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Lok sabha Election 2024: महाराष्ट्र में मचा राजनीतिक घमासान, दोनों गठबंधनों की पार्टियों में कई सीटों पर फंस रहा पेंच

लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। देशभर में विभिन्न रा​जनीतिक पार्टियां प्रत्याशियों को टिकट देने की जुगत में लगी हुई है। लोकसभा चुनाव के लिए कई सीटों को लेकर गठबंधन की पार्टियों में पेंच फंस रहा है तो कहीं प्रत्या​शियों के नाम फाइनल करने के पसोपेश में भी विभिन्न राजनीतिक पार्टियां उलझी हुई हैं। ऐसा ही हाल महाराष्ट्र में भी देखने को मिल रहा है।

By Jagran News Edited By: Deepak Vyas Published: Sun, 07 Apr 2024 04:00 AM (IST)Updated: Sun, 07 Apr 2024 04:00 AM (IST)
महाराष्ट्र में विभिन्न गठबंधन की पार्टियों में कुछ सीटों पर फंसा हुआ है पेंच।

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। महाराष्ट्र में भी लोकसभा चुनाव को लेकर महाविकास अघाड़ी और बीजेपी शिवसेना शिंदे गुट सहित विभिन्न पार्टियों में प्रत्याशी सूची जारी करने की उलझनें बढ़ी हुई हैं। इसी बीच महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 33 पर मुकाबलों को लेकर तस्वीर साफ हो गई है, लेकिन 15 सीटें ऐसी हैं, जिन पर स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है। क्योंकि महाराष्ट्र के दोनों गठबंधन ही आपस में सीटों का बंटवारा नहीं कर पाए हैं।

एमवीए ने पांच सीटों पर नहीं की घोषणा

भाजपानीत महायुति ने अभी तक आठ सीटों पर और महाविकास अघाड़ी ने पांच सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा अभी तक नहीं की है। अब तक जिन 13 सीटों पर एक-एक उम्मीदवार की घोषणा की गई है, उनमें संभाजीनगर (चंद्रकांत खैरे), उत्तर पश्चिम मुंबई (अमोल कीर्तिकर), दक्षिण मुंबई (अरविंद सावंत), नासिक (राजाभाऊ वाजे), रत्नागिरी सिंधुदुर्ग (विनायक राउत), राजन विचारे (ठाणे), वैशाली दारकेकर (कल्याण) और पालघर (भारती कामड़ी) शामिल हैं। ये सभी उम्मीदवार शिवसेना (यूबीटी) द्वारा घोषित किए गए हैं। महायुति के सहयोगियों ने अभी तक इन निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।

दूसरी ओर भाजपा ने धुले (सुभाष भामरे), रावसाहेब दानवे (जालना), रंजीतसिंह निम्बालकर (माढा), पीयुष गोयल (उत्तर मुंबई) और रावेर (रक्षा खडसे) के नामांकन की घोषणा की है। संयोगवश महाविकास आघाड़ी के साझेदारों ने अभी तक इन सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।

सीट बंटवारे को लेकर मच रही रार!

दोनों गठबंधनों में सीट बंटवारे का फैसला न हो पाने में फर्क सिर्फ इतना है कि मविआ में सीटों के बंटवारे के लेकर रार होती दिखाई दे रही है, तो महायुति के तीनों दल प्रत्येक चरण के अनुसार नामांकन से पहले अपने उम्मीदवार तय करते जा रहे हैं। जैसे ठाणे जनपद के अंतर्गत आनेवाली दो सीटों कल्याण एवं ठाणे को लेकर शिवसेना शिंदे गुट एवं भाजपा में रस्साकशी चल रही थी। अब भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने मान लिया है कि कल्याण से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र डॉ.श्रीकांत शिंदे ही उम्मीदवार होंगे। वर्तमान सांसद भी वही हैं। लेकिन ठाणे संसदीय सीट को लेकर अभी फैसला नहीं हो सका है।

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ठाणे में फंस रहा पेंच

शिवसेना (यूबीटी) ने यहां से अपने वर्तमान सांसद राजन विचारे को टिकट दिया है। भाजपा का मानना है कि ठाणे में वह शिवसेना शिंदे गुट की तुलना में ज्यादा मजबूत उम्मीदवार दे सकती है। जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गृहनगर होने के कारण शिंदे यह सीट अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहते, लेकिन महायुति में किसी सीट को लेकर कोई तकरार जैसी स्थिति नहीं दिखाई दे रही है।

कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) में ठनी

दूसरी ओर महाविकास आघाड़ी में तकरार इस हद तक बढ़ चुकी है कि हाल ही में उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस को यह कहकर चेतावनी दे डाली कि या तो सहयोगी की भूमिका निभाओ या मुकाबला करो। उद्धव के कड़े रुख के कारण ही कांग्रेस को संजय निरुपम जैसे वरिष्ठ नेता से भी हाथ धोना पड़ा है। निरुपम न सिर्फ कांग्रेस के पूर्व सांसद रहे थे, बल्कि वह संगठनात्मक रूप से भी मुंबई कांग्रेस का नेतृत्व कर चुके थे। शिवसेना (यूबीटी) कांग्रेस से उसकी परंपरागत सीट सांगली भी छीन चुकी है। मुंबई में वह उसे वही दो सीटें देना चाहती है, जहां उसके पास अपने मजबूत उम्मीदवार नहीं है।

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