रातोंरात सफल नहीं हुई: कंगना
लोग 'कृष 3' में खूबसूरत कंगना रनौत को नए अवतार में देखेंगे। वे इस फिल्म में काया का रोल कर रही हैं, जो मानवर है यानी इंसान और मानव का मिश्रण। कंगना इस बातचीत में साझा कर रही हैं फिल्म और अपने सफर से जुड़ी बातें। एक दर्शक के रूप में पूछना चाहूंगा कि खुद पर य्
मुंबई। लोग 'कृष 3' में खूबसूरत कंगना रनौत को नए अवतार में देखेंगे। वे इस फिल्म में काया का रोल कर रही हैं, जो मानवर है यानी इंसान और मानव का मिश्रण। कंगना इस बातचीत में साझा कर रही हैं फिल्म और अपने सफर से जुड़ी बातें।
एक दर्शक के रूप में पूछना चाहूंगा कि खुद पर यकीन करने लायक कौन सी चीजें थीं?
फिल्म इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा कुछ ऐसी किस्म की है कि कोई कितना भी प्रतिभावान क्यों न हो, उसका खुद पर से यकीन कभी न कभी डगमगाता ही है। कई बार आप गिरते हैं, फिर कोई बात आपको इंस्पायर करती है और आप ऊपर चढ़ना शुरू करते हैं। अंदर से आवाज आती है कि किसी भी निगेटिविटी को अपने ऊपर हावी नहीं होने दूंगी। जिंदगी ऐसी ही है। मैं कई बार विश्वास, अतिआत्मविश्वास और हताशा के दौर से गुजरी हूं।
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नंबर गेम में यकीन रखना कितना जरूरी होता है?
यह सोचकर काम नहीं किया जा सकता, क्योंकि हर शुक्रवार को कोई भी नंबर वन की गद्दी से बेदखल या फिर सत्तासीन हो सकता है। खासकर अभिनेत्रियों के मामले में। कई खूबसूरत मॉडल कब आती और गुम हो जाती हैं, पता भी नहीं चलता। ऐसे में मेरा इसमें कोई यकीन नहीं है। मैं चाहती हूं कि अपने काम से लोगों के दिल में बस सकूं। उन्हें मेरी फिल्मों का इंतजार हो। मैं उन्हें वैरायटी प्रदान कर सकूं। मैं इस करियर से लोगों के साथ सदा के लिए जुड़ना चाहती हूं।
आप एक साथ 'रिवॉल्वर रानी', 'क्वीन' और 'रज्जो' जैसी फिल्में कर रही हैं। इन फिल्मों के बारे में बताएंगी?
'क्वीन' एक कॉमेडी फिल्म है। इसमें मैं एक हताश लड़की का रोल कर रही हूं। सब उसका मजाक उड़ाते हैं। निराशा में वह यूरोप अकेले हनीमून मनाने के इरादे से चली जाती है। उसे अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में बहुत अच्छा रेस्पॉन्स मिल रहा है। 'रिवॉल्वर रानी' एक पॉलिटिशियन कम डकैत की कहानी है और 'रज्जो' मुजरा घरानों पर आधारित है।
और 'कृष 3' में आपका किरदार सुपर पॉवर से लैस है?
हां, इसमें मेरे कैरेक्टर का नाम काया है। काया कई किस्म की सुपर पॉवर से लैस है। उसका मेकअप ऐसा रखा गया है कि वह इंसान और जानवर का मिश्रण लगे। हालांकि उसमें प्रोस्थेटिक मेकअप का इस्तेमाल नहीं हुआ है। बस बालों की स्टाइल अलग है और आंखों को अलग शेप दिया गया है। नाक शेरनी की तरह किया गया है, पर साथ ही उसे जरा छिपकली की तरह भी दिखाया गया है। उसका सूट लंदन में तैयार हुआ है।
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क्या काया विशुद्ध विलेन है?
नहीं, ऐसा नहीं है। वह वॉयलेंट है, लेकिन उसमें आम लड़कियों की तरह एक कोमलता भी है। स्वभाव से नरम भी हो जाती है काया। कृष्णा के साथ उसका अफेयर भी है। हालांकि साय-फाय जोनर की फिल्मों में दुनिया बचाओ की कहानी पर ज्यादा जोर रहता है, सो काया और कृष का अफेयर फिल्म में नाम मात्र ही है।
आपने सफलता को सिर पर चढ़ने नहीं दिया। कैसे सहेजा खुद को?
क्योंकि मुझे बड़ी मशक्कत के बाद सफलता मिली थी, इसीलिए मेरे कदम जमीन पर ही हैं। सफलता उनके सिर चढ़ती है, जो एकाएक सफल होते हैं। मुझे इंडस्ट्री में सात-आठ साल हो गए हैं। मैं रातोंरात सफल नहीं हुई, लिहाजा दिमाग खराब होने वाली कोई बात ही नहीं है।
आप अपने परिजनों से लड़कर इस इंडस्ट्री में आई थीं। छोटे शहरों के युवाओं को आप क्या सलाह देंगी?
यही कि वैसा कदम उठाने की कोई जरूरत नहीं है। बाकी फील्ड की तरह इसे भी एक किस्म की फील्ड मानें। यह सोचकर चलें कि यहां भी उन्हें दूसरे लोगों से प्रतिस्पर्धा करनी होगी। मुझे पता नहीं कि लोग ऐसा क्यों सोचते हैं कि यहां कोई किस्मत का चक्कर चलेगा और कोई रातोंरात मशहूर हो जाएगा। वैसा सोचना तो बिल्कुल छोड़ दें। फिल्मों से संबंधित चीजों के लिए स्किल अक्वायर करें। बड़े संस्थानों के साथ जुड़ें, तब यहां का रुख करें।
रिमेक और सीक्वल फिल्मों के दौर में आप किसी रिमेक फिल्म का हिस्सा बनना चाहेंगी?
मेरी वैसी तो कोई दिली ख्वाहिश नहीं है। हो, मैं यह जरूर चाहूंगी कि 'रिवॉल्वर रानी' जैसी फिल्मों को बड़े पैमाने पर स्वीकार किया जाए। उसमें भी 'शोले' जैसी डायलॉगबाजी है।
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