रियलिटी शोज़ में जज बन कर नहीं मेंटर बन कर रहना है- प्रीतम
प्रीतम ने बताया कि किस तरह एक सिक्किम के स्ट्रीट सिंगर का वीडियो देख कर वह इंस्पायर हो गये थे और फिर उन्होंने उनसे मुलाकात की.
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई. प्रीतम इन दिनों स्टार प्लस के शो 'दिल है हिंदुस्तानी' में सुनिधि चौहान, बादशाह के साथ जज की भूमिका में नज़र आने जा रहे हैं. प्रीतम ने अपनी बातचीत में कहा कि उन्हें बहुत अधिक रियलिटी शोज़ करने में दिलचस्पी नहीं रहती है. लेकिन इस शो की खास बात उन्हें यह लगी है कि इस शो में सिर्फ सिंगर को प्रोमोट नहीं किया जा रहा है, बल्कि हर तरह के टैलेंट को मौके मिल रहे हैं.
प्रीतम ने यह भी कहा कि शो में फोक आर्टिस्ट को भी मौके मिल रहे हैं, जो कि एक यूनिक बात है. शो में इंस्ट्रूमेंटिलिस्ट को, ग्रुप परफॉर्मेंसेज को, रैपर्स को हर तरह के लोगों को मौके मिल रहे हैं. प्रीतम बताते हैं कि ऐसे जब हम रियलिटी शोज़ टीवी पर देख रहे होते हैं तो सोचते हैं कि अरे कितना रो रहे हैं, कितना ड्रामा हो रहा है. लेकिन जब आप इस शो का हिस्सा होते हैं तो आप दरअसल, भूल जाते हैं कि कैमरा भी आॅन है. आप वाकई उस टैलेंट के साथ जीने लगते हो. साथ ही प्रीतम का मानना है कि यह शो ग्लोबल सेलिब्रेशन है इंडियन म्यूजिक का. साथ ही वे लोग जो हिंदुस्तानी लैंग्वेज नहीं समझ रहे, लेकिन हिंदुस्तानी म्यूज़िक से अट्रैक्ट होकर, उसे अडॉप्ट करके परफॉर्म करने आये हैं शो पर. वह हिंदी सांग सुन-सुन कर इससे आकर्षित हुए हैं. ऐसे में एक म्यूजिक आर्टिस्ट के रूप में आपकी भी जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि किस-किस तरह से और कहां-कहां से लोग आपके गाने से टच होते हैं. आपके संगीत से टच होते हैं तो उस स्तर का काम करना होगा.
प्रीतम ने बताया कि किस तरह एक सिक्किम के स्ट्रीट सिंगर का वीडियो देख कर वह इंस्पायर हो गये थे और फिर उन्होंने उनसे मुलाकात की. प्रीतम कहते हैं कि वह इस शो को लेकर वह मेंटर कहलाना पसंद करेंगे. वह जज कहलाना पसंद नहीं करते. चूंकि वह मानते हैं कि वह कोई नहीं होते, जो किसी को जज करें. वह कहते हैं कि वह जब भी किसी रियलिटी शो का हिस्सा बनते हैं तो वह मेंटर बन कर ही जाते हैं. वह कभी जज बन कर नहीं जाते हैं. प्रीतम कहते हैं कि मैं अमूमन तो अपने स्टूडियो में ही रहता हूं. तो बाहर की दुनिया के बारे में ज्यादा जानता नहीं हूं. रियलिटी शो के माध्यम से नये लोगों से, युवा टैलेंट्स से मिलने का मौका मिलता है.
प्रीतम मानते हैं कि भारत में म्यूजिशियंस को प्रोफेशनली ग्रूम नहीं किया जाता है. यहां वोकेलिस्ट पर काम होता है लेकिन वोकलिस्ट के अलावा भी तो इंडिया में और आर्टिस्ट होते हैं, जिसमें इंस्ट्रूमेंटिलिस्ट हो गये, कंपोजर हो गये, गीतकार हो गये. अपने जैम 8 के माध्यम से प्रीतम वैसे ही टैलेंट को संवारने और निखारने की कोशिश में जुटे हुए हैं. वह जहां भी टैलेंट को देखते हैं और उन्हें संभावनाएं दिखती हैं वह उसे जैम 8 का हिस्सा बनाते हैं और उसे गाइड करते हैं. प्रीतम ने कहा है कि इस शो के विनर को अपने साथ गाना गाने का मौका देने की कोशिश करेंगे.
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