जन्मदिन विशेष: हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार थे राजेश खन्ना
रूमानी अंदाज और कामयाब फिल्मों के लंबे सिलसिले के दम पर करीब डेढ़ दशक तक सिने प्रेमियों के दिलों पर राज करने वाले राजेश खन्ना के रूप में हिंदी सिनेमा को पहला ऐसा सुपरस्टार मिला।
मुंबई। रूमानी अंदाज और कामयाब फिल्मों के लंबे सिलसिले के दम पर करीब डेढ़ दशक तक सिने प्रेमियों के दिलों पर राज करने वाले राजेश खन्ना के रूप में हिंदी सिनेमा को पहला ऐसा सुपरस्टार मिला। राजेश खन्ना का जादू चाहने वालों के सिर चढ़कर बोलता था। उनका जन्म 29 दिसंबर 1942 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था।
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29 दिसंबर 1942 को जन्मे राजेश खन्ना का असल नाम जतिन अरोड़ा था। जतिन के माता-पिता भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान से आकर अमृतसर में बस गए थे। खन्ना दंपती जो जतिन के वास्तविक माता-पिता के रिश्तेदार थे, इस बच्चे को गोद ले लिया और पढ़ाया लिखाया। जतिन ने तब के बंबई स्थित गिरगांव के सेंट सेबेस्टियन हाई स्कूल में दाखिला लिया। उनके सहपाठी थे रवि कपूर जो आगे चलकर जितेंद्र के नाम से फिल्म जगत में मशहूर हुए।
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स्कूली शिक्षा के साथ-साथ जतिन की रुचि नाटकों में अभिनय करने की भी थी। अंत वे स्वाभाविक रूप से थिएटर की ओर उन्मुख हो गए। जतिन को राजेश खन्ना नाम उनके चाचा ने दिया था। यही नाम बाद में उन्होंने फिल्मों में भी अपना लिया।
यह भी एक हकीकत है कि जितेंद्र को उनकी पहली फिल्म में ऑडिशन देने के लिए कैमरे के सामने बोलना राजेश ने ही सिखाया था। जितेंद्र और उनकी पत्नी राजेश खन्ना को काका कहकर बुलाते थे।
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राजेश खन्ना ने 1966 में पहली बार 24 साल की उम्र में 'आखिरी खत' में काम किया था। इसके बाद राज, बहारों के सपने, औरत के रूप, जैसी कई फिल्में उन्होंने कीं। लेकिन उन्हें असली कामयाबी 1969 में आराधना से मिली जो उनकी पहली प्लेटिनम जुबली सुपरहिट फिल्म थी। आराधना के बाद हिंदी फिल्मों के पहले 'सुपरस्टार' का खिताब अपने नाम किया। उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार 15 सुपरहिट फिल्में कीं।