फिल्म रिव्यू: सेकेंड हैंड हस्बैंड (2 स्टार)
समीप कंग ने इसमें टीम लगभग सारी पंजाबी ही ली है इसलिए यही महसूस होता है जैसे हिंदी में पंजाबी फिल्म देख रहे हों।
प्रमुख कलाकार: गिप्पी ग्रेवाल, टीना आहूजा, धर्मेंद्र
निर्देशक: समीप कंग
संगीतकार: डॉ. जियूस, डीजे फ्लो, बादशाह
स्टार: 2
पंजाब फिल्म इंडस्ट्री में अपनी कॉमेडी फिल्मों की सफलता को बॉलीवुड में भुनाने की कोशिश में समीप कंग ने पहली बार हिंदी फिल्म का निर्देशन किया है। गिप्पी ग्रेवाल के साथ 'कैरी ऑन जट्टा', ' लक्की दी अनलक्की स्टोरी', 'भा जी इन प्रोब्लम' और धर्मेंद्र व गिप्पी दोनों के साथ 'डबल दी ट्रबल' जैसी फिल्में पॉलीवुड में बना चुके समीप कंग ने इस फिल्म में भी टीम लगभग सारी पंजाबी ही ली है।
शायद इसीलिए फिल्म देखते हुए यही महसूस होता है जैसे हिंदी में पंजाबी फिल्म देख रहे हों। फिल्म में गोविंदा की बेटी नर्मदा उर्फ टीना अहूजा ने डेब्यू किया है और गिप्पी ग्रेवाल की यह पहली हिंदी फिल्म है। एक सुपर स्टार की बेटी होने के कारण टीना से जितनी उम्मीद थी वह उस पर खरी नहीं उतर पायी है या यूं कहें कि उन्हें रोल ही ऐसा दिया गया जिसमें एक्टिंग की ज्यादा गुंजाइश नहीं थी। गिप्पी ग्रेवाल की एक्टिंग भले ही ठीक है लेकिन हिंदी बोलने में उनकी असहजता साफ झलकती है। फिल्म में गीता बसरा की एक्टिंग को सराहा जा सकता है। अपने समय के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र भी फिल्म में अपना जादू बिखेरने में ज्यादा सफल नहीं हो पाए हैं।
फिल्म की कहानी में तलाक जैसे गंभीर मुद्दे को सिचुएशनल कॉमेडी का रूप देने की कोशिश की गई है। राजबीर (गिप्पी ग्रेवाल) का नेहा (गीता बसरा) से तलाक हो चुका है और वह गुरप्रीत (टीना अहूजा) से शादी करना चाहता है। गुरप्रीत एक वकील है और राजबीर को गाइड करती है कि पहली पत्नी नेहा को गुजारा भत्ता देने से बचना है तो उसकी शादी करवानी होगी।
खुद सेकेंड हैंड हसबेंड बनने के लिए आतुर राजबीर का अपनी पत्नी के लिए सेकेंड हैंड हसबेंड ढूंढने की कोशिशों में क्या-क्या पापड़ बेलने पड़ते हैं, उसी के इर्द-गिर्द फिल्म की कहानी घूमती है। फिल्म में अजीत (धर्मेंद्र) राजबीर के बॉस हैं जो प्रोफेशनल रिलेशन्स को पर्सनल बनाने में ज्यादा विश्वास रखते हैं और रोज शराब में धुत्त हो कर ही घर पहुंचते हैं। उनकी पत्नी का रोल अदा किया है रति अग्निहोत्री ने, जो पति की पीने की आदत से दुखी रहती है। दिलफेंक पति से वह तलाक लेने का फैसला करती है। दोनों का रिश्ता टूटता देख राजबीर उम्रदराज अजीत में भी अपनी पूर्व बीवी के भावी पति को खोजने लगता है। फिल्म का बेस्ट पार्ट है क्रिकेटर हरभजन भज्जी की एंट्री।
- वंदना वालिया बाली