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इस दुनिया में नहीं रहीं 'कश्‍मीर की आशा भोसले'

वो उन चुनिंदा कलाकारों में से थीं, जिन्होंने सबसे पहले वर्ष 1947 में रेडियो कश्मीर पर गीत गाये थे। उस समय रिकॉर्डिंग की कोई व्यवस्था नहीं थी और प्रत्येक कार्यक्रम का सीधा प्रसारण होता था।

By Pratibha Kumari Edited By: Published: Wed, 26 Oct 2016 04:24 PM (IST)Updated: Wed, 26 Oct 2016 04:49 PM (IST)

श्रीनगर, आइएएनएस। पिछले सात दशकों से करोड़ों प्रशंसकों को मंत्रमुग्ध करने वाली आवाज आज हमेशा के लिए खामोश हो गई। पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध कश्मीरी गायिका राज बेगम का निधन हो गया। वह 89 वर्ष की थींं और 'कश्मीर की आशा भोसले' के नाम से लोकप्रिय थीं।

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पारिवारिक सूत्रों ने राज बेगम के निधन की पुष्टि की। वो लंबे समय से बीमार चल रही थीं। उनके परिवार में दो बेटे, एक बेटी आैर नाती-पोते हैं। वर्ष 1927 में जन्मीं राज बेगम को 2002 में पद्मश्री से नवाजा गया और 2013 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला। उन्होंने बचपन से ही गाना शुरु कर दिया था और बाद में वह विवाह समारोह में कार्यक्रम पेश करने लगींं। राज बेगम उन चुनिंदा कलाकारों में से थीं, जिन्होंने सबसे पहले वर्ष 1947 में रेडियो कश्मीर पर गीत गाये थे। उस समय रिकॉर्डिंग की कोई व्यवस्था नहीं थी और प्रत्येक कार्यक्रम का सीधा प्रसारण होता था।

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राज बेगम ने उस दौर में रेडियो पर गाना शुरु किया, जब गायिकी को अच्छे पेशे के रूप में नहीं देखा जाता था। अपनी गायिकी से वह कश्मीर घाटी में जाना पहचाना नाम बन गईं और उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी प्रस्तुति दी। वह वर्ष 1986 में रेडियो कश्मीर से सेवानिवृत हुईं। उनकी मधुर आवाज ने कश्मीरी संगीत प्रेमियों की कई पीढ़ियों पर राज किया।


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