नोटबंदी से तकलीफ़ पर विवेक ओबेरॉय का अटपटा बयान, बताया 'लेबरपेन' है ये
विवेक का मानना है कि नोटबंदी का निर्णय लेकर मोदी जी ने अपनी राजनीतिक प्रतिष्ठा और अपने करियर को देश की जनता की भलाई के लिए दांव पर लगा दिया है।
संजय मिश्रा, मुंबई । देश इन दिनों 500 और 1000 के बंद हुए नोटों के बाद की दिक्कत से जूझ रहा है और विवेक ओबराय को लगता है कि ये किसी बच्चे के जन्म से पहले होने वाला दर्द है जिसके बाद सब कुछ अच्छा अच्छा होगा।
एक अवार्ड समारोह की घोषणा में पहुंचे विवेक ने प्रधानमन्त्री मोदी के नोटबंदी के फैसले को देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ये नए भारत का जन्म हो रहा है और नोट बैन के बाद जो तकलीफ देश की जनता को हो रही है ये वही तकलीफ है जो लेबरपेन यानी जन्म से पहले दर्द और पीड़ा से होती है। विवेक ने कहा "मोदी जी ने इस अहम फैसले से अपने राजनीतिक करियर को दांव पर लगा दिया है जिसकी ज़रूरत बिलकुल नहीं थी लेकिन वो देश के लिए कुछ अलग करना चाहते हैं। इस समय देश की जो स्थिति है ऐसा लगता है कि हमारा देश एक इंस्टेंट नूडल्स बन गया है क्योंकि हमें सभी चीजें एक ही समय चाहिए होती हैं।"
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विवेक का मानना है कि नोटबंदी का निर्णय लेकर मोदी जी ने अपनी राजनीतिक प्रतिष्ठा और अपने करियर को देश की जनता की भलाई के लिए दांव पर लगा दिया है। इस फैसले से कई फायदे होने। जैसे बैंक में पैसा जमा होगा , लोन आसानी से मिलेगा और नौकरी भी। ये बात सही है कि इस समय हमें कुछ परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है लेकिन एक नए भारत के जन्म के साथ ही देश तेजी से विकास भी करेगा।