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जैकी श्रॉफ ने मानी थी पिता की बात और बने हीरो

जे पी दत्त की फिल्म पलटन 7 सितंबर को रिलीज होने जा रही है।

By Rahul soniEdited By: Published: Wed, 29 Aug 2018 03:35 PM (IST)Updated: Wed, 29 Aug 2018 03:35 PM (IST)
जैकी श्रॉफ ने मानी थी पिता की बात और बने हीरो
जैकी श्रॉफ ने मानी थी पिता की बात और बने हीरो

रूपेशकुमार गुप्ता, मुंबई। जेपी दत्त की फिल्म पलटन में जैकी श्रॉफ अहम भूमिका में नजर आएंगे। इस फिल्म को लेकर अभिनेता जैकी श्रॉफ ने मुंबई में पत्रकारों से हुई बातचीत में कहा कि उनके बड़े भाई के अचानक निधन के बाद उन्हें उनके पिता ने कहा था कि उन्हें काम करना चाहिए क्योंकि घर में कोई कमाने वाला नहीं था।

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जैकी श्रॉफ ने आगे बताया कि, पिता ने कहा था कि उन्हें फिल्मों में ही हाथ आजमाना चाहिए क्योंकि उनका वीनस बहुत स्ट्रांग है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि वह पढ़ाई में बहुत कमजोर थे। उन्हें कुछ करना भी नहीं आता था। पढ़ाई करने के कारण वह काम नहीं कर पा रहे थे। साथ ही उन्हें न तो ठीक से अंग्रेजी आती थी और न ही हिंदी या मराठी। जिसके चलते ऐसे लोगों को कोई फिल्म में लेता ही नहीं था लेकिन उन्होंने उनके बाबा की बात सुनी और खूब मेहनत की और हीरो बन गए। इस मौके पर जैकी श्रॉफ ने यह भी कहा कि वह खुद को बहुत ही सौभाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें जे पी दत्ता की फिल्म में काम करने का अवसर मिला है। वह उनके साथ उनकी फिल्म बॉर्डर और एलओसी कारगिल और अब पलटन में काम कर रहे हैं। इस मौके पर जैकी श्रॉफ ने यह भी कहा कि वह उनके स्कूली दिनों में पायलट बनना चाहते थे जो कि उन्हें रील लाइफ में फिल्म बॉर्डर में बनने का अवसर मिला। फिल्म पलटन में वह एक कमांडिंग अफसर की भूमिका निभा रहे हैं। 

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आपको बता दें कि, पलटन जे पी दत्त की 11वीं फिल्म है। फिल्म में जैकी श्रॉफ, अर्जुन रामपाल, लव सिन्हा, सिद्धांत कपूर, गुरुमीत चौधरी, हर्षवर्धन राणे और साथ में सोनू सूद मेजर बिशन सिंह के किरदार में हैं। बॉर्डर और एल ओ सी कारगिल जैसी फिल्में बनाने वाले जे पी दत्ता भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास को दिखाने के लिए हमेशा आगे रहते हैं लेकिन इस बार वो पूरे युद्ध नहीं बल्कि एक पलटन की जांबाजी की कहानी लेकर आये हैं। ट्रेलर की शुरुआत तब के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के 1962 के उस भाषण से होती है जिसमें वो बता रहे हैं कि चीनी फौजों ने भारत की सीमा पर जबरदस्त हमले किये हैं। भारत चीन से 1962 वो युद्ध हार गया था। लेकिन ये कहानी 1967 में नाथूला (सिक्किम) पोस्ट की है।

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