Lok Sabha Election 2019 : पहला मुद्दा, पहला वोट : दुरुस्त हो सरकारी शिक्षा, रोजगार की मिले गारंटी
Lok Sabha Election 2019. गांवों में सरकारी शिक्षा बदहाल है। शिक्षकों की कमी है। बेटियां किसी तरह पढ़ भी लेती हैं तो उच्च शिक्षा के लिए भटकने लगती हैं। अब यह तस्वीर बदलनी चाहिए।
घाटशिला पूर्वी सिंहभूम, संस। Lok Sabha Election 2019 गांवों में सरकारी शिक्षा बदहाल है। शिक्षकों की कमी है। बेटियां किसी तरह पढ़ भी लेती हैं तो उच्च शिक्षा के लिए भटकने लगती हैं। अब यह तस्वीर बदलनी चाहिए। केंद्र व राज्य सरकार मिल कर इस दिशा में पहल करें। इस चुनाव में भी युवाओं का यह भी एक बड़ा मुद्दा है। जो लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, इस पर ध्यान दें। यही नहीं पार्टियां चुनावी घोषणा पत्र में इस मांग को शामिल करें। उक्त राय है घाटशिला अनुमंडल स्थित बलदेव दास संतलाल महिला कालेज की छात्राओं की।
दैनिक जागरण के अभियान 'पहला मुद्दा, पहला वोट' में सोमवार को इस कालेज की छात्राओं ने खुलकर अपनी बातें कहीं। जब चर्चा चली तो महिला सशक्तीकरण से लेकर रोजगार और स्वरोजगार पर भी बातें हुईं। जहां केंद्र सरकार के अच्छे कामों की खूब तारीफ हुई, वहीं समय पर योजनाओं के पूरा नहीं होने पर सरकार की आलोचना भी हुई। कई छात्राओं ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग की सख्ती के बावजूद यहां बीएलओ नहीं आए। बड़ी संख्या में युवा वोटर मतदाता सूची में जुडऩे से वंचित रह गए हैं। ऐसी छात्राओं ने संकल्प लिया कि अगली बार वोटर जरूर बनेंगी। छात्राओं ने एक स्वर से कहा कि प्रत्याशी पढ़ा-लिखा होना चाहिए। यूथ की समस्या को महसूस करने वाला होना चाहिए।
दैनिक जागरण का यह अभियान अनूठा : बाला
प्राचार्य पुष्कर बाला ने कहा कि दैनिक जागरण का यह अभियान अनूठा है। इससे युवाओं को विचार साझा करने का मौका मिलेगा। मुद्दों के प्रति समझ भी विकसित होगी। सांसद का चुनाव सोचकर करें। अच्छे प्रतिनिधि को चुनेंगे तो भविष्य में पश्चाताप नहीं करना पड़ेगा। नए वोटर ऐसे प्रत्याशी चुनें जो यूथ की समस्याओं के प्रति भी सजग हो। मतदान जरूर करें।
इनकी सुनें
लोकसभा चुनाव में राष्ट्र निर्माण व राष्ट्र हित को ध्यान में रखकर मतदान करूंगी। स्थानीय मुद्दे भी हैं। शिक्षा व्यवस्था में सुधार जरूरी है। जनप्रतिनिधि योग्य और शिक्षित होना चाहिए।
- मनी महतो, बीए पार्ट थर्ड
शिक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत है। छात्राएं स्नातक के बाद आगे नहीं पढ़ पाती हैं। तकनीक शिक्षा व उच्च शिक्षा की जिले में कोई व्यवस्था नहीं है। पार्टियां घोषणा पत्र में बताएं कि वह क्या करने वाली हैं।
- मोनिका गोप, बीए पार्ट थर्ड
गांव में रोजगार के साधन नहीं हैं। कोई पहल आजतक नहीं हुई। हमें ऐसा सांसद चाहिए जो रोजगार दिल सके। गांव से यूथ पलायन को मजबूर नहीं हों। अपने राज्य में ही उन्हें रोजगार मिल जाए।
- संगीता गिरी, बीए पार्ट थ्री
चुनाव में महिला सशक्तीकरण व महिला सुरक्षा मुद्दा होगा। वर्तमान में छात्राएं और महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं। शाम होते घर पहुंचने की चिंता होने लगती है। देर तक काम करने की आजादी मिलनी चाहिए।
- अष्टमी महतो, बीए पार्ट थर्ड
मेरे गांव में बिजली नहीं आती है। गांव परेशान है। युवाओं को पढ़ाई में परेशानी होती है। गांव पर किसी का ध्यान ही नहीं है। इस चुनाव में बिजली ही मेरा मुद्दा है। जो समाधान कराएगा, वही वोट पाएगा।
- जोबा सोरेन, बीए पार्ट थर्ड
केंद्र व राज्य सरकार कम से कम प्रखंड स्तर पर तकनीकी शिक्षा दिलाने का प्रबंध करे। यह सुनिश्चित हो कि पढ़ाई के बाद रोजगार दिया जाएगा। जीवन यापन योग्य बनाया जाएगा।
- सरस्वती हांसदा, बीए पार्ट थर्ड
पहला मुद्दा, पहला वोट
- दैनिक जागरण के अभियान 'पहला मुद्दा, पहला वोटÓ में घाटशिला के बलदेव दास संतलाल महिला कालेज की छात्राओं ने खुलकर रखीं बातें
- स्नातक के बाद आगे की पढ़ाई नहीं कर पा रहीं गांव की बेटियां
- चुनावी घोषणा पत्रों में पार्टियां बताएं कि चुनाव बाद क्या करेंगी