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सुभाष बाबू का अपना एक नजरिया था, जिससे वह हिन्दुस्तान को देख रहे थे: राजकुमार राव

राजकुमार राव की फिल्म स्त्री 31 अगस्त को सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है।

By Rahul soniEdited By: Published: Fri, 24 Aug 2018 08:01 PM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 11:58 AM (IST)
सुभाष बाबू का अपना एक नजरिया था, जिससे वह हिन्दुस्तान को देख रहे थे: राजकुमार राव
सुभाष बाबू का अपना एक नजरिया था, जिससे वह हिन्दुस्तान को देख रहे थे: राजकुमार राव

रुपेशकुमार गुप्ता, मुंबईl राजकुमार राव आज प्रसिद्ध नाम बन चुका है। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में सफलता का मुकाम हासिल कर चुके राजकुमार राव एक के बाद एक अलग-अलग जोनर की फिल्मों में नजर आ रहे हैं। चाहे बॉलीवुड फिल्म हो या फिर वेब सीरिज। राजकुमार राव की अपकमिंग फिल्म स्त्री है जो दर्शकों के सामने 31 अगस्त को आएगी। जागरण डॉट कॉम से अपनी इस फिल्म को लेकर बातचीत करते हुए उन्होंने कई राज बताए और नेताजी सुभाषचंद्र बोस पर बनी वेब सीरिज 'बोस डेड अॉर अलाइव' को लेकर चुनौतियों के बारे में भी जानकारी दी। 

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राजकुमार राव ने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस बनने के दौरान उन्होंने यह पाया कि अगर देश उनके दिखाए मार्ग पर चलता तो आज वस्तुस्थिति कुछ और होतीl लेकिन यह भी बात सच है कि हर चीज को करना संभव नहीं होता। इस बारे में बताते हुए राजकुमार राव कहते हैं, ' जब मैं नेताजी सुभाषचंद्र बोस वेब सीरिज कर रहा था तब  मुझ पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी। इस बात का अहसास था मुझे कि मुझे नेताजी सुभाषचंद्र बोस जैसे महान नेता की भूमिका निभाने का अवसर मिल रहा हैl उस भूमिका तक पहुंचने के लिए वजन बढ़ाया, अपने आधे बाल मुंडाए ताकि उन जैसा फिजिकली लगने की कोशिश कर सकूं। इसके अलावा मैंने बहुत पढ़ाई की। ढेरों पुस्तकें पढ़ींl उनका जो सेल्फ्लेस लव या जूनून था भारतमाता के लिए, वह किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार थे और वह बहुत ही आधुनिक विचार के थे। वह बहुत ही जिद्दी थे कि मुझे आजादी चाहिए और मुझे 10 साल या 20 साल बाद नहीं मुझे अभी चाहिएl अगर आप आज सोचे और इस बात पर गौर करें कि उन्होंने ब्रिटिश राज में खुद की आर्मी बना ली थी। जर्मनी, जापान और बर्मा में जाकर यह सब करना आज एक असंभव सपना है और उन्होंने वह उस समय कर दिखाया था। उनका जो जूनून था वह मुझे मेरी पूरी वेब सीरिज में बरकरार रखना थाl नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने कभी भी अंग्रेजों के आगे अपनी आखें नहीं झुकाईl वह सदा उनके आखों में देखकर बात किया करते थे, मानों कहा करते थे कि मुझे कोई फर्क नहीं पड़ताl यह मेरी भारत माता की बात है और तुम लोग यहां कैसे होंl 

सुभाष बाबू का अपना अंदाज था

राजकुमार राव आगे कहते है, 'अब तो हम केवल अगर-मगर ही कर सकते है कि अगर ऐसा होता तो वैसा होता लेकिन अगर आज सुभाष बाबू होते और जो उनका अंदाज था, जितना मैंने उन्हें पढ़ा है, मुझे लगता है वह अलग होताl हर प्रधानमंत्री की एक सोच होती हैl सुभाष बाबू की अपनी एक अलग सोच थी, अपना एक नजरिया था, जिससे वह हिन्दुस्तान को देख रहे थेl वह हिंदुस्तान आज बहुत ही अलग होताl'

आपको बता दें कि, राजकुमार राव जल्द फिल्म स्त्री में नजर आयेंगेl इस फिल्म में उनके अलावा श्रद्धा कपूर की अहम भूमिका हैl 

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