'Lipstick Under My Burkha बनाम CBFC', जानिए क्या कहते हैं शाह रूख़ ख़ान
सेंसर बोर्ड ने फ़िल्म को सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया है, जिसे सेंसर चीफ़ पहलाज निहलानी ने सही ठहराया है।
मुंबई। बॉलीवुड में इस वक़्त Lipstick Under My Burkha का मुद्दा गर्माया हुआ है। सीबीएफ़सी यानि सेंसर बोर्ड ने फ़िल्म को ये कहते हुए प्रमाण पत्र देने से इंकार कर दिया है कि फ़िल्म में दिखाए गए उनमुक्त दृश्य और अपशब्द एक ख़ास तबके को डिस्टर्ब कर सकते हैं। कई सेलेब्रिटीज़ फ़िल्म को सपोर्ट कर रहे हैं, मगर शाह रूख़ ख़ान ने इस पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।
इस बारे में शाह रूख़ से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा- ''इसके बाद आप मुझसे उत्तर प्रदेश की राजनीति पर भी सवाल करेंगे। मुझे इस बारे (फ़िल्म को लेकर हो रहे विवाद) में कुछ नहीं पता क्योंकि मैं छुट्टी पर था। इसलिए मुझे नहीं पता।'' प्रकाश झा प्रोड्यूस्ड लिपस्टिक अंडर माई बुर्का को अलंकृता श्रीवास्तव ने डायरेक्ट किया है। फ़िल्म चार ऐसी महिलाओं की कहानी है, जो अपनी रोज़-मर्रा की ज़िंदगी जीते हुए अपने वजूद को टटोलने की कोशिश करती हैं। इसी क्रम में वो अपनी फेंटेसीज़ को जीने की कोशिश करती हैं। फ़िल्म ट्रेलर को देखकर पता चलता है कि इसमें कुछ इरोटिक दृश्य हैं और भाषा भी काफी रियलिस्टक रखी गई है।
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कोंकोणा सेन शर्मा, रत्ना पाठक, आहना कुमरा, प्लाबिता बोरठाकुर सुशांत सिंह और विक्रम मैसी मुख्य भूमिकाओं में हैं। सेंसर बोर्ड ने फ़िल्म को सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया है, जिसे सेंसर चीफ़ पहलाज निहलानी ने सही ठहराया है। इसको लेकर कबीर ख़ान, फ़रहान अख़्तर, नीरज घेवान और सुधीर मिश्रा जैसे फ़िल्ममेकर्स सेंसर के ख़िलाफ़ रोष जता चुके हैं।
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विभिन्न फ़िल्म फ़ेस्टिवल्स में दिखाई जा रही Lipstick Under My Burkha को बेहतरीन रिस्पांस मिल रहा है, मगर सेंसर बोर्ड के रुख़ के चलते देश में इसकी रिलीज़ ख़तरे में पड़ गई है।