बाहुबली ने दक्षिण के फिल्म निर्माताओं के मन में भर दिया ये लालच
निर्देशक प्रशांत नील और अभिनेता यश दोनों का मानना था कि बाहुबली और एस एस राजमौली ने उन सब के लिए कमाई के नए द्वार खोल दिए हैं और उनमें भी हौसला आया है l
बेंगलुरु। निर्देशक एस एस राजमौली की बहु-प्रतिष्ठित फिल्म बाहुबली के दो भागों ने कमाई के मामले में सभी भाषाओं में कई रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए थे और यही कारण है कि दक्षिण भारत में अब उस तरह की फिल्म बनाने के लिए सभी हाथ-पैर मार रहे हैं ।
हालांकि यह एक क्षेत्रीय भाषा की फिल्म थी लेकिन इस फिल्म को जिस भी भाषा में डब किया गया उस भाषा में इस फिल्म ने रिकॉर्ड तोड़ कमाई की। जिसके बाद दक्षिण भारत के कई बड़े निर्माता और निर्देशकों को अन्य भाषा की विशेषकर हिंदी भाषी लोगों में दक्षिण के भारत की फिल्मों के प्रति कितना प्रेम है इस बात की जानकारी हो पाई और जिसके चलते अब कई निर्माता-निर्देशक उनकी फिल्म को बाहुबली के स्तर पर शूट कर भारत में और विदेशों में उसी स्तर पर रिलीज़ करने की तैयारी में है।
हाल ही में रिलीज़ हुए फिल्म केजीएफ के ट्रेलर लॉन्च पर फिल्म के निर्देशक प्रशांत नील और अभिनेता यश दोनों का मानना था कि बाहुबली और एस एस राजमौली ने उन सब के लिए कमाई के नए द्वार खोल दिए हैं और उनमें भी हौसला आया है कि वह उनकी फिल्मों का स्तर बड़ा बनाकर लोगों को सामने लेकर आएं। इससे वह सब ट्रेड सर्किट्स में मुनाफा कमा सकेंगे । फिल्म केजीएफ पांच भाषाओं में रिलीज़ हुई इस फिल्म का दूसरा भाग अगले साल आएगा । फिल्म में 70 के दशक के अंदाज़ को पेश किया गया है .
इस फिल्म को बनाने में पूरे 1000 दिन लगे हैं। हालांकि पूरी फिल्म की शूटिंग डेढ़ सौ से 200 दिनों में ही कर ली गई है लेकिन बाकी के दिन पोस्ट प्रोडक्शन और बाकी तैयारी में लगे हैं। फिल्म केजीएफ, कोलारी की सोने की खान से जुड़ी कहानी है । फिल्म की कहानी को अमिताभ बच्चन के एंग्री यंग मैन की छवि की तरह दिखाया गया है।
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