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    इतिहास के झरोखे से... 24 साल तक लगातार केंद्रीय मंत्री रहने का रिकॉर्ड है इनके नाम

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Fri, 05 Apr 2019 07:08 PM (IST)

    जालंधर लोकसभा सीट से चार बार सांसद रहे सरदार स्वर्ण सिंह के नाम सबसे अधिक समय तक केंद्रीय मंत्री रहने का रिकॉर्ड है।

    इतिहास के झरोखे से... 24 साल तक लगातार केंद्रीय मंत्री रहने का रिकॉर्ड है इनके नाम

    जालंधर [अविनाश कुमार मिश्र]। जालंधर लोकसभा सीट से चार बार सांसद रहे सरदार स्वर्ण सिंह के नाम सबसे अधिक समय तक केंद्रीय मंत्री रहने का रिकॉर्ड है। वह 1952 से 1976 तक 24 साल लगातार केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रहे। हालांकि, मंत्रालय बदलते रहे। यूं तो बाबू जगजीवन राम के सबसे अधिक समय 30 वर्ष तक कैबिनेट मंत्री बने रहने का रिकॉर्ड है, लेकिन वह लगातार कैबिनेट मंत्री नहीं रहे।

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    स्वर्ण सिंह के बाद से जालंधर से अब तक चार बार कोई भी सांसद नहीं बन सका। स्वर्ण सिंह का जन्म जालंधर के ही शंकर गांव में 19 अगस्त 1907 को हुआ था। उन्होंने कपूरथला के रणधीर कॉलेज से हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। लाहौर के सरकारी कॉलेज से फिजिक्स ऑनर्स से स्नातक की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने लायलपुर खालसा कॉलेज में फिजिक्स के लेरर के रूप में सेवाएं दीं। यहां से नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने सरकारी लॉ कॉलेज, लाहौर से 1932 में एलएलबी की पढ़ाई की। इसके बाद वह वकालत का अभ्यास करने लगे।

    ऐसे हुआ राजनीतिक जीवन का उदय और विस्तार

    वकालत करने के दौरान स्वर्ण सिंह अकाली दल में शामिल हो गए। 1940 के आते आते वह एक चर्चित नेता भी बन गए। 1940 की शुरुआत में कांग्रेस और अकाली दल में समझौता कराने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 1946 में विधानसभा चुनाव से पहले बलदेव सिंह ने पैंथिक पार्टी का गठन किया, जिसके स्वर्ण सिंह उपनेता भी बने। पंजाब विधानसभा चुनाव में 1946 में स्वर्ण सिंह जीते और संसदीय सचिव बने। देश की आजादी के दिन 15 अगस्त 1947 को पंजाब के गृहमंत्री बने। वह पंजाब विभाजन समिति के सदस्य भी रहे थे।

    मंत्री पद के साथ केंद्रीय राजनीति में पदार्पण

    पं. जवाहर नेहरू के मंत्रिमंडल में 13 मई 1952 को इन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया। उन्हें निर्माण, आवास और आपूर्ति विभाग मिला। वर्ष 1957 में हुए दूसरे लोकसभा चुनाव में वे जालंधर से पहली बार जीते। इस बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में इस्पात, खान और ईंधन मंत्री के रूप में शामिल हुए। लोकसभा चुनाव 1962, 1967 और 1971 भी वह जालंधर से ही जीते। वह 1962 में रेल मंत्री, 1962-63 में खाद्य और कृषि मंत्री, 1964-66 में विदेश मंत्री, 1966-70 तक रक्षा मंत्री, 1970-74 तक विदेश मंत्री और 1974-75 तक रक्षा मंत्री रहे।

    इनकी सिफारिश पर ही संविधान में शामिल हुए मौलिक कर्तव्य

    वर्ष 1976 में आपाताकाल के दौरान केंद्र की इंदिरा गांधी की सरकार ने सरदार स्वर्ण सिंह के नेतृत्व में संविधान में 42वें संवैधानिक संशोधन के लिए एक समिति का गठन किया गया, जिसने कई अहम सुझाव दिए। स्वर्ण सिंह की अध्यक्षता वाली इसी समिति की सिफारिश पर ही संविधान में मौलिक कर्तव्यों को शामिल किया गया था।

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