Throwback Thursday: ढाई मिनट के सीन के लिए भोपाल में 9 घंटे चली थी 'युवा' की शूटिंग, इस एक्टर को आ गए थे चक्कर
Throwback Thursday हर हफ्ते की तरह एक बार फिर से हम आपके सामने एक बेहद ही दिलचस्प किस्सा लेकर हाजिर हैं। ये किस्सा है साल 2004 में रिलीज हुई फिल्म युवा का जिसकी शूटिंग का क्लाइमैक्स भोपाल में शूट किया गया था। क्या आप जानते हैं कि ये सीन सिर्फ ढाई मिनट का था लेकिन इसकी शूटिंग पूरे नौ घंटे हुए थी। क्या है पूरी कहानी यहां पर पढ़ें।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। साल 2004 में रिलीज हुई विवेक ओबेरॉय-अजय देवगन, अभिषेक बच्चन और रानी मुखर्जी स्टारर पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म 'युवा' ने उस दौर में 14.25 करोड़ के आसपास इंडिया में कलेक्शन किया था। इस फिल्म के लिए निर्देशक मणि रत्नम एक साथ कई सितारों के एक ही छत के नीचे लेकर आए।
युवा की शूटिंग देश के अलग-अलग राज्यों जैसे कोलकाता, चेन्नई, भोपाल, थेनी, पोल्लाची सहित कई जगहों पर हुई थी। भोपाल में अजय देवगन और विवेक ओबेरॉय का वो सीन फिल्माया गया था, जहां एक्टर विधायक बनकर असेंबली में जाते हैं।
क्या आप जानते हैं कि फिल्म में ये सीन महज ढाई मिनट का था, लेकिन इसे फिल्माने के लिए निर्देशक मणिरत्नम ने पूरे नौ घंटे लिए थे, जिसकी वजह से 'युवा' के इस एक्टर को भी चक्कर आने लाहे थे। भोपाल के किस हॉल में फिल्माया गया था युवा का क्लाइमैक्स सीन और किन कारणों की वजह से निर्देशक ने लगाए नौ घंटे चलिए जानते हैं।
भोपाल के किस हॉल में हुआ था युवा का क्लाइमेक्स शूट
विवेक ओबेरॉय और अजय देवगन का क्लाइमैक्स सीन भोपाल के मिंटो हॉल में शूट किया गया था। ये वो सीन था, जहां अजय देवगन और विवेक ओबेरॉय विधायक बनकर पहली बार असेंबली में आते हैं और ओम पुरी उनका स्वागत करते हुए डायलॉग बोलते हुए कहते हैं कि, 'आओ-आओ माइकल, तुम लोग तो आ गए यहां, देखते हैं कब तक ठहरोगे'।
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इस स्पेशल सीन को फिल्माने के लिए भोपाल के मिंटो हॉल को पश्चिम बंगाल विधान सभा के रूप में प्रेजेंट किया गया था। शूटिंग हॉल के बाहर अजय देवगन और विवेक ओबेरॉय की एक झलक पाने को बेताब फैंस की भीड़ जमा हो गयी थी।
इस हॉल के खिड़की दरवाजों को पूरी तरह से काले कागज से निर्देशक ने अपनी टीम से ढकवा दिया था, ताकि किसी भी तरह से सूरज की रोशनी से फिल्म की शूटिंग करने में दिक्कत न आए। जिससे दर्शक और भी ज्यादा मायूस हो गए।
क्यों ढाई मिनट के शूट में लगे पूरे नौ घंटे
मणि रत्नम भारतीय सिनेमा के उन निर्देशकों में शुमार हैं,जिन्हें फिल्मों में उनके परफेक्शन के लिए जाना जाता है। ऐसे में उन्होंने 'युवा' में भी अपना भरपूर दिया। महज ढाई मिनट के इस सीन को तीन अलग-अलग एंगल से निर्देशक ने शूट किया। सुबह करीबन 10 बजे शुरू हुई 'युवा' की शूटिंग शाम को साढ़े सात बजे तक चली।
दरअसल इस सीन के लिए आठ रिटेक्स हुए। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि रिटेक्स की वजह एक्टर की गलती नहीं, बल्कि अजीबों-गरीब चीजें थी। कभी उन्हें लाइट ठीक नहीं लग रही थी, तो कभी मॉनिटर के सामने बैठे निर्देशक मणिरत्नम को कैमरा एंगल नहीं भा रहा था।
दो बार तो रिटेक सिर्फ इसलिए हुए थे, क्योंकि असेंबली में पंखे की आवाज काफी तेज थी और एक बार किसी यूनिट मेंबर का मोबाइल बज उठा था। मणि रत्नम के सेट पर एकदम सन्नाटा छाया हुआ था, वहां पर कैमरा और एक्टर के डायलॉग के अलावा किसी शख्स के मुंह से आवाज नहीं निकल रही थी।
भोपाल के स्थानीय लोगों को बनाया गया था विधायक
आपको बता दें कि टेक्नीकल टीम और फिल्म की मुख्य कास्ट जैसे रानी मुखर्जी, करीना कपूर, अभिषेक बच्चन, ओम पुरी सहित कई बड़े एक्टर्स की कास्टिंग तो मुंबई में ही हुई थी, लेकिन 'युवा' में जिन्होंने विधयाक का किरदार अदा किया था, वह सब भोपाल के ही स्थानीय निवासी थे।
जहां कुछ विधयाक कम हुए, भीड़ में से ही कुछ लोगों को असेंबली में विधयाक के कपड़े पहनाकर शूटिंग में बिठा दिया गया। कई फैंस को ये मौका मिला कि वह फिल्म देख सकें।
जब युवा के सेट पर इस एक्टर को आए थे चक्कर
शूटिंग करते हुए ब्रेकफास्ट से लेकर लंच और टी-ब्रेक कम से कम दो तीन ब्रेक होते हैं, ऐसे में युवा की शूटिंग के दौरान जब तीन बार ब्रेक हुआ तो पहली बार में सभी सितारों ने मिलकर साथ में खाना खाया, दूसरा और तीसरा ब्रेक उनकी चाय का था।
हालांकि, विवेक ओबेरॉय उन दिनों मंगलवार का व्रत करते थे। भोपाल में 'युवा' का क्लाइमेक्स भी मंगलवार को ही शूट किया गया था, जिसकी वजह से विवेक ओबेरॉय फ्रूट्स के अलावा कुछ खा नहीं सके और उन्हें सेट पर ही चक्कर आ गए।
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