90's की सुपरस्टार थी श्रीदेवी की 'सौतन', खुद का स्टारडम बना दुश्मन...माधुरी-काजोल से क्यों रहीं पीछे?
90 के दशक में श्रीदेवी की समकालीन एक अभिनेत्री, जिन्हें उनकी ऑनस्क्रीन 'सौतन' भी कहा जाता था, अपनी प्रतिभा के बावजूद माधुरी दीक्षित और काजोल जैसी अभिनेत्रियों से पीछे रह गईं। शुरुआती सफलता के बाद, उनकी कुछ फिल्में असफल रहीं, जिससे उनका करियर ग्राफ नीचे गिर गया और स्टारडम ही उनके लिए दुश्मन बन गया।

सुपरहिट फिल्मों के बाद भी क्यों हिट नहीं हुई 90 की ये एक्ट्रेस/ फोटो- Instagram
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। 90 के दौर में कई ऐसी अभिनेत्रियां आईं, जिन्होंने स्क्रीन पर आते ही फैंस के दिलों पर कब्जा कर लिया। हालांकि, बदलते समय के बाद बड़े पर्दे से वह ऐसी गायब हुईं कि आज लोग जब उन्हें देखते हैं, तो हैरान हो जाते हैं।
ऐसी ही एक एक्ट्रेस के बारे में हम आपको अपने इस आर्टिकल में बता रहे हैं, जो कभी पर्दे पर श्रीदेवी की सौतन बनी, कभी सबसे बड़े गैंगस्टर की माशूका। 90 के दशक की सबसे खूबसूरत एक्ट्रेसेस में से एक रहीं अभिनेत्री ने एक ऐसी गलती कर दी, जिसकी वजह से वह माधुरी और काजोल की तरह आज के समय में ऑडियंस के लिए रिलेटेबल नहीं बन पाईं। कौन हैं ये हसीना, नीचे विस्तार से पढ़ें कहानी:
इस कारण नहीं निकल पाईं आगे?
बचपन से फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रहीं और सनी देओल (Sunny Deol) के अपोजिट बतौर युवा अभिनेत्री 1991 में फिल्म 'नरसिम्हा' से बॉलीवुड में कदम रखने वाली अभिनेत्री कोई और नहीं, बल्कि 'रंगीला' गर्ल उर्मिला मातोंडकर है। उर्मिला मांतोडकर की सुपरहिट फिल्म 'रंगीला' 30 साल के बाद 'तेरे इश्क में' के साथ 28 नवंबर को सिनेमाघरों में री-रिलीज की गई, जिसके बारे में उर्मिला मातोंडकर ने बात की।
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उर्मिला ने एक खास बातचीत में बताया कि किस तरह से रंगीला ने रूढ़िवादिता से निकलकर उन्हें अलग-अलग किरदार दिलाने में मदद की। एक्ट्रेस ने कहा, "रंगीला के बाद मेरे लिए चीजें एक रात में बदल गई थी। इस फिल्म के बाद मैं स्टार बन गई थी और मुझे पब्लिक का बहुत प्यार मिला। मुझे इस चीज पर सबसे ज्यादा गर्व है कि मैंने अपने स्टारडम का इस्तेमाल जबरदस्ती अपनी फीस बढ़ाने में नहीं किया। अलग-अलग किरदार निभाकर एक रिस्क लिया, जैसे पिंजरा, प्यार तूने क्या किया और जुदाई में मैंने निभाए थे। रंगीला की वजह से ही मुझे उस तरह की फिल्में करने का अवसर मिला"।
रंगीला की सक्सेस के बाद सबकी फीस बढ़ी
उर्मिला मातोंडकर ने आगे कहा, "जब रंगीला रिलीज हुई थी, तो सिर्फ मेरी ही नहीं, बल्कि कई एक्ट्रेसेस की फीस में बदलाव आया था। मैं जैकी या आमिर की फीस से तुलना नहीं कर रही हूं, क्योंकि मुझे उनकी फीस का नहीं पता है कि उन्हें कितना पैसा मिला था"। ये उर्मिला का वह गोल्डन पीरियड था, जब वह मेकर्स से अगर मुंह मांगी फीस मांगती तो मिलती, क्योंकि उस समय वह अपने करियर के पीक पर थीं। जब वह किरदार पर ध्यान दे रही थीं, उस दौर में उनकी कंपटीटर कामर्शियल सिनेमा के साथ अपनी फीस पर फोकस कर रही थीं।
ऐसा कहा जाता है कि उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondkar) का करियर बनाने वाले राम गोपाल वर्मा की गलती से ही एक्ट्रेस का करियर बिगड़ा भी था। दरअसल, 'रंगीला' के बाद राम गोपाल वर्मा उर्मिला में इतना डूब गए थे कि उन्होंने ऑफिस में भी एक्ट्रेस की फोटोज ही लगा ली थी। जब ये बात रामू की वाइफ तक पहुंचीं, तो उन्होंने एक फिल्म के सेट पर उर्मिला को चांटा जड़ दिया। जिसकी गूंज तो बॉलीवुड में गूंजी ही, लेकिन इसका असर एक्ट्रेस के करियर पर भी काफी पड़ा। सत्या, जुदाई, जंगली, कंपनी, तेजाब जैसी फिल्में करने वाली उर्मिला मातोंडकर बॉलीवुड के बदलते दौर के साथ खुद को नहीं बदल पाईं और धीरे-धीरे स्क्रीन से गायब हो गईं। उनकी लास्ट फुल फ्लेज फिल्म साल 2008 में EMI थी।

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