बेटियों की सुरक्षा को लेकर काजोल की है ये राय
काजोल "कई बार बेटी निसा और मैं लड़ भी लेते हैं लेकिन मैं इन बातों को लेकर स्ट्रीक्ट हूं और मुझे लगता है कि वह हर मां ऐसी ही होगी, जिसके टीनएज बच्चे हैं।"
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। काजोल ने हमेशा ये बातें स्वीकारी हैं कि वह बहुत ही प्रोटेक्टिव मदर हैं और वह अपने दोनों बच्चों के लिए वह हर जरूरी नियम बना कर रखती हैं, जो उस उम्र के बच्चों के लिए होने चाहिए।
काजोल कहती हैं कि वह कभी भी अपने बच्चों को घर में 'स्टारी ट्रीटमेंट' नहीं देतीं कि वह सेलिब्रिटी के बच्चे हैं। काजोल बताती हैं "मेरे बच्चों का भी टाइम तय है। उन्हें उस वक्त तक घर में आ ही जाना है। फिर चाहे उसके लिए कितनी भी चिल्लम-चिल्ली हो। कई बार बेटी निसा और मैं लड़ भी लेते हैं लेकिन मैं इन बातों को लेकर स्ट्रीक्ट हूं और मुझे लगता है कि वह हर मां ऐसी ही होगी, जिसके टीनएज बच्चे हैं। मैं अपने बच्चों को लेकर प्रोटेक्टिव हूं,क्योंकि वह मेरे बच्चे हैं।"
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काजोल आगे कहती हैं कि जब वह महिलाओं को लेकर होने वाले हादसों की ख़बरें सुनती हैं तो वह उतनी ही चिंतित होती हैं, जैसी कोई भी आम मां होंगी। "हां, मगर मैं जो भी चिंता करती हूं, वह बच्चों को दर्शाती नहीं हूं। मैं उन्हें इतना जरूर समझाती हूं कि दुनिया कैसी है। दुनिया में क्या क्या हो रहा है। उन्हें कैसे प्रीकॉशन लेने चाहिए। मैं बेवजह हमेशा उनके पीछे नहीं पड़ती। मैं निसा को हमेशा समझाती हूं कि रात में सड़क पर किसी भी हाल में अकेले मत चलो, गलत लोगों से दोस्ती मत करो। लेकिन साथ ही ऐसी कोशिश होती है कि उन्हें इतना भी न डरा दूं कि पता चले कि आगे चल कर वो हर चीज से डर रही है और कुछ कर भी न पाए। "
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काजोल कहती हैं कि हां उन्हें रियलिटी से वाकिफ कराना है लेकिन उनकी रियलिटी को इतना अधिक कलर्ड नहीं कर देना चाहिए कि वह अच्छी चीजों में भी नेगेटिविटी ढूंढने लगें।