Sonu Nigam Birthday: 5 साल तक नहीं मिला ब्रेक, जब गाना शुरू किया तो हर सॉन्ग हुआ हिट
Sonu Nigam Birthday अपनी सुरीली आवाज से करोड़ों लोगों के दिलों में बसने वाले मशहूर सिंगर सोनू निगम के गानों से शायद ही कोई अनजान होगा। बचपन से ही उनका रुझान संगीत की तरफ था। इस हुनर को आगे बढ़ाने में उनके पिता ने उनकी मदद की थी। शायद कम लोग ही जानते होंगे कि सोनू ने महज 4 साल की उम्र में सिंगिंग शुरू कर दी थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। Sonu Nigam Birthday: बॉलीवुड के मशहूर सिंगर सोनू निगम 30 जुलाई को 50वां जन्मदिन मना रहे हैं। सोनू तीन दशक से फिल्म इंडस्ट्री में अपनी सुरीली आवाज से सबका मन मोह रहे हैं। सोनू की खूबसूरत आवक बॉलीवुड तक ही सीमित नहीं है।
उन्होंने हिन्दी के अलावा बंगाली, तेलुगु, गुजराती कन्नड़, मराठी, ओडिया, मलयालम और भोजपुरी समेत कई भाषाओं के गीतों को अपनी आवाज दी है। हालांकि, सोनू को यह सफलता कड़े संघर्ष के बाद मिली है। एक वक्त ऐसा भी था जब वे भूखे-प्यासे म्यूजिक कंपोजर्स के चक्कर काटा करते थे।
पिता से विरासत में मिला संगीत
सोनू निगम को संगीत अपने पिता से विरासत में मिला। सोनू का मानना है कि अपने पिता के सामने उनका संघर्ष तो कुछ नहीं है। सोनू के पिता अगम निगम 15 साल की उम्र में ही घर से भाग गए थे। वे कई रातों तक रेलवे स्टेशन पर भी सोए। अगम ने शोभा से लव मैरिज की, फिर वे दोनों स्टेज शो किया करते थे।
साल 1973 में सोनू का जन्म हुआ। अगम पहले से संगीत के शौकीन थे, उन्होंने बेटे सोनू को भी गाना सिखाया। फिर सोनू चार साल की उम्र में ही आने पिता के साथ स्टेज शो करने लगे। सोनू के मुताबिक, उन्होंने मेले, शादी समेत हर तरह के इवेंट में गाने गाए।
कैसे हुई गाना गाने की शुरुआत
सोनू बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में बताते हैं कि एक दिन मेरे पापा स्टेज पर ‘क्या हुआ तेरा वादा' गा रहे थे। उस वक्त मैं भी जिद करके स्टेज पर चढ़ गया और गाने लगा, लोगों को मेरा गया गाना पसंद आया। फिर मैं भी पापा के साथ स्टेज शो करने लगा। इसके बाद मुझे प्रोफेशनल सिंगर के तौर पर बुक किया जाने लगा।
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मुंबई में कंपोजर्स के घरों के चक्कर काटे
सोनू और उनके पिता अगम समझ गए थे कि संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए बंबई (मुंबई) का रुख करना होगा। जब वे साल 1991 में मुंबई पहुंचे तो सोनू को किसी ने काम नहीं दिया। वे दिनभर म्यूजिक कंपोजर्स के घरों के चक्कर लगाते रहते थे।
उन्हें यह भी कहा गया कि उनकी आवाज में काफी वैरायटी है, इसे कंट्रोल करना पड़ेगा। हालांकि, आगे चलकर आवाज की यही चीज उनके लिए मजबूती बनी। इसके बाद सोनू को बड़ी मुश्किल से फिल्म 'जनम' का एक गाना मिला, लेकिन फिर यह फिल्म रिलीज ही नहीं हो पाई।
टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार ने दिया चांस
सोनू को पांच साल बाद 'सा रे गा मा पा' में ब्रेक मिला। शो को उन्होंने होस्ट किया। लोग सोनू की आवाज के फैन तो थे ही, उनके विनम्र स्वभाव को भी पसंद करने लगे। इस शो के बाद सोनू को 'टी सीरीज के' मालिक गुलशन कुमार ने एलबम 'रफी की यादें' में गाने का चांस दिया। सोनू ने बतौर प्लेबैक सिंगर एलबम में गाना गाया और वे रातों-रात सुपर हिट हो गए। सोनू स्टेज शोज के दौरान भी रफी साहब के गाने ही गाया करते थे।
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सोनू के गाने हिट रहे, पद्मश्री भी मिला
इसके बाद तो मानो सोनू की जिंदगी ही बदल गई। फिर उन्होंने एक से बढ़कर एक गाने गाए। इनमें 'संदेशे आते हैं', 'कभी खुशी कभी गम', 'दो पल रुका', 'अपने तो अपने होते हैं', 'कल हो ना हो', 'सूरज हुआ मद्धम' और 'कभी अलविदा ना कहना' जैसे जबरदस्त गाने बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री को दिए।
President Ram Nath Kovind presents Padma Shri award to singer Sonu Nigam. pic.twitter.com/bgn5SForc1— ANI (@ANI) March 28, 2022
उस वक्त सोनू निगम का गाया हर गाना हिट साबित होता था। साल 2022 में सोनू निगम को पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्हें फिल्मफेयर, जी सिने, आईफा और आईटीए समेत कई अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है।