RTE के तहत फर्जी दाखिला लेने वाले 621 एडमिशन निरस्त, पहले राउंड में 54,000 से ज्यादा को मिला था प्रवेश
कुल 621 बच्चों के स्कूलों में प्रवेश रद्द

अहमदाबाद, जेएनएन: देश में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चे शिक्षा से अछूते न रह जाएं, इसके लिए RTE (शिक्षा का अधिकार) के तहत स्कूलों में होने वाले दाखिलों में पूरी पारदर्शिता बरती जाती है। प्रदेश के 10 जिलों में RTE के तहत 621 बच्चों द्वारा स्कूल में गलत तरीके से प्रवेश लेने का वाक्या सामने आया, जिसके बाद सभी के दाखिले निरस्त कर दिए गए हैं। साथ ही राज्य स्तर से निर्देश जारी किए गए हैं कि सर्व शिक्षा अभियान द्वारा संचालित बाल ट्रैकिंग सिस्टम में निर्धारित बच्चों के प्रवेश को फिर से प्रमाणित किया जाए।

तथ्यों में की गई गड़बड़ी

प्रदेश सरकार द्वारा जारी निर्देशों पर अमल करते हुए कुल 621 बच्चों के स्कूलों में प्रवेश रद्द कर दिए गए हैं। इसमें भरूच जिले के 33, छोटा उदेपुर के 25, गिर सोमनाथ के 24, जामनगर शहर के 159, खेड़ा के 92, राजकोट के 161, साबरकांठा के 10, वलसाड के 14, सूरत के 33 और सुरेंद्रनगर जिले के 70 छात्र शामिल हैं। मामले में प्रदेश सरकार के मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि कुछ ऐसे तथ्य सामने आए हैं, जिसमें यह पुष्टि हुई है कि कुछ अभिभावकों ने RTE के तहत अपने बच्चों का प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरते समय बच्चे का नाम और पता आदि बदल दिए।

नियमों के खिलाफ दाखिले की कोशिश

मंत्री पटेल ने बताया कि इस साल आरटीई प्रवेश प्रक्रिया के तहत पहले दौर में कुल मिलाकर 54,903 बच्चों को प्रवेश दिया गया। बावजूद इसके, पिछले साल पहली कक्षा में पढ़ने वाले कुछ बच्चों के RTE के तहत ऑनलाइन फॉर्म भरकर इस साल स्कूलों में प्रवेश पाने का मामला जिला और राज्य स्तर पर सामने आया। जो कि इस प्रक्रिया के नियमों के खिलाफ है।

ऑनलाइन फॉर्म में की गई हेर-फेर

मंत्री पटेल ने बताया कि आरटीई प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन फॉर्म भरते वक्त और स्कूल में दाखिला लेते वक्त बच्चों के माता-पिता से एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर कराए जाते हैं। जिसमें यह स्पष्ट तौर पर लिखा होता है कि मेरा बच्चा शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में किसी भी स्कूल में पहली या दूसरी कक्षा में पढ़ाई नहीं कर रहा है, जिसे मैं प्रमाणित करता हूं। अगर यह जानकारी गलत पाई जाती है तो आरटीई के तहत प्रवेश रद्द किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इन निर्देशों के मुताबिक, गलत तरीके से दाखिला लेने वाले बच्चे का प्रवेश रद्द कर दिया गया है।