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उत्‍तराखंड: नेता प्रतिपक्ष को लेकर दिल्ली में मंथन

देहरादून में 24 मार्च से प्रस्तावित पहले विधानसभा सत्र के मद्देनजर कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर मंथन तेज हो गया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 21 Mar 2017 11:56 AM (IST)Updated: Wed, 22 Mar 2017 04:01 AM (IST)
उत्‍तराखंड: नेता प्रतिपक्ष को लेकर दिल्ली में मंथन
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: सूबे में नई सरकार के गठन और 24 मार्च से प्रस्तावित पहले विधानसभा सत्र के मद्देनजर कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर मंथन तेज हो गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को नई दिल्ली में इस मुद्दे पर पार्टी की प्रदेश प्रभारी अंबिका सोनी के साथ चर्चा की। प्रदेश संगठन ने हाईकमान के सामने नेता प्रतिपक्ष पद को चार नाम इंदिरा हृदयेश, गोविंद सिंह कुंजवाल, प्रीतम सिंह और करन माहरा आगे बढ़ाए हैं। विधानसभा सत्र से पहले कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष की घोषणा कर सकती है।
राज्य में चौथी विधानसभा के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस के दूसरी बार सत्ता पर काबिज होने के मंसूबे धरे रह गए। पार्टी को महज 11 सीटें मिली हैं। प्रदेश की नई भाजपा सरकार 24 मार्च से विधानसभा सत्र आहूत कर चुकी है। सोमवार को प्रोटेम स्पीकर के रूप में हरबंस कपूर को कमान मिल चुकी है। ऐसे में विपक्षी दल कांग्रेस पर अब नेता प्रतिपक्ष जल्द तय करने का दबाव है। इस सिलसिले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने सोमवार को दिल्ली का रुख किया। प्रदेश प्रभारी अंबिका सोनी के आवास पर नेता प्रतिपक्ष को लेकर हुई बैठक में प्रदेश सह प्रभारी संजय कपूर भी मौजूद रहे।
नेता प्रतिपक्ष को लेकर प्रदेश में चार नवनिर्वाचित विधायकों की प्रबल दावेदारी मानी जा रही है। वरिष्ठ विधायक इंदिरा हृदयेश पिछली कांग्रेस सरकार में नंबर-दो की हैसियत पर रहीं, साथ में बतौर विधायी एवं संसदीय कार्य मंत्री के नाते उन्होंने सदन में कांग्रेस पर विपक्ष के हमलों का बचाव किया तो बीती 18 मार्च को हरीश रावत सरकार पर संकट मंडराने के दौरान कानूनी लड़ाई समेत दांव-पेचों में उन्होंने उन्होंने अहम भूमिका निभाई। वरिष्ठता के नाते इंदिरा के दावे को अहम माना जा रहा है।
वहीं निवर्तमान विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल भी नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में बताए जा रहे हैं। कुंजवाल ने कांग्रेस में बगावत के बाद सरकार को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस लिहाज से वह पद के प्रबल दावेदार हैं। पार्टी ने वरिष्ठता पर नए और युवा चेहरों को तरजीह दी तो चकराता विधायक एवं पूर्व काबीना मंत्री प्रीतम सिंह और रानीखेत से विधायक करन माहरा नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में नया दांव हो सकते हैं। 
प्रीतम सिंह उत्तराखंड राज्य में अब तक हुए चार विधानसभा चुनाव में सभी में विजयी रहे हैं। कांग्रेस की पिछली दो सरकारों में वह काबीना मंत्री रह चुके हैं। प्रीतम सिंह को हाईकमान की पंसद भी माना जाता रहा है। वहीं विधायक करन माहरा रानीखेत सीट से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को हराकर निर्वाचित हुए हैं। माहरा को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का करीबी भी माना जाता है। सोमवार को बैठक में उक्त चार नामों पर मंथन हुआ। माना जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष के नाम का एलान जल्द हो सकता है। देखना ये है कि पार्टी वरिष्ठ नेताओं या युवा चेहरों में से किस पर नई जिम्मेदारी के लिए भरोसा जताती है।

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