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'बिहार में अप्रत्याशित परिणाम वाला होगा यह चुनाव', और क्या बोले बिहार कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश? पढ़िए पूरा इंटरव्यू

Lok sabha Election 2024 बिहार चुनाव कांग्रेस प्रभारी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहन प्रकाश ने कहा है कि चुनाव एजेंडे पर होता है और भाजपा के पास कोई विजन ही नहीं है। विशेष बातचीत में उन्होंने कई राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि बिहार में यह लोकसभा चुनाव अप्रत्याशित परिणाम वाला होगा। पढ़िए बातचीत में और किन मुद्दों पर उन्होंने अपनी राय रखी।

By Jagran News Edited By: Deepak Vyas Published: Thu, 23 May 2024 12:49 PM (IST)Updated: Thu, 23 May 2024 12:49 PM (IST)
Lok sabha Election 2024: बिहार कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश से बातचीत

विकाश चन्द्र पाण्डेय, जागरण। बिहार में धूल-धूसरित कांग्रेस जब अपना स्वर्णिम अतीत तक भूलने लगी हो, वैसे काल में भी मोहन प्रकाश अगर उसके सुनहरे भविष्य का सपना देख रहे तो वह उनकी संगठनात्मक जिजीविषा ही है। उम्र आराम का संकेत कर रही, लगातार की बैठकी और लंबी यात्रा से रीढ़ का दर्द-दबाव उखड़ जा रहा, लेकिन कांग्रेस का हाथ मजबूत किए बिना उन्हें विश्राम नहीं। चुनाव की घोषणा से कुछ दिन पहले ही उन्हें बिहार कांग्रेस का प्रभार मिला। तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं था, फिर भी चुनावी अभियान की दशा-दिशा तय करने के लिए सदाकत आश्रम (कांग्रेस का प्रदेश मुख्यालय) में आ डटे हैं। वहां एकांत में हुई उनसे बातचीत का कुछ अंश प्रस्तुत कर रहे हैं विकाश चन्द्र पाण्डेय।

प्रश्र: कांग्रेस की संभावना और अपने प्रभार के संदर्भ में बिहार से संबंधित आपका क्या दृष्टिकोण है? क्या बिहार आपको अवसर देगा?

उत्तर: प्रभार वगैरह संगठनात्मक है। लोकसभा का यह चुनाव बिहार में अप्रत्याशित परिणाम वाला होगा। बिहार हमेशा से राजनीतिक व वैचारिक रूप से बहुत ही जागरूक रहा है। देश के जो हालात हैं, उसमें बिहार बदलाव चाहता है। बिहार में हम कहां जाकर रुकेंगे, अभी नहीं कह सकते। आम जनता, गरीब-मध्यम वर्ग में परिवर्तन की भूख है, क्योंकि लोग परेशान हैं, और कई बार तो लाचारी की स्थिति आ जाती है। इसलिए मौजूदा केंद्रीय सरकार को हर हाल में वे बदलना चाहते हैं।

प्रश्न: बिहार में आपको कई मोर्चे उल्टे पड़े। औरंगाबाद-वाल्मीकिनगर सीट छोड़नी पड़ी। पूर्णिया पर पचड़ा हुआ। लालू ने आपको ऐसी-वैसी सीटें दे दीं, वह भी जैसे कि अहसान हो?

उत्तर: पांच चरण का चुनाव संपन्न हो जाने के बाद गठबंधन और सीट की बात नहीं होती। जब एक बड़े उद्देश्य के लिए लड़ रहे हों तो समझौते करने पड़ते हैं। महागठबंधन में अपनी संभावना की अच्छी सीटों पर हर पार्टी की दावेदारी रही है। गठबंधन में सभी के विचारों का आदर करना होता है। महागठबंधन एकजुट होकर लड़ाई में है। कांग्रेस बिहार की सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

प्रश्न: तो यह माना जाए कि अपनी सीटों-संभावनाओं पर कहीं न कहीं समझौता करना पड़ा है?

उत्तर: पूरे देश के पैमाने पर समझौता करना पड़ा है। यह पहली बार हुआ है कि पंजाब और बंगाल को छोड़ हर राज्य में गैर-भाजपा दल एकजुट हैं। हर सीट पर विपक्ष का इकलौता प्रत्याशी है। पंजाब और बंगाल में भी आपसी सहमति से हम अलग लड़ रहे हैं। वह एक तरह की आम सहमति है।

प्रश्न: चुनाव के लिहाज से बिहार का मोर्चा कहां कठिन लग रहा है?

उत्तर: चारों तरफ तो हवा है। यह सरकार अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार है। इलेक्टोरल बांड ही एक उदाहरण है, जिसे सर्वोच्च न्यायालय अवैध ठहरा चुका है। कोई दूसरा देश होता तो प्रधानमंत्री को त्यागपत्र देना पड़ता। प्रधानमंत्री को इसका दायित्व लेना होगा, क्योंकि जिसके यहां छापा पड़ा, उसने दूसरे दिन इलेक्टोरल बांड खरीदा और तीसरे दिन भाजपा को दिया।

प्रश्न: पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय दर्जा और बिहार को विशेष दर्जा मिलेगा या नहीं?

उत्तर: इतने पुराने और गौरवशाली विश्वविद्यालय के बारे में प्रधानमंत्री को उत्तर देना चाहिए। सत्ता में आने पर कांग्रेस का पूरा प्रयास पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय दर्जा देने का होगा। हमारी सरकार आई तो वह तय करेगी कि किन राज्यों की विशेष सहायता करनी है, ताकि वे पूर्ण रूप से विकसित हो सकें। कांग्रेस पहले भी प्रयास करती रही है और आगे भी करेगी। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के वादे पूरे नहीं हुए।

प्रश्न: राहुल गांधी एक जनसभा के बाद बिहार नहीं आए। वे रायबरेली में चुनाव लड़ रहे और पूरे देश में प्रचार कर रहे।

उत्तर: एक बार आए हैं और बचे दो चरणों के दौरान उनके आने की संभावना है। खरगे साहब, जयराम रमेश, दिग्विजय सिंह आ चुके हैं। अब शशि थरूर आ रहे। कांग्रेस से प्रतिदिन कोई न कोई राष्ट्रीय नेता बिहार में है।

प्रश्न: राहुल की न्याय-यात्रा का कितना असर रहा है?

उत्तर: भारत जोड़ो यात्रा व न्याय यात्रा के दौरान जो लाखों लोग राहुल को मिले, उनकी चिंता, वेदना और उनके सपने, इन्हीं तीनों को हमने न्याय-पत्र में समाहित किया है। आज जो पूरे देश में बदलाव की लहर देख रहे, उसके कारण में राहुल की वे यात्राएं भी हैं। इस चुनाव में गरीब और मध्यम वर्ग ठगा हुआ महसूस कर रहा, क्योंकि मोदी ने अपने वादे पूरे नहीं किए।

प्रश्न: मुस्लिम आरक्षण की बात की जा रही है। कर्नाटक का उदाहरण दिया जा रहा।

उत्तर: एकदम गलत है। प्रधानमंत्री बिना तथ्यों के अनर्गल बातें कर रहे। संविधान में स्पष्ट रूप से शैक्षणिक व सामाजिक आधार है। वे व्यर्थ की बातें बोल रहे, जैसे कि पाकिस्तान खुश हो रहा। क्या उन्हें मालूम है? जिसका संबंध होगा, उसे ही तो पता होगा न कि कौन सुखी और कौन दुखी है। और वे उस कांग्रेस को कह रहे, जिसने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए।

प्रश्न: आईएनडीआईए के सूत्रधार नीतीश कुमार रहे। लालू और नीतीश दोनों से आपके संबंध मधुर हैं। अब क्या दोनों को साथ लाएंगे?

उत्तर: यह प्रश्न तो नीतीश कुमार से पूछा जाना चाहिए। जब दो पक्ष हैं तो उसमें से जनता किसी एक को चुनेगी। मेरी यह क्षमता और औकात नहीं।

प्रश्न: आगे विधानसभा चुनाव भी है।

उतर: मेरा मानना है कि विधानसभा चुनाव जल्द ही होंगे। लोकसभा चुनाव के बाद संगठन और विधानसभा चुनाव हमारे एजेंडे में है।

प्रश्न: मोदीजी बार-बार बिहार आ रहे। कोई एजेंडा होगा?

उत्तर: अब यह उनका अधिकार है। देश में किसी भी पार्टी का नेता कहीं भी आ-जा सकता है। वे आएं, लेकिन उनको यह बताना चाहिए कि बिहार के लिए वे क्या कर रहे और क्या किया है उन्होंने। कोई भी सरकार या पार्टी चुनाव में अपनी उपलब्धियां और आगे का विजन बताती है। कांग्रेस ने यही किया है, लेकिन प्रधानमंत्री अपना विजन न बताकर भैंस, मंगलसूत्र की बात कर रहे। यह स्तर मैं समझता हूं कि प्रधानमंत्री को यह शोभा नहीं देता। भाजपा की सबसे बड़ी विफलता रही कि वह एजेंडा ही सेट नहीं कर पाई। वह किस आश्वासन पर वोट मांग रही। आज कुछ, कल कुछ। हर दिन नए मुद्दे आ रहे, जो आम जनता से जुड़े मुद्दे नहीं।

प्रश्न: बिहार के लिए चुनावी मुद्दे क्या हैं?

उत्तर: यह राष्ट्रीय चुनाव है और कांग्रेस के मुद्दे साफ हैं। महंगाई, बेरोजगारी। सरकार द्वारा प्रायोजित महंगाई है। करों की लूट और मित्रों को लाभ की छूट महंगाई का कारण है। किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ। एमएसपी के लिए सात सौ किसानों ने जान दी। कांग्रेस ने वादा किया है कि हम कानून बनाकर एमएसपी देंगे। जनता के बीच हम अपना न्याय-पत्र लेकर जा रहे। उसमें हमारी गारंटियां हैं। गरीब परिवार की महिला को प्रति वर्ष एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। 30 लाख नौजवानों को अगस्त के पहले नौकरी देंगे। पेपर-लीक का स्थायी निदान करेंगे। अग्निवीर योजना को समाप्त कर पुरानी योजना को बहाल करेंगे। दस किलो राशन देंगे।


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