‘मोहल्ला अस्सी’ में कुछ यूं नज़र आयेंगे अखिलेंद्र मिश्रा, जानिये बनारस प्रेम से जुड़ी उनकी कुछ रोचक बातें
अखिलेंद्र मिश्रा- “काम तो हम कर ही रहे हैं और करते ही रहेंगे लेकिन, अब मुझे लगने लगा है कि नयी पीढ़ी को भी कुछ देने का समय आता है तो वो समय अब आ गया है।”
हीरेंद्र झा, मुंबई। हाल ही में काफी समय से ठंडे बस्ते में पड़ी फ़िल्म 'मोहल्ला अस्सी' का ट्रेलर लॉन्च हुआ है। यूट्यूब पर यह ट्रेलर काफी देखा जा रहा है। चंद्रप्रकाश द्विवेदी के निर्देशन में बनी इस फ़िल्म में सनी देओल और साक्षी तंवर लीड रोल में हैं। यह फ़िल्म 16 नवंबर को रिलीज़ हो रही है।
गौरतलब है कि यह फ़िल्म मशहूर साहित्यकार डॉ. काशीनाथ सिंह के व्यंगात्मक शैली में लिखे उपन्यास 'काशी का अस्सी' पर आधारित है। नब्बे के दशक की शुरुआत में हुईं प्रमुख सियासी घटनाओं 'मंडल कमीशन' और अयोध्या में विवादित ढांचे के गिरने के रेफ़रेंस को कहानी में शामिल किया गया है। सेंसर बोर्ड के साथ विवाद की वजह से 'मोहल्ला अस्सी' काफ़ी वक़्त से रुकी हुई थी। फ़िल्म में किरदारों की बातचीत में स्थानीय लहज़े और भाषा का प्रयोग किया गया है, जिसकी वजह से कुछ आपत्तिजनक शब्द संवादों में आ गये हैं। वहीं, फ़िल्म के कुछ दृश्यों को लेकर भी विवाद हुआ था। तीर्थनगरी काशी में फ़र्ज़ी गुरुओं पर कमेंट करने वाली इस फ़िल्म में सनी देओल संस्कृत के टीचर के रोल में हैं, जो रूढ़िवादी सोच रखता है। लेकिन, इन सबके बीच फ़िल्म का एक कैरेक्टर प्रोमो जारी किया गया है, जिसमें थियेटर और फ़िल्म अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा भी अपने एक अलग रंग में दिखाई दे रहे हैं। इस लिंक पर आप यह रोचक वीडियो देख सकते हैं।
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54 साल के अखिलेंद्र मिश्रा इन दिनों अपनी फ़िल्म 'काशी: इन सर्च ऑफ़ गंगा' के लिए चर्चा में हैं। ‘लगान’ जैसी यादगार फ़िल्म में काम कर चुके अखिलेंद्र मिश्रा की शुरूआती पहचान टीवी सीरियल 'चंद्रकांता' में उनके क्रूर सिंह के किरदार से है। जागरण डॉट कॉम से एक ख़ास बातचीत में अखिलेंद्र मिश्रा खुलकर अपने बनारस प्रेम के बारे में बताते हैं। अखिलेंद्र कहते हैं- “ इस सृष्टि में मेरे लिए सबसे प्रिय जगह कोई है तो वो है बनारस। बनारस या काशी के साथ मेरा अद्भुत रिश्ता है। मैं वहां एक महीने भी रह जाऊं तो समय का मुझे अहसास नहीं होता। अगर कोई भी फ़िल्म बनारस में बन रही है और उसकी शूटिंग बनारस में होनी है तो यह सुनते ही मैं फ़िल्म के लिए हां कह देता हूं। इसी बहाने मैं सोचता हूं कि चलो एक राउंड बनारस का लगा लेते हैं, गंगा-दर्शन कर लेते हैं।”
बनारस से जुड़े अपने अनुभव साझा करते हुए अखिलेंद्र एक कमाल की बात बताते हैं। वो कहते हैं- “जब मैं बनारस एयरपोर्ट पर पहुंचता हूं तो होटल जाने से पहले मैं चार जगहों पर ज़रूर जाता हूं। मैं सबसे पहले काल भैरव जिन्हें काशी का कोतवाल कहा जाता है उनके मंदिर जाता हूं। उनके दर्शन के बाद मैं बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन करता हूं। जिसके बाद आदि शक्ति भगवती के दर्शन को जाता हूं और आखिर में संकटमोचन मंदिर जाता हूं। इन सबके दर्शन के बाद ही मैं होटल जाता हूं और दूसरे दिन से मेरा काम शुरू होता है। और मेरा ये अभी तक का तय रूटीन है, जब भी और जितनी बार भी मैं बनारस गया हूं।” वो आगे कहते हैं- ‘बनारस में एक अलग ऊर्जा है, उस ऊर्जा को जो अनुभव कर सकता है वही समझ सकता है। जीवन-मरण के चक्कर से मोक्ष भी सभी को इसी धरती पर मिलती है। बनारस के लोग भी बड़े प्यारे हैं और खाना पीना तो है ही लाजवाब।”
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‘मोहल्ला अस्सी’ के अपने किरदार के बारे में बात करते अखिलेंद्र मिश्रा कहते हैं कि फ़िल्म में उनका किरदार छोटा सा ही है लेकिन, अहम है। उनके मुताबिक इस रोल के लिए चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने ख़ास तौर से उनसे कहा। वो कहते हैं कि जब कोई डायरेक्टर आप पर भरोसा करता है तो काम आसान हो जाता है। बता दें कि अखिलेंद्र मिश्रा इन दिनों साहित्य, नाटक, कला, सिनेमा और संस्कृति को लेकर अलग-अलग फेस्टिवल में लगातार भाग ले रहे हैं। वो कहते हैं कि- “काम तो हम कर ही रहे हैं और करते ही रहेंगे लेकिन, अब मुझे लगने लगा है कि नयी पीढ़ी को भी कुछ देने का समय आता है तो वो समय अब आ गया है।”