Loksabha election 2019 : काशी में 40 की जमानत जब्त कर काशी ने दिया प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी की सुनामी लोकसभा चुनाव 2014 में चली तो कई राज्यों और क्षेत्रों के क्षत्रप ही उड़ गए। साथ ही जाति के सामाजिक समीकरण के किले भी ध्वस्त हो गए।
वाराणसी [अशोक सिंह]। नरेंद्र मोदी की सुनामी लोकसभा चुनाव 2014 में चली तो कई राज्यों और क्षेत्रों के क्षत्रप ही उड़ गए। साथ ही जाति के सामाजिक समीकरण के किले भी ध्वस्त हो गए। चुनाव का शुरू से ही केंद्र वाराणसी संसदीय क्षेत्र रहा, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने यहां अपने प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मैदान में उतारा था। मतदान के बाद सुनामी की हालत यह हुई कि जब ईवीएम खुले तो चुनाव मैदान में उतरे कुल 42 में से 40 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। इसके साथ ही काशी की धरती ने अबकी बार मोदी सरकार के नारे को चरितार्थ करते हुए देश को प्रधानमंत्री दे दिया।
मतदान के बाद आखिर वह दिन आया जिसका देश को इंतजार था। पूरे देश की निगाहें वाराणसी पर लगी थीं, क्योंकि यहां भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी मैदान में थे। ईवीएम खुले तो दूसरे राउंड के बाद मोदी के खिलाफ विरोधियों के संघर्ष की स्थिति ही खत्म हो गई। हालत यह हुई कि जैसे-जैसे मतगणना के राउंड आगे बढ़े वैसे-वैसे मोदी जीत की तरफ ही नहीं, बल्कि जीत की ऊंचाईयों से भी ऊपर उठते गए। जब अंतिम परिणाम की घोषणा हुई तो नरेंद्र मोदी पांच लाख 81 हजार 22 मत पाकर विजयी हुए। मोदी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल को दो लाख 88 हजार 784 मतों के भारी अंतर से पराजित कर दिया। अरविंद केजरीवाल को दो लाख 92 हजार 238 मत मिले।
प्रत्याशी |
पार्टी | मिले मत |
नरेंद्र मोदी | भाजपा | 581022 |
अरविंद केजरीवाल | आप | 292238 |
अजय राय | कांग्रेस | 75614 |
विजय जायसवाल | बसपा | 60579 |
कैलाश चौरसिया | सपा | 45291 |
चुनाव के दौरान मोदी के खिलाफ खूब हवा बनाई गई। कांग्रेस, सपा, बसपा के बड़े नेताओं ने दिन-रात एक कर दिया। कई के रोड शो आदि प्रचार माध्यम काफी सफल रहे लेकिन जब वोट की बारी आई तो मतदाताओं ने पूरी तरह नकार दिया। तब सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी और जुझारू नेता अजय राय को मात्र 75 हजार 614 मत मिले। इसी प्रकार प्रदेश की सत्ता में मौजूद समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार में मंत्री कैलाश चौरसिया भी मैदान में थे। उन्हें तो मात्र 45 हजार 291 मत मिले। उन्हें मतदाताओं ने नकार दिया। बसपा के भी प्रत्याशी विजय जायसवाल को मात्र 60 हजार 579 मत मिले। भाजपा और मोदी के खिलाफ देश भर में आवाज बुलंद करने वाली सीपीआइ के प्रत्याशी और संघर्षशील नेता हीरालाल दो हजार 457 वोटों तक सिमट गए। इतना ही नहीं जहां 16 प्रत्याशियों ने एक से डेढ़ हजार ही मत प्राप्त किए तो 10 प्रत्याशी तीन अंक से भी आगे नहीं बढ़ सके।
नोटा पर पड़े मत |
2051 |
प्रत्याशियों की संख्या | 42 |
जीत का अंतर | 288784 |
यह जरूर देखने को मिला कि मतदाताओं ने नोटा को विशेष महत्व नहीं दिया। नोटा पर मात्र 2051 मत पड़े। वाराणसी में चुनाव लडऩे के लिए कई प्रत्याशी बाहर से आए लेकिन उन्हें मतदाताओं ने नकार दिया। ज्यादातर कुछ सैकड़ा मत प्राप्त कर वापस चले गए। इस चुनाव में देखने को मिला कि वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में आने वाली सभी विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा की बढ़त रही। जो समाजवादी पार्टी के कब्जे में थीं वहां भी वे कुछ विशेष नहीं कर सके। इस प्रकार भाजपा ने अपनी जीत का सिलसिला न केवल बरकरार रखा, बल्कि उसे और भी मजबूत किया।