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Happy Birthday Nargis Dutt: जब Nargis की जान बचाने के लिए आग में कूद गए थे Sunil Dutt

Happy Birthday Nargis Dutt मार्च 1958 में सुनील दत्त और नरगिस ने शादी की थी। दोनों के तीन बच्चे हुए संजय प्रिया और नम्रता हैं।

By Rahul soniEdited By: Published: Sat, 01 Jun 2019 10:30 AM (IST)Updated: Sat, 01 Jun 2019 05:26 PM (IST)
Happy Birthday Nargis Dutt: जब Nargis की जान बचाने के लिए आग में कूद गए थे Sunil Dutt
Happy Birthday Nargis Dutt: जब Nargis की जान बचाने के लिए आग में कूद गए थे Sunil Dutt

नई दिल्ली, जेएनएन। अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्रियों में से एक और प्रसिद्ध अभिनेता सुनील दत्त की पत्नी नरगिस का आज 1 जून को जन्मदिन है। नरगिस ने अपने अभिनय से दर्शकों दिलों में जगह बनाई और सिनेमा को उंचाई भी दी जिस कारण उन्हें आज भी याद किया जाता है। नरगिस ने शादी सुनील दत्त से की थी लेकिन राज कपूर से उनकी नजदीकियों की चर्चा उस दौर में भी थी। लेकिन जब सुनील दत्त ने अपनी जान पर खेलकर नरगिस को बचाया था तब नरगिस को लग गया था कि सुनील ही उनके जीवन के हमसफर हैं।

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नरगिस का जन्म 1 जून 1929 को पश्चिम बंगाल के कलकत्ता शहर में हुआ था। नरगिस के पिता उत्तमचंद मोहनदास एक जाने-माने डॉक्टर थे। उनकी मां जद्दनबाई मशहूर नर्तक और गायिका थी। मां के सहयोग से ही नरगिस फ़िल्मों से जुड़ीं और उनके कैरियर की शुरुआत हुई थी फिल्म 'तलाश-ए-हक' से। जिसमें उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया। उस समय उनकी उम्र महज 6 साल की थी।

राजकपूर से बढ़ी थीं नजदीकियां

नरगिस ने 1940 से लेकर 1950 के बीच कई बड़ी और हिट फिल्मों में काम किया। जैसे ‘बरसात’, ‘आवारा’, ‘दीदार’ और ‘श्री 420’। जब ये फिल्में आईं तब राज कपूर का दौर था। नरगिस ने राज कपूर के साथ 16 फिल्में की और ज्यादातर फिल्में सफल साबित हुईं थीं। इस बीच दोनों में नजदीकियां भी बढ़ने लगीं थी और दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया था। यहां तक कि दोनों ने शादी करने का मन भी बना लिया था। लेखिका मधु जैन की किताब 'द कपूर्स' के मुताबिक – "जब बरसात बन रही थी, नरगिस पूरी तरह से राज कपूर के लिए समर्पित हो चुकी थीं। यहां तक कि जब स्टूडियो में पैसे की कमी हुई तो नरगिस ने अपनी सोने की चूड़ियां तक बेचीं। उन्होंने दूसरे निर्माताओं की फिल्मों में काम करके आर.के फिल्म्स की खाली तिजोरी को भरने का काम किया।"

(तस्वीर - मिडडे)

राजकपूर जब 1954 में मॉस्को गए तो अपने साथ नरगिस को भी ले गए थे। कहते हैं यहीं दोनों के बीच कुछ ग़लतफहमी हुई और दोनों के बीच इगो की तकरार इतनी बढ़ी कि वह यात्रा अधूरी छोड़कर नरगिस इंडिया लौट आईं थीं। इसके बाद 1956 में आई फिल्म 'चोरी चोरी' नरगिस और राजकपूर की जोड़ी वाली आखिरी फिल्म थी। हालांकि वादे के मुताबिक राजकपूर की फिल्म 'जागते रहो' में भी नरगिस ने अतिथि कलाकार की भूमिका निभाई थी। यहां से दोनों के रास्ते बदल गए थे। दोनों के बीच कितना गहरा रिश्ता था इस बारे में ऋषि कपूर ने अपनी किताब 'खुल्लम खुल्ला ऋषि कपूर uncensored' में भी विस्तार से लिखा है।

(तस्वीर - मिडडे)

सुनील दत्त से प्यार और शादी

राज कपूर से अलग होने के ठीक एक साल बाद नरगिस ने 1957 में महबूब खान की 'मदर इंडिया' की शूटिंग शुरू कर दी थी। मदर इंडिया की शूटिंग के दौरान सेट पर आग लग गई थी। सुनील दत्त ने अपनी जान पर खेलकर नरगिस को बचाया और दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया था। मार्च 1958 में दोनों की शादी हो गई थी। दोनों के तीन बच्चे हुए, संजय, प्रिया और नम्रता हैं। अपनी किताब 'द ट्रू लव स्टोरी ऑफ़ नरगिस एंड सुनील दत्त' में नरगिस लिखा था कि राजकपूर से अलग होने के बाद वो आत्महत्या करने के बारे में सोचने लगी थीं। लेकिन, उन्हें सुनील दत्त मिल गए, जिन्होंने उन्हें संभाल लिया था। नरगिस ने लिखा था कि उन्होंने अपने और राज कपूर के बारे में सुनील दत्त को सब-कुछ बता दिया था। सुनील दत्त पर नरगिस को काफी भरोसा था।

(तस्वीर - मिडडे)

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