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रूमानी संगीतकार थे सचिन देव बर्मन

भारतीय सिनेमा में एक शख्स का योगदान कोई खारिज नहीं कर सकता। हम बात कर रहे हैं सचिन देव बर्मन की। उनके जन्मदिन पर उन्हें याद किए बिना नहीं रहा जाता। बर्मन साहब अपनी धुनों को इस सरलता और सहजता से सजाते थे कि उनका हर गीत सुनने वाले के दिल में उतर जाता था। गायिकी में भी वे उनके ही कमाल के थे। आज भी सुनने वाले

By Edited By: Published: Tue, 01 Oct 2013 10:15 AM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2013 10:15 AM (IST)
रूमानी संगीतकार थे सचिन देव बर्मन

भारतीय सिनेमा में एक शख्स का योगदान कोई खारिज नहीं कर सकता। हम बात कर रहे हैं सचिन देव बर्मन की। उनके जन्मदिन पर उन्हें याद किए बिना नहीं रहा जाता। बर्मन साहब अपनी धुनों को इस सरलता और सहजता से सजाते थे कि उनका हर गीत सुनने वाले के दिल में उतर जाता था। गायिकी में भी वे उनके ही कमाल के थे। आज भी सुनने वाले एसडी बर्मन को उनके सहज और सरल मगर शानदार संगीत के लिए याद करते हैं।

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सुरों का भी सरताज है

सचिन देव बर्मन को एसडी बर्मन के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म एक अक्टूबर, 1906 को त्रिपुरा में हुआ था। उनके पिता त्रिपुरा के राजा ईशानचंद्र देव बर्मन के दूसरे पुत्र थे। ये नौ भाई-बहन थे।

सचिन देव ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से बीए की शिक्षा प्राप्त की। संगीत की दुनिया में उन्होंने सितारवादन के साथ कदम रखा। कलकत्ता विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने 1932 में कलकत्ता रेडियो स्टेशन पर गायक के तौर पर अपने पेशेवर जीवन की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने बांग्ला फिल्मों तथा फिर हिंदी फिल्मों की ओर रुख किया।

1933 से 1975 तक बर्मन दा बंगाली व हिंदी फिल्मों में सक्त्रिय रहे। 1938 में एसडी बर्मन ने गायिका मीरा से विवाह किया व एक वर्ष बाद राहुल देव बर्मन का जन्म हुआ।

एसडी बर्मन ने अस्सी से भी ज्यादा फिल्मों में संगीत दिया। उन्होंने हिंदी फिल्मों में बहुत से दिल को छूने वाले कर्णप्रिय यादगार गीत दिए हैं। सचिन देव ने गाइड में अल्ला मेघ दे, पानी दे., वहां कौन है तेरा मुसाफिर जाएगा कहां., फिल्म प्रेम पुजारी में प्रेम के पुजारी हम हैं., फिल्म सुजाता में सुन मेरे बंधु रे, सुन मेरे मितवा जैसे गीतों को अपनी आवाज देकर उन्हें अमर बना दिया। उन्होंने फिल्म तलाश, बंदिनी, अमर प्रेम आदि फिल्मों में भी गानों को अपनी आवाज दी।

इनकी प्रमुख फिल्में हैं मिली, अभिमान, ज्वैल थीफ, गाइड, प्यासा, बंदनी, सुजाता और टैक्सी ड्राइवर।

सचिन देव ने देव आनंद के नवकेतन बैनर के अलावा विमल राय, गुरुदत्त, ऋषिकेश मुखर्जी की कई फिल्मों में बेहतरीन संगीत दिया। 1969 की फिल्म आराधना में भी उनका ही संगीत था। इस फिल्म से एक ओर सुपरस्टार राजेश खन्ना का उदय हुआ वहीं, गायक किशोर कुमार के करियर को भी नई ऊंचाई मिली।

1970 के दशक में उन्होंने शर्मीली, तेरे मेरे सपने, फागुन, अभिमान, मिली, चुपके चुपके जैसी फिल्मों में हिट संगीत दिया।

एसडी बर्मन को 1974 में लकवे का आघात लगा। 31 अक्टूबर, 1975 को इस प्रतिभाशाली संगीतकार का निधन हो गया।

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