Move to Jagran APP

Adipurush Controversy: विक्रम भट्ट ने आदिपुरुष के मेकर्स को मारा ताना, बोले- पहले वह इस बात का निर्णय कर लें

Adipurush Controversy आदिपुरुष को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस फिल्म पर अब बॉलीवुड और टीवी सितारे भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे है। रामानंद सागर की रामायण के एक्टर्स के बाद अब हाल ही में बॉलीवुड के निर्देशक विक्रम भट्ट ने फिल्म के विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए मेकर्स पर तंज कसा है और उन्हें ये निर्णय लेने के लिए कहा।

By Tanya AroraEdited By: Tanya AroraPublished: Fri, 23 Jun 2023 02:17 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jun 2023 02:17 PM (IST)
Adipurush Controversy Vikram Bhatt Taunts Om Raut and Makers Says First You Decide It is Based on Ramayana/Instagram

नई दिल्ली, जेएनएन। Adipurush Controversy: 'आदिपुरुष' की कंट्रोवर्सी थमने का नाम ही नहीं ले रही है। ओम राउत के निर्देशन में बनी इस फिल्म पर आए दिन कोई न को विवाद खड़ा हो रहा है। हालांकि, नेपाल में अब फिल्म पर से बैन हटने के बाद मेकर्स ने राहत की सांस ली है।

loksabha election banner

आदिपुरुष के विवाद को लेकर रामानंद सागर की रामायण से जुड़े एक्टर्स ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए निराशा व्यक्त की थी। अब हाल ही में 1920 के निर्देशक विक्रम भट्ट ने 'आदिपुरुष' के मेकर्स पर तंज कसा है।

विक्रम भट्ट ने 'आदिपुरुष' के मेकर्स पर कसा तंज

विक्रम भट्ट ने हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए 'आदिपुरुष' के पूरे विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। हालांकि, निर्देशक ने अपनी इस खास बातचीत में ये भी बताया कि उन्होंने अब तक प्रभास और कृति की फिल्म 'आदिपुरुष' नहीं देखी है।

विक्रम भट्ट ने कहा, "पहले तो मैं इस बात को लेकर बहुत कन्फ्यूज हूं कि आदिपुरुष रामायण है या फिर नहीं है। मुझे ये बताया गया कि डिस्क्लेमर में शुरुआत में ये लिखा गया है कि 'आदिपुरुष' रामायण पर आधारित नहीं है, बल्कि उससे प्रेरित है।

लेकिन इसके साथ ही उन्होंने थिएटर में एक सीट हनुमान जी के लिए आरक्षित की है। क्योंकि जहां रामायण होती है, वहां हनुमान जी होते हैं। तो, ये फिल्म रामायण है या नहीं है, मेकर्स पहले इसका निर्णय ले लें"।

इस तरह की फिल्में प्रॉफिट के लिए नहीं होती हैं- विक्रम भट्ट

विक्रम भट्ट ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बताया कि साल 1943 में उनके दादा विजय भट्ट ने रामराज्य पर एक फिल्म बनाई थी। वह अकेली ऐसी फिल्म थी जिसे महात्मा गांधी ने देखा था। उन्होंने कहा, "इस तरह की फिल्में मनोरंजन या फिर वर्ल्डवाइड नंबर के लिए नहीं होती हैं।

सच कहूं तो इस तरह की फिल्में लोगों के विश्वास, आस्था और पूजा के लिए बनाई जाती है। पुराने दिनों में लोग अपने पसंदीदा देवताओं के मंदिर बनवाते थे, वह किसी फायदे के लिए नहीं होता था। यह उनकी उपासना और आभार का एक जरिया है। जब आप लोगों को पूजा के लिए बुला रहे हैं, तो फिर उसे पूजनीय ही रखें"।

आपको बता दें कि विक्रम भट्ट 1920 के साथ एक बार फिर से स्क्रीन पर लौट रहे हैं। इस हॉरर मूवी में अविका गौर मुख्य भूमिका में दिखाई देंगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.