'83' में साकिब को ऐसे मिला क्रिकेटर मोहिंदर का रोल, खुद बताई पूरी कहानी
saqib saleem in mohinder amarnath role अभिनेता साकिब सलीम अब कबीर खान निर्देशित फिल्म ‘83ट में नजर आएंगे। यह फिल्म भारतीय क्रिकेट टीम के 1983 में विश्वविजेता बनने पर आधारित है।
नई दिल्ली, स्मिता श्रीवास्तव। अभिनेता साकिब सलीम अब कबीर खान निर्देशित फिल्म ‘83' में नजर आएंगे। यह फिल्म भारतीय क्रिकेट टीम के 1983 में विश्वविजेता बनने पर आधारित है। वह पूर्व आलराउंडर क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ की भूमिका अभिनीत कर रहे हैं। उनसे बातचीत :
फिल्म '83' से कैसे जुड़ना हुआ?
जवाब : मुझे पता चला था कि कबीर खान भारतीय क्रिकेट टीम की ऐतिहासिक जीत पर फिल्म बनाने जा रहे हैं तो मैंने ही उनसे संपर्क किया। लुक टेस्ट के बाद मेरा चयन हो गया।
आपने मोहिंदर अमरनाथ से मुलाकात की?
जवाब : पहले भी एक फिल्म के सिलसिले में मैं उनसे मुलाकात कर चुका हूं। तब मैंने 1983 की जीत को लेकर उनसे तमाम सवाल किए थे। तब मुङो पता भी नहीं था कि ‘83 नाम की कोई फिल्म भी बन रही है और मैं उसमें मोहिंदर अमरनाथ बनूंगा। जब इस फिल्म को लेकर बात शुरू की तो मैं मोहिंदर सर के सपंर्क में फिर आया। बीते दिनों हम सारे एक्टर्स धर्मशाला में प्रशिक्षण के लिए एकत्र हुए थे। मोहिंदर सर के अलावा कपिल सर, मदनलाल सर और यशपाल सर भी वहां आए थे। हमें हर किसी के साथ वक्त बिताने का मौका मिला। मैं खुद बहुत बड़ा क्रिकेट प्रेमी हूं। मेरे लिए तो सपना सच होने जैसा था।
आपने 1983 के मैच को कितनी बार देखा है?
जवाब : रोज ही देखता हूं। उस वक्त के सेमीफाइनल और फाइनल के ही फुटेज उपलब्ध हैं, जो सार्वजनिक हैं। उस वक्त टीवी पर लाइव मैच प्रसारित नहीं होता था। टीवी फुटेज थे और रेडियो पर कमेंट्री सुनकर अंदाजा लगाया कि उस वक्त हुआ क्या था।
आप खुद स्टेट लेवल के क्रिकेटर रहे हैं। आपके लिए यह किरदार निभाना आसान होगा?
जवाब : आसान नहीं होगा। मोहिंदर अमरनाथ का खेलने का अपना स्टाइल था। उनका स्टाइल, एक्शन, बैटिंग काफी अलग है। मैंने अब तक अपने स्टाइल में खेला है। अब वह सब भूलकर उनके स्टाइल को सीखना चुनौतीपूर्ण बात है। बहरहाल, मुझे रोज अभ्यास करने को मिल रहा है। मैं काफी एंज्वॉय कर रहा हूं।
आपके लिए जीत और हार के क्या मायने रहे हैं?
जवाब : मुझे जीतना पसंद है। लेकिन खेलने का जो आनंद है, वह भी मजेदार होता है। मैं खिलाड़ी रहा हूं। मैं जीत और हार को उसी पैमाने पर माप सकता हूं।
जिंदगी में किस हार को स्वीकार करने में बहुत दिक्कत हुई?
जवाब : जीवन में हर दिन नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हर किसी का जीवन में एक लक्ष्य होता है, जो उसे हासिल करना होता है। कभी हम राह में आगे बढ़ते हैं, कई बार वहीं रुक जाते हैं। अगले दिन फिर कोशिश करनी पड़ती है। मैं सफर का आंनद लेता हूं। खुद पर अतिरिक्त दबाव नहीं डालता हूं कि ऐसे ही करना है। जिस क्षेत्र में हूं, बहुत खुश हूं। जीवन भर फिल्में करना चाहता हूं। कुछ फिल्में चलती हैं, कुछ नहीं चलतीं, लेकिन उससे अनुभव मिलता है।
लाइव मैच की कोई याद है?
जवाब : मैंने आईपीएल देखा है। जब मैं छोटा था, तो दिल्ली में एक टेस्ट मैच देखने गया था। तब समझ में नहीं आ रहा था कि हम इतनी दूर क्यों बैठे हैं। लेकिन अब पिछले दो-तीन सालों में मैंने एक-दो आईपीएल मैच देखे हैं। उसका एक्साइटमेंट अलग होता है। मैं देखने से ज्यादा मैदान में खेलना पसंद करता हूं।