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Lok Sabha Election 2019: वोटरों ने बदले 2009 में 11 और 2014 में 6 सांसद

Lok Sabha Election 2019. इस बार 11 वर्तमान सांसद लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। अकेले भाजपा के आठ सांसद चुनाव लड़ रहे हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 06:12 AM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 06:12 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: वोटरों ने बदले 2009 में 11 और 2014 में 6 सांसद
Lok Sabha Election 2019: वोटरों ने बदले 2009 में 11 और 2014 में 6 सांसद

रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। Lok Sabha Election 2019 झारखंड में वोटरों के मिजाज का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। इसी कारण राजनीतिक दल भी अपने सांसदों पर पूरा भरोसा नहीं कर पाते। पिछले चुनावों के राजनीतिक समीकरण और आंकड़े बताते हैं कि यहां के वोटर बड़ी संख्या में अपने सांसदों को बदल देते हैं। झारखंड गठन के बाद हुए लोकसभा चुनावों में ऐसा ही हुआ है। इस बार भी वर्तमान 11 सांसद चुनाव लड़ रहे हैं। अब देखना है कि इनमें से कितने अपनी सीट बचा पाते हैं।

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इस बार वर्तमान सांसद जो चुनाव लड़ रहे हैं उनमें विजय हांसदा (झामुमो), शिबू सोरेन (झामुमो), निशिकांत दूबे (भाजपा), सुनील कुमार सिंह (भाजपा), पीएन सिंह (भाजपा), लक्ष्मण गिलुवा (भाजपा), विद्युत वरण महतो (भाजपा), सुदर्शन भगत (भाजपा), वीडी राम (भाजपा), जयंत सिन्हा (भाजपा) तथा रामटहल चौधरी (निर्दलीय) शामिल हैं। चार वर्तमान सांसदों में रवींद्र राय, रवींद्र पांडेय, कडिय़ा मुंडा तथा रामटहल चौधरी को टिकट ही नहीं मिला और भाजपा ने इनकी सीटों पर अपने प्रत्याशी बदल दिए हैं। अब रामटहल निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं।

2014 के लोकसभा चुनाव में जनता ने छह सांसदों को बदल दिया था। इनमें से राजमहल से देवीधन बेसरा, पलामू से कामेश्वर बैठा, कोडरमा से बाबूलाल मरांडी, रांची से सुबोधकांत सहाय, चतरा से इंदर सिंह नामधारी तथा सिंहभूम से मधु कोड़ा शामिल हैं। हालांकि इनमें से कुछ सीटों पर पार्टी ने अपने उम्मीदवार ही बदल दिए थे, लेकिन उनकी भी हार हो गई।

जैसे, भाजपा ने राजमहल सीट पर देवीधन बेसरा की जगह हेमलाल मुर्मू को टिकट दे दिया था। बाबूलाल मरांडी ने कोडरमा से स्वयं नहीं लड़कर प्रणव कुमार वर्मा को टिकट दे दिया था। बाबूलाल स्वयं दुमका से लड़े थे। इस चुनाव में दोनों की हार हो गई थी। इसी तरह, पलामू से कामेश्वर बैठा ने झामुमो के बजाए तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। वहां न तो झामुमो के उम्मीदवार जीता न ही कामेश्वर बैठा। 

दो निर्दलीय ने कांग्रेस से छीन ली थी दो सीट
2009 के चुनाव की बात करें तो दुमका, कोडरमा व रांची सीटों पर ही सांसद अपनी सीट बचा पाए थे। भाजपा ने कांग्रेस से गोड्डा, धनबाद, खूंटी तथा लोहरदगा सीट छीन ली थी। इसी तरह, इसने झामुमो से भी राजमहल, गिरिडीह, जमशेदपुर तथा भाकपा से हजारीबाग सीट छीन ली थी। निर्दलीय उम्मीदवार इंदर सिंह नामधारी ने चतरा व कांग्रेस सीट कांग्रेस से छीन ली थी। 

2009 में इन सांसदों की हुई हार
प्रत्यक्ष हार
हेमलाल मुर्मू  राजमहल  झामुमो
टेकलाल महतो  गिरिडीह  झामुमो
फुरकान अंसारी गोड्डा  कांग्रेस
चंद्रशेखर दूबे  धनबाद  कांग्रेस
बागुन सुम्ब्रई  सिंहभूम  कांग्रेस
रामेश्वर उरांव लोहरदगा कांग्रेस
भुवनेश्वर मेहता हजारीबाग सीपीआइ

यहां पार्टियां हारीं
सुनील कुमार महतो (निधन के बाद पत्नी सुमन महतो उम्मीदवार थीं)  जमशेदपुर झामुमो
धीरेंद्र अग्रवाल (कांग्रेस ने धीरज प्रसाद साहू को टिकट दिया था जो हार गए)  चतरा   कांग्रेस
सुशीला केरकेट्टा (कांग्रेस ने निएल तिर्की को टिकट दिया था जो हार गए)  खूंटी  कांग्रेस
मनोज कुमार  (राजद ने घूरन राम को टिकट दिया था जो हार गए) पलामू  राजद 

2014 में हारे थे ये सांसद
प्रत्यक्ष हार 
सुबोधकांत सहाय  रांची  कांग्रेस
कामेश्वर बैठा (दल बदलकर टीएमसी से लड़े फिर भी हार गए) पलामू  झामुमो 
बाबूलाल मरांडी  (दुमका से लड़े फिर भी हार गए) कोडरमा  झाविमो
यहां पार्टियां हारीं
देवीधन बेसरा (भाजपा ने इनके बदले हेमलाल मुर्मू को टिकट दिया था जो हार गए)  राजमहल भाजपा
मधु कोड़ा  (पत्नी गीता कोड़ा को चुनाव लड़ाया जो हार गईं)  सिंहभूम  निर्दलीय
नोट : निर्दलीय इंदर सिंह नामधारी ने चुनाव ही नहीं लड़ा था।


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